सोनीपत/जयपुर: ये बात हम शर्तिया तौर पर कह सकते हैं कि पूरे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी यूपी के खाने-पीने का शौकीन शख्स ये जानते हैं कि मुरथल किस चीज के लिए मशहूर है. दिल्ली आईएसबीटी से सोनीपत की तरफ करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर बने ढाबे अपने लजीज खान-पान के लिए दूर-दूर तक मशहूर है.
मुरथल के ढाबों पर दिन-रात ग्राहकों का आना जाना लगा रहता है. यहां के ढाबों में सबसे ज्यादा फेमस अमरीक सुखदेव ढाबा अपने स्पेशल पराठों के लिए इतना चर्चित है कि आस-पड़ोस के राज्यों से लोग सिर्फ पराठे खाने की चाह में पहुंच जाते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने खाने-पीने के शौकीनों ने इन पराठों को बहुत मिस किया. करीब तीन महीने बाद जैसे ही सरकार से रेस्टोरेंट में खाने-पीने की अनुमति मिली. पहले ही दिन से हजारों लोग मुरथल के ढाबों की तरफ रुख करने लगे.
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मुरथल में एक बार फिर रौनक लौट आई. ढाबों पर बढ़ती भीड़ को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने भी अमरीक सुखदेव ढाबे पर पहुंची तो तस्वीरें हैरान करने वाली थी. उसी दौरान इस ढाबे से सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाने वाली वीडियो भी वायरल हुई.
हमने किया था सचेत, नहीं दिखाई गंभीरता
ईटीवी भारत ने इस बारे में स्थानीय पुलिस को भी सचेत किया था. जिस पर मुरथल थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया था कि वो इस मामले में गंभीरता बरत रहे हैं. ढाबा संचालकों को सचेत किया जा रहा है, और नियमों का उल्लंघना होने पर चालान भी काटा जा रहा है. लेकिन हुआ वही, जिसका डर था. 4 सितंबर को मुरथल के दो मशहूर ढाबे, अमरीक सुखदेव और गरम-धरम ढाबों के करीब 75 कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले.
ढाबों को किया गया सील
मुरथल के इन दोनों ढाबों पर इतनी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव कर्मी मिलने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. जिला उपायुक्त श्यामलाल पुनिया ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए. वहीं दोनों ढाबों को भी सैनिटाइजेशन के लिए सील कर दिया गया. अब बेशक प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा हो, लेकिन सबसे बड़ी चिंता उन लोगों के लिए है. जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में सुखदेव ढाबे पर खाना खाया है और इन कर्मचारियों के सम्पर्क में आए हैं. प्रशासन का कहना है कि वो कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं.
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कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग है मुश्किल
भले प्रशासन कोई भी आश्वासन दे, लेकिन ये सच है कि ये तमाम दावे पानी पर लाठी से वार करने वाली कहावत है, कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग इतना आसान नहीं है, अनुमान है कि सिर्फ सुखदेव अमरीक ढाबे पर पिछले 10-12 दिनों में दस हजार लोग आए हैं, जिनका ढाबे पर कोई रिकॉर्ड नहीं है.
कैसे होती है कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग?
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मतलब होता है कि संक्रमित शख्स के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना. जब भी कोई व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित पाया जाता है, तो प्रशासन उससे जानकारी लेकर उसके संपर्क में आए लोगों तक पहुंचता है. इसका उद्देशय संक्रमण को और ज्यादा फैलने से रोकना है. ट्रांसमिशन की चेन तोड़ना ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मकसद है.