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ड्राइविंग ट्रैक में आ रही कमियों को खुद जांचा आयुक्त ने...कही ये बड़ी बात - परिवहन आयुक्त रवि जैन

परिवहन विभाग ने जयपुर के जगतपुरा आरटीओ ऑफिस में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर अब लोगों को चार अलग-अलग टेस्ट से गुजरना होगा. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 13 जगहों पर इस तरह के ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनका ऑटोमेशन होना बाकी है.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक की सुविधा शुरू, transport Department
परिवहन आयुक्त ने ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक में की कमियों को जांचा
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Published : Dec 23, 2020, 9:06 PM IST

जयपुर. परिवहन विभाग ने राजधानी जयपुर के जगतपुरा आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस लिए पहुंच रहे लोगों को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक की सुविधा शुरू की है. इस ट्रैक को पूरी तरह से कैमरे की निगरानी में रखा गया है. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों को अब चार अलग-अलग टेस्ट को पास करना होगा.

परिवहन आयुक्त ने ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक में की कमियों को जांचा

बीते मंगलवार को इस ट्रैक पर टेस्ट देने वाले 33 में से 19 लोग फेल हो गए थे, जिसके बाद परिवहन आयुक्त और एडिशनल कमिश्नर दोनों इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का जायजा लेने पहुंचे. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 13 जगहों पर इस तरह के ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक बन कर तैयार हो चुके हैं जिनका ऑटोमेशन होना बाकी है. इन सभी ट्रेक पर अभी ट्रायल चल रहा है. इस ट्रायल में हमे देखना होगा कि कितने लोग पास हो रहे हैं, किस तरह की गलतियां कर रहे हैं. ये ट्रायल अभी 7 से 10 दिनों तक चलेगा.

पढ़ें- किसानों को निर्धारित ब्लाॅक में पर्याप्त बिजली देने के निर्देश, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

आयुक्त ने कहा कि वे खुद मंगलवार को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर गए थे और इस टेस्ट में लोगों के फेल होने की वजहें जानने की कोशिश की. सड़क हादसों में कमी लाने के लिए इस प्रकार के ट्रैक मददगार साबित होंगे. अभी जिन लोगों को वाहन चलाना नहीं आता उन्हें भी लाइसेंस मिल जाता है, लेकिन ऑटोमेटिक ट्रैक के आ जाने से कुशल लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाएगा.

जयपुर. परिवहन विभाग ने राजधानी जयपुर के जगतपुरा आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस लिए पहुंच रहे लोगों को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक की सुविधा शुरू की है. इस ट्रैक को पूरी तरह से कैमरे की निगरानी में रखा गया है. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों को अब चार अलग-अलग टेस्ट को पास करना होगा.

परिवहन आयुक्त ने ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक में की कमियों को जांचा

बीते मंगलवार को इस ट्रैक पर टेस्ट देने वाले 33 में से 19 लोग फेल हो गए थे, जिसके बाद परिवहन आयुक्त और एडिशनल कमिश्नर दोनों इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का जायजा लेने पहुंचे. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 13 जगहों पर इस तरह के ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक बन कर तैयार हो चुके हैं जिनका ऑटोमेशन होना बाकी है. इन सभी ट्रेक पर अभी ट्रायल चल रहा है. इस ट्रायल में हमे देखना होगा कि कितने लोग पास हो रहे हैं, किस तरह की गलतियां कर रहे हैं. ये ट्रायल अभी 7 से 10 दिनों तक चलेगा.

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आयुक्त ने कहा कि वे खुद मंगलवार को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर गए थे और इस टेस्ट में लोगों के फेल होने की वजहें जानने की कोशिश की. सड़क हादसों में कमी लाने के लिए इस प्रकार के ट्रैक मददगार साबित होंगे. अभी जिन लोगों को वाहन चलाना नहीं आता उन्हें भी लाइसेंस मिल जाता है, लेकिन ऑटोमेटिक ट्रैक के आ जाने से कुशल लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाएगा.

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