जयपुर. प्रदेश के विभिन्न थानों में प्रकरणों की पेंडेंसी को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने पिछले महीने कुछ कांन्स्टेबल को अनुसंधान अधिकारी बनाने को लेकर एक आदेश जारी किया था. आदेश जारी होने के बाद पूरे प्रदेश से ऐसे कांन्स्टेबल चयनित किए गए, जो अनुसंधान करने में सक्षम हैं और जिन्हें अनुसंधान अधिकारी बनाया जा सकता है. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब उन्हें ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है. इसके लिए पहले कुछ कांन्स्टेबल को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे और अन्य दूसरे कांन्स्टेबल को अनुसंधान के विषय में ट्रेनिंग देंगे.
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एडिशनल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) राहुल प्रकाश में बताया कि पुलिस मुख्यालय के आदेशों के अनुसार कांन्स्टेबल को अनुसंधान अधिकारी बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इसके लिए ट्रेनिंग फॉर ट्रेनर का आयोजन किया जा रहा है और कुछ चयनित कांन्स्टेबल को अनुसंधान अधिकारी के तमाम कार्यों और अनुसंधान की बारीकियों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है. चयनित कांन्स्टेबल ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन कांन्स्टेबल ट्रेनिंग देंगे, जो अनुसंधान अधिकारी बनाए जाने के लिए चयनित किए गए हैं.
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एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने कहा कि वर्तमान में तमाम थानों में अनुसंधान अधिकारियों की कमी है और ऐसे में अनेक प्रकरण पेंडिंग पड़े हैं. इसके चलते एक ही अनुसंधान अधिकारी के पास अनेक प्रकरणों का अनुसंधान करने का दबाव है. ऐसे में जब ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कांन्स्टेबल अनुसंधान अधिकारी बनाए जाएंगे तो थानों में प्रकरणों की पेंडेंसी भी कम की जा सकेगी और दूसरे अनुसंधान अधिकारियों पर वर्क लोड भी कम होगा.