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Wanted के लिए विशेष अभियान : 883 वांटेड बदमाशों की हुई मौत, 2 महीने में 15,397 वांटेड बदमाश गिरफ्तार - Jaipur Police Headquarters

एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया की पूरे प्रदेश में वांटेड बदमाशों (Wanted criminal) की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान (Wanted criminal arrest campaign) चलाया गया. जब बदमाशों को गिरफ्तार करने पुलिस उनके ठिकानों पर पहुंची तो यह जानकारी हाथ लगी कि 883 बदमाशों की विभिन्न कारणों के चलते मौत हो चुकी है.

Wanted के लिए विशेष अभियान
Wanted के लिए विशेष अभियान
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Published : Sep 15, 2021, 7:40 PM IST

Updated : Sep 15, 2021, 10:30 PM IST

जयपुर. पुलिस मुख्यालय (Jaipur Police Headquarters) ने पूरे प्रदेश में वांटेड बदमाशों की धरपकड़ के लिए पिछले 2 महीने एक विशेष अभियान चलाया. जिसमें तमाम रेंज आईजी और जिला एसपी को बीते कई वर्षों से फरार चल रहे वांटेड बदमाशों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. इस दौरान पुलिस ने पूरे प्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम देते हुए कुल 15397 बदमाशों को गिरफ्तार किया.

इनमें कई बदमाश ऐसे भी हैं जो पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से संगीन अपराधों में फरार चल रहे थे. वे अपना नाम और भेष बदलकर दूसरे राज्यों में या ग्रामीण इलाकों में नई जिंदगी जी रहे थे. पुलिस ने जब इस अभियान की शुरुआत की तो एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया. 883 ऐसे वांटेड बदमाश थे जिन्हें पुलिस पिछले 10 से 20 वर्षों से ढूंढ रही थी और उनकी मौत हो चुकी है.

राजस्थान पुलिस का वांटेड अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान

एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा (ADG Crime Dr. Ravi Prakash Mehrada ) ने बताया की पूरे प्रदेश में वांटेड बदमाशों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया गया. जब बदमाशों को गिरफ्तार करने पुलिस उनके ठिकानों पर पहुंची तो यह जानकारी हाथ लगी कि 883 बदमाशों की विभिन्न कारणों के चलते मौत हो चुकी है. इनमें अधिकतर बदमाशों की काफी उम्रदराज होने के चलते विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर मौत हो गई. कुछ बदमाश ऐसे भी थे जो किसी हादसे का शिकार हुए. कुछ बदमाशों की मौत हुए 5 से 10 साल तक बीत चुके हैं और पुलिस उन्हें आज तक तलाश ही कर रही थी.

वांटेड अपराधियों की सूची से बदमाशों का डिस्पोजल

एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि जब पुलिस वांटेड बदमाशों को पकड़ने उनके ठिकानों पर पहुंची और उनकी मौत की जानकारी पुलिस के हाथ लगी, तो सबसे पहले पुलिस ने उन बदमाशों की मौत को सुनिश्चित करने के लिए मृतक के परिवार के सदस्यों से मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज दिखाने के लिए कहा. जिन मृतक के परिवार के सदस्य बदमाशों की मौत से संबंधित किसी भी तरह के दस्तावेज पेश नहीं कर सके, उस बदमाश की मौत को सुनिश्चित करने के लिए सीआईडी सीबी की विशेष टीम ने गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाई.

पढ़ें- ब्लाइंड मर्डर का खुलासा: ऑनर किलिंग का निकला मामला, लड़की के घरवालों ने ही की थी प्रेमी युगल की हत्या

जिसमें मृतक के आस पड़ोस में रहने वाले लोगों से जानकारी जुटाना या मुखबिर तंत्र के जरिए जानकारी जुटाना आदि काम किए गए. इस प्रकार जब पुलिस ने बदमाश की मृत्यु को सुनिश्चित कर लिया तो फिर वांटेड बदमाशों की सूची में से उस बदमाश का नाम हटा दिया गया. इस प्रकार से कुल 883 बदमाशों की मृत्यु हो जाने के चलते उनका नाम वांटेड लिस्ट में से हटा कर उसका डिस्पोजल किया गया है.

केस स्टडी

1. आनंद सिंह नाम का एक वांटेड बदमाश वर्ष 1989 से फरार चल रहा था, जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस उसके गांव पहुंची, तो पता चला कि बदमाश की मौत कई साल पहले ही हो चुकी है. मृतक के परिजनों ने जब आनंद सिंह के मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज पुलिस टीम को दिखाए तब जाकर बदमाश की मौत को पुलिस ने सुनिश्चित किया.

2. अब्दुल रहीम नाम का एक वांटेड बदमाश वर्ष 1980 से फरार चल रहा था, जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची, तब उसकी मौत हो जाने की जानकारी पुलिस टीम को लगी. इस पर जब पुलिस ने मृतक के परिजनों से संपर्क किया तो वह अब्दुल रहीम की मृत्यु से संबंधित किसी भी तरह के कोई दस्तावेज पुलिस के समक्ष पेश नहीं कर सके. इस पर पुलिस ने खुफिया तरीके से जानकारी जुटाकर बदमाश की मौत को सुनिश्चित किया.

3. अब्दुल शकूर नाम का एक शातिर बदमाश वर्ष 1977 से फरार चल रहा था, जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची तो उसकी मौत हो जाने की जानकारी हाथ लगी. बदमाश की मौत को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने खुफिया तरीके से जानकारी जुटाई.

पढ़ें- भंवरी देवी हत्याकांडः मास्टरमाइंड इंदिरा विश्नोई को मिली जमानत...भाई को मंत्री बनाने के लिए रचा था पूरा खेल

पिछले 2 महीने में पकड़े 15397 वांटेड बदमाश

एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि जुलाई और अगस्त में पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर पुलिस ने 15397 वांटेड बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. जिसमें 10865 ऐसे बदमाश हैं जिन्हें दबिश देकर गिरफ्तार किया गया है. 1179 ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है जिनके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था.

पुलिस की कार्रवाई के भय से 2470 बदमाशों ने कोर्ट में सरेंडर किया. गिरफ्तार किए गए बदमाशों में 94 बदमाश उद्घोषित अपराधी, 2204 गिरफ्तारी वारंटी, 4337 केस वांटेड, 8 पैरोल पर फरार, 764 सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं में वांछित और 7990 स्थाई वारंटी शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए बदमाशों में 4% बदमाश मर्डर के प्रकरणों में वांटेड, 3% हत्या के प्रयास के प्रकरणों में वांटेड, 1% लूट के प्रकरणों में वांटेड, 2% राज्य कर्मचारियों पर हमले के प्रकरणों में वांटेड, 3% दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में वांटेड, 1% डकैती के प्रकरणों में वांटेड, 2% मादक पदार्थों की तस्करी के प्रकरणों में वांटेड, 1% हथियार तस्करी के प्रकरणों में वांटेड और 83% अन्य अपराधों के प्रकरणों में वांटेड हैं.

जयपुर. पुलिस मुख्यालय (Jaipur Police Headquarters) ने पूरे प्रदेश में वांटेड बदमाशों की धरपकड़ के लिए पिछले 2 महीने एक विशेष अभियान चलाया. जिसमें तमाम रेंज आईजी और जिला एसपी को बीते कई वर्षों से फरार चल रहे वांटेड बदमाशों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. इस दौरान पुलिस ने पूरे प्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम देते हुए कुल 15397 बदमाशों को गिरफ्तार किया.

इनमें कई बदमाश ऐसे भी हैं जो पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से संगीन अपराधों में फरार चल रहे थे. वे अपना नाम और भेष बदलकर दूसरे राज्यों में या ग्रामीण इलाकों में नई जिंदगी जी रहे थे. पुलिस ने जब इस अभियान की शुरुआत की तो एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया. 883 ऐसे वांटेड बदमाश थे जिन्हें पुलिस पिछले 10 से 20 वर्षों से ढूंढ रही थी और उनकी मौत हो चुकी है.

राजस्थान पुलिस का वांटेड अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान

एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा (ADG Crime Dr. Ravi Prakash Mehrada ) ने बताया की पूरे प्रदेश में वांटेड बदमाशों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया गया. जब बदमाशों को गिरफ्तार करने पुलिस उनके ठिकानों पर पहुंची तो यह जानकारी हाथ लगी कि 883 बदमाशों की विभिन्न कारणों के चलते मौत हो चुकी है. इनमें अधिकतर बदमाशों की काफी उम्रदराज होने के चलते विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर मौत हो गई. कुछ बदमाश ऐसे भी थे जो किसी हादसे का शिकार हुए. कुछ बदमाशों की मौत हुए 5 से 10 साल तक बीत चुके हैं और पुलिस उन्हें आज तक तलाश ही कर रही थी.

वांटेड अपराधियों की सूची से बदमाशों का डिस्पोजल

एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि जब पुलिस वांटेड बदमाशों को पकड़ने उनके ठिकानों पर पहुंची और उनकी मौत की जानकारी पुलिस के हाथ लगी, तो सबसे पहले पुलिस ने उन बदमाशों की मौत को सुनिश्चित करने के लिए मृतक के परिवार के सदस्यों से मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज दिखाने के लिए कहा. जिन मृतक के परिवार के सदस्य बदमाशों की मौत से संबंधित किसी भी तरह के दस्तावेज पेश नहीं कर सके, उस बदमाश की मौत को सुनिश्चित करने के लिए सीआईडी सीबी की विशेष टीम ने गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाई.

पढ़ें- ब्लाइंड मर्डर का खुलासा: ऑनर किलिंग का निकला मामला, लड़की के घरवालों ने ही की थी प्रेमी युगल की हत्या

जिसमें मृतक के आस पड़ोस में रहने वाले लोगों से जानकारी जुटाना या मुखबिर तंत्र के जरिए जानकारी जुटाना आदि काम किए गए. इस प्रकार जब पुलिस ने बदमाश की मृत्यु को सुनिश्चित कर लिया तो फिर वांटेड बदमाशों की सूची में से उस बदमाश का नाम हटा दिया गया. इस प्रकार से कुल 883 बदमाशों की मृत्यु हो जाने के चलते उनका नाम वांटेड लिस्ट में से हटा कर उसका डिस्पोजल किया गया है.

केस स्टडी

1. आनंद सिंह नाम का एक वांटेड बदमाश वर्ष 1989 से फरार चल रहा था, जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस उसके गांव पहुंची, तो पता चला कि बदमाश की मौत कई साल पहले ही हो चुकी है. मृतक के परिजनों ने जब आनंद सिंह के मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज पुलिस टीम को दिखाए तब जाकर बदमाश की मौत को पुलिस ने सुनिश्चित किया.

2. अब्दुल रहीम नाम का एक वांटेड बदमाश वर्ष 1980 से फरार चल रहा था, जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची, तब उसकी मौत हो जाने की जानकारी पुलिस टीम को लगी. इस पर जब पुलिस ने मृतक के परिजनों से संपर्क किया तो वह अब्दुल रहीम की मृत्यु से संबंधित किसी भी तरह के कोई दस्तावेज पुलिस के समक्ष पेश नहीं कर सके. इस पर पुलिस ने खुफिया तरीके से जानकारी जुटाकर बदमाश की मौत को सुनिश्चित किया.

3. अब्दुल शकूर नाम का एक शातिर बदमाश वर्ष 1977 से फरार चल रहा था, जब उसे पकड़ने के लिए पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची तो उसकी मौत हो जाने की जानकारी हाथ लगी. बदमाश की मौत को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने खुफिया तरीके से जानकारी जुटाई.

पढ़ें- भंवरी देवी हत्याकांडः मास्टरमाइंड इंदिरा विश्नोई को मिली जमानत...भाई को मंत्री बनाने के लिए रचा था पूरा खेल

पिछले 2 महीने में पकड़े 15397 वांटेड बदमाश

एडीजी क्राइम डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि जुलाई और अगस्त में पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर पुलिस ने 15397 वांटेड बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. जिसमें 10865 ऐसे बदमाश हैं जिन्हें दबिश देकर गिरफ्तार किया गया है. 1179 ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है जिनके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था.

पुलिस की कार्रवाई के भय से 2470 बदमाशों ने कोर्ट में सरेंडर किया. गिरफ्तार किए गए बदमाशों में 94 बदमाश उद्घोषित अपराधी, 2204 गिरफ्तारी वारंटी, 4337 केस वांटेड, 8 पैरोल पर फरार, 764 सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं में वांछित और 7990 स्थाई वारंटी शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए बदमाशों में 4% बदमाश मर्डर के प्रकरणों में वांटेड, 3% हत्या के प्रयास के प्रकरणों में वांटेड, 1% लूट के प्रकरणों में वांटेड, 2% राज्य कर्मचारियों पर हमले के प्रकरणों में वांटेड, 3% दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में वांटेड, 1% डकैती के प्रकरणों में वांटेड, 2% मादक पदार्थों की तस्करी के प्रकरणों में वांटेड, 1% हथियार तस्करी के प्रकरणों में वांटेड और 83% अन्य अपराधों के प्रकरणों में वांटेड हैं.

Last Updated : Sep 15, 2021, 10:30 PM IST
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