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जयपुर: खुद को पुलिसकर्मी बताकर ये 3 करते थे अवैध वसूली, कोतवाली थाना पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Published : May 17, 2021, 4:09 AM IST

जयपुर की कोतवाली थाना पुलिस ने अवैध वसूली करने वाली गैंग का पर्दाफाश करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी फोन पर पुलिसकर्मी बनकर लोगों को धमकाकर अवैध वसूली का काम करते थे. वहीं, इनकी गैंग का मास्टरमाइंड अभी भी फरार चल रहा है.

फर्जी पुलिसकर्मी, illegal recovery, jaipur crime news
जयपुर में अवैध वसूली के मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

जयपुर. राजधानी की कोतवाली थाना पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर धमकी भरे फोन करने और अवैध वसूली करने वाली गैंग का पर्दाफाश करते हुए 3 फर्जी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी एत फ्लैट में बने कॉल सेंटर से सब इंस्पेक्टर बनकर लोगों को कॉल करते और गिरफ्तारी वारंट जारी होने का डर दिखाकर मोटी रकम वसूल करते थे. पुलिस ने कोतवाली थाना पुलिस ने वैशाली नगर के एक फ्लैट पर दबिश देकर फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले आरोपी संजय कुमार शर्मा, मनीष कुमार शर्मा और अर्पित सिंह को गिरफ्तार किया है.

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जानकारी के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अवैध वसूली के 5 हजार रुपये भी बरामद किए हैं. पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह वैशाली नगर इलाके में एक फ्लैट में अपना कॉल सेंटर चलाता हैं. कॉल सेंटर के जरिए लोगों को फोन पर बिल जमा नहीं होने और क्रेडिट कार्ड का बकाया बिल जमा करने की धमकी देकर अवैध वसूली करते हैं.

गिरोह ने ऐसे ही एक महिला को अपना शिकार बनाया था. जयपुर में रहने वाली महिला भूमिका के पास इस गिरोह के लोगों ने फोन किया. गिरोह के सदस्य ने खुद को कोतवाली थाने का सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह बताया और उनसे 5 हजार रुपये की वसूली कर ली. इतना ही नहीं, पहले जब परिवादी रुपये देने से मना कर रहा था तो, गिरोह ने फोन पर परिवादी को गिरफ्तार करने की धमकी दी. डर के मारे परिवादी ने 5 हजार रुपये ऑनलाइन दे दिए. जब पीड़िता ने कोतवाली थाने में जाकर इसका पता लगाया तो जानकारी में सामने आया कि सुमेर सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति थाने में कार्यरत नहीं है. इस पर पीड़िता ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, गैंग का मास्टरमाइंड संजीव चौधरी अभी भी फरार चल रहा है.

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पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला भूमिका ने रिपोर्ट दी थी कि गैंग के सदस्यों ने एक अन्य महिला को एसबीआई की हेड बताते हुए उससे भी मोबाइल पर बात करवाई और धमकी दिलवाई. इसके बाद गैंग ने वसूल कर लिए. पीड़ित महिला ने कोतवाली थाने में पहुंचकर आपबीती सुनाई तो पता चला कि इस नाम से कोई भी पुलिसकर्मी नहीं है. तब जाकर मामला दर्ज करवाया गया और पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल टीम का गठन कर गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. कार्रवाई में स्पेशल टीम के कांस्टेबल अविनाश, विजय, मनोज कुमार और अंजू की सराहनीय भूमिका रही है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच में जुटी हुई है.

जयपुर. राजधानी की कोतवाली थाना पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर धमकी भरे फोन करने और अवैध वसूली करने वाली गैंग का पर्दाफाश करते हुए 3 फर्जी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी एत फ्लैट में बने कॉल सेंटर से सब इंस्पेक्टर बनकर लोगों को कॉल करते और गिरफ्तारी वारंट जारी होने का डर दिखाकर मोटी रकम वसूल करते थे. पुलिस ने कोतवाली थाना पुलिस ने वैशाली नगर के एक फ्लैट पर दबिश देकर फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले आरोपी संजय कुमार शर्मा, मनीष कुमार शर्मा और अर्पित सिंह को गिरफ्तार किया है.

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गिरोह ने ऐसे ही एक महिला को अपना शिकार बनाया था. जयपुर में रहने वाली महिला भूमिका के पास इस गिरोह के लोगों ने फोन किया. गिरोह के सदस्य ने खुद को कोतवाली थाने का सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह बताया और उनसे 5 हजार रुपये की वसूली कर ली. इतना ही नहीं, पहले जब परिवादी रुपये देने से मना कर रहा था तो, गिरोह ने फोन पर परिवादी को गिरफ्तार करने की धमकी दी. डर के मारे परिवादी ने 5 हजार रुपये ऑनलाइन दे दिए. जब पीड़िता ने कोतवाली थाने में जाकर इसका पता लगाया तो जानकारी में सामने आया कि सुमेर सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति थाने में कार्यरत नहीं है. इस पर पीड़िता ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, गैंग का मास्टरमाइंड संजीव चौधरी अभी भी फरार चल रहा है.

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पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला भूमिका ने रिपोर्ट दी थी कि गैंग के सदस्यों ने एक अन्य महिला को एसबीआई की हेड बताते हुए उससे भी मोबाइल पर बात करवाई और धमकी दिलवाई. इसके बाद गैंग ने वसूल कर लिए. पीड़ित महिला ने कोतवाली थाने में पहुंचकर आपबीती सुनाई तो पता चला कि इस नाम से कोई भी पुलिसकर्मी नहीं है. तब जाकर मामला दर्ज करवाया गया और पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल टीम का गठन कर गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. कार्रवाई में स्पेशल टीम के कांस्टेबल अविनाश, विजय, मनोज कुमार और अंजू की सराहनीय भूमिका रही है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच में जुटी हुई है.

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