जयपुर. प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सोमवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF 2020) में प्रदेश की नई टूरिज्म पॉलिसी पर चर्चा करते हुए दिखाई दिए. इससे पहले उन्होंने जब जेएलएफ शुरू हो रहा था, तब इसका विरोध करते हुए 30 लाख रुपए की स्पॉन्सरशिप वापस लेने की बात कही थी.
जेएलएफ के आखिरी दिन फ्रंट लोन में टूरिज्म को लेकर मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कई बातें कहीं. मंत्री ने नई टूरिज्म पॉलिसी पर बोलते हुए कहा कि हम स्वछता पर जोर दे रहे हैं. नई पॉलिसी के तहत देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट की सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जाएगा. साथ ही लोगों से अपील की जाएगी कि वे हजारों साल पुरानी विरासत को नष्ट ना करें.
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मंत्री ने नए टूरिज्म सर्किट्स पर बात करते हुए कहा कि राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र अलवर में 52 किले हैं लेकिन लोगों को सिर्फ 5 किलों के बारे में ही जानकारी है. नए सर्किट्स में धार्मिक स्थानों के साथ-साथ वाइल्ड लाइफ, संग्रहालयों को भी जोड़ा जाएगा. सैशन के दौरान पर्यटन मंत्री ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में टूरिज्म के क्षेत्र में कुछ काम नहीं हुआ. इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान टूरिज्म को प्रोमोट और मार्केटिंग करने की बात कही.
मंत्री ने कहा कि कई जगहों पर लोग हिंदी नहीं जानते और कई जगहों पर अंग्रेजी. इसलिए राजस्थान को ऐसी जगहों पर प्रोमोट करेंगे जहां से राजस्थान का पर्यटन सुधरेगा.
विशेष सत्र में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आमेर पर लिखी गई किताब 'सीक्रेट ऑफ आमेर' को भी लांच किया. इस पर चर्चा के दौरान उन्होंने पूरे राजस्थान में रिस्पांसिबल और सस्टेनेबल टूरिज्म की बात कही. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि कैसे राजस्थान सरकार प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए वचनबद्ध है और क्या-क्या नए प्रयास किए जा रहे है.
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पर्यटन मंत्री ने बताया कि राजस्थान में आमेर एक नगीने की तरह है, जिस पर विकास को लेकर काफी काम किया जाना है. इसे आईकॉनिक टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित किया जाना है, जिस पर काम जारी है. उन्होंने कहा राजस्थान सरकार की कोशिश रहेगी कि जिस तरीके से आमेर, जंतर मंतर और जयपुर का परकोटा विश्व विरासत में शुमार हो चुका है. ऐसे ही प्रदेश के अन्य मॉन्यूमेंट्स भी इस सूची में शामिल होने चाहिए.