जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज तीसरे दिन भी विधानसभा की शुरुआत (Rajasthan Assembly budget session day 3) हंगामे के साथ हुई. खास बात ये रही कि जिन चार विधायकों रामलाल शर्मा, मदन दिलावर ,चंद्रभान सिंह आक्या और अविनाश गहलोत को कल विधानसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित (Tradition Broken In Rajasthan Legislative Assembly) किया गया था वो चारों विधायक सदन पहुंच गए. जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई चारों विधायकों को सदन में देख मुख्य सचेतक महेश जोशी ने ऐतराज जताया. उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी से यह मांग की कि चारों विधायकों को सदन से बाहर निकाला जाए.
पूरे घटनाक्रम पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ कुछ बोलने लगे स्पीकर सीपी जोशी (CP Joshi On Mlas Suspension) ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद एक बार फिर विधानसभा में भाजपा के सभी विधायक नारेबाजी करने लगे. नारेबाजी के बीच राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने प्रश्नकाल की शुरुआत कर दी. प्रश्नकाल में आज भी भाजपा के विधायकों ने अपनी ओर से लगाए गए प्रश्न नहीं पूछे.
और स्पीकर ने दिलाई संसदीय परंपरा की याद: र सीपी जोशी ने बगैर सवाल पूछे जवाब मंत्रियों से दिलवा दिए. भाजपा विधायकों ने जब इसका विरोध किया और कहा कि यह संसदीय परंपरा नहीं है तो स्पीकर सीपी जोशी ने भी उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि संसदीय परंपरा का ज्ञान आप मुझे मत दो, जो खुद जिन चार विधायकों को निलंबित किया गया है उन विधायकों को सदन के अंदर लेकर आ गए हो.
स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आज जो सदन में हुआ है यह इतिहास में लिखा जाएगा.आज तक प्रश्नकाल कभी नहीं रोका गया कल आप भी सत्ता में आओगे लेकिन सत्ता में आने के बाद आप क्या उदाहरण रखेंगे, आपने अपनी बात रखी है सरकार अपनी बात कहेगी. जनता निर्णय करेगी. जनता के निर्णय का हनन करने का अधिकार आपको नहीं है.
सदन की कार्यवाही रोकने का काम सही नहीं है. मैं निवेदन करता हूं प्रश्नकाल की गरिमा को बनाए रखिए आप को अधिकार है, लेकिन चार सदस्यों जिन्हें बाहर निकाला है उनको अंदर लाने का काम आपने किया है. स्पीकर ने कहा कि मैंने सबकी इच्छा के खिलाफ फैसला किया कि आप निलंबित सदस्यों को विधानसभा में न पक्ष लॉबी तक ले आए लेकिन सदन के अंदर लाना वह गलत है.
जिन चार सदस्यों को निलंबित किया है उन्हें न पक्ष लॉबी में भेजें और फिर मेरे चेंबर में आकर बात करें. नहीं तो यह संसदीय लोकतंत्र में गलत परंपरा बन जाएगी. स्पीकर सीपी जोशी ने नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चारों सदस्यों को बाहर भेजें नहीं तो सदन चलेगा और आपकी इच्छा हो न हो. स्पीकर सीपी जोशी के निर्देशों को मानते हुए भाजपा ने चारों निलंबित सदस्यों को सदन से बाहर भेज दिया.
यह होती है निलंबित विधायकों को लेकर प्रक्रिया: विधानसभा से अगर स्पीकर बहुमत से निलंबन के प्रस्ताव को पारित कर दे तो निलंबित विधायक जब तक उनका निलंबन वापस ना हो जाए सदन के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते. लेकिन आज चारों निलंबित विधायक सदन में पहुंच गए और विधानसभा की यह पुरानी परंपरा टूट गई.
यह होता है प्रश्न को लेकर नियम: आज विधानसभा में कुल मिलाकर 22 सवाल लगाए गए जिनमें से 14 सवाल भाजपा विधायकों की ओर से लगाए गए थे.
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रश्न पूछने की एक प्रक्रिया होती है. दरअसल तारांकित प्रश्न का जवाब उसी स्थिति में दिया जाता है जब या तो प्रश्नकर्ता विधायक सदन में मौजूद हो या फिर उसका कोई प्रतिनिधि.
भाजपा विधायकों ने अपनी ओर से लगाए गए सवालों का जवाब नहीं मांगा लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने भी अपनी तरफ से ही इन सवालों के जवाब मंत्रियों से दिलवा दिए. इससे भी राजस्थान विधानसभा में एक नई परंपरा की नींव रख दी गई थी.