जयपुर. आज का दिन इस बार बहुत ही अद्भुत और दुर्लभ है. रविवार को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है और रविवार को साल का सबसे बड़ा दिन होगा. जानकारी के लिए बता दें कि इस प्रकार का ग्रहण पिछली बार 21 अगस्त 1933 को लगा था और अब रविवार को ठीक उसी प्रकार का सूर्यग्रहण लग रहा है.
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आज सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रहा है और फिर दोपहर 11 बजकर 56 मिनट पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर होगा. वहीं, दोपहर के 1 बजकर 44 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा.
बता दें कि कंकण सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 2 बजकर 35 मिनट के मध्य में अलग-अलग समय पर भारत में दिखेगा. साथ ही राजस्थान के अलग अलग शहरों में ये सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र, गुरु मंत्र, नारायण मंत्र का जप और ध्यान करना सर्वोत्तम माना गया है. ऐसा करने से सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं. वहीं, सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद पानी मे गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर पूजा पाठ कर दान-पुण्य भी करें, इससे आर्थिक प्रगति होती है. सूर्य ग्रहण के समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जिसके तहत किसी घातक और धारदार चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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इसके साथ ही जिन राशियों पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव पड़ने जा रहा है उन्हें भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए. सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा आज का सूर्य ग्रहण शक्तिशाली ग्रहण है, इसलिए इसे खुली आंखों से नहीं देखें. ऐसा करने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
शास्त्रों में सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखना वर्जित माना गया है. इसके अलावा सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मिथुन राशि पर पड़ेगा. सूर्य ग्रहण के समय मंगल जलीय राशि मीन में स्थिर होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु पर अपनी दृष्टि डालेंगे, जिससे अशुभ स्थिति बनेगी.
कोरोना के चलते के श्रदालु नहीं लगा सकेंगे गलताजी में आस्था की डुबकी
कोरोना महामारी ने ना सिर्फ इंसान बल्कि तीज-त्योहार और यहां तक कि अब ग्रहण को भी अपने आगोश में ले लिया है. यही वजह है कि रविवार को सूर्य ग्रहण पर छोटी काशी जयपुर में धार्मिक स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. धार्मिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सूर्य ग्रहण पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे.