ETV Bharat / city

निगम चुनावः शिक्षा की बाध्यता नहीं रहने से निगम में रह सकता है शिक्षित पार्षदों का टोटा

जयपुर के दोनों नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर का चुनावी रण सज चुका है. प्रत्याशियों ने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. 29 अक्टूबर को होने वाले हेरिटेज निगम चुनाव को लेकर प्रचार का दौर खत्म हो चुका है, तो वहीं ग्रेटर नगर निगम में प्रचार अपने अंतिम दौर में चल रहा है. लेकिन चुनावी रणबांकुरे के लिए इस बार शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं होने के चलते निरक्षर और महज अक्षर ज्ञान रखने वाले सैकड़ों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. देखें ETV भारत की यह खास रिपोर्ट...

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
शिक्षा की बाध्यता नहीं रहने से निगम में रह सकता है पढ़े-लिखे पार्षदों का टोटा
author img

By

Published : Oct 29, 2020, 7:06 AM IST

जयपुर: प्रदेश में निकाय चुनावों की तारीख नजदीक आ चुकी है. 29 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होना है. सियासी माहौल गरम हो गया है. जयपुर, जोधपुर, कोटा के 6 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं. पार्षद बनने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं में खुशी का माहौल है. राज्य में 2 चरणों में 29 अक्टूबर और 1 नवंबर को मतदान होगा. इसके बाद 3 नवंबर को मतगणना करवाई जाएगी. वहीं, महापौर का चुनाव 10 नवंबर और उप महापौर का चुनाव 11 नवंबर को करवाया जाएगा.

शिक्षा की बाध्यता नहीं रहने से निगम में रह सकता है पढ़े-लिखे पार्षदों का टोटा

जयपुर के दोनों नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर का चुनावी रण सज चुका है. प्रत्याशियों ने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. 29 अक्टूबर को होने वाले हेरिटेज निगम चुनाव को लेकर प्रचार का दौर खत्म हो चुका है, तो वहीं ग्रेटर नगर निगम में प्रचार अपने अंतिम दौर में चल रहा है. लेकिन चुनावी रणबांकुरे के लिए इस बार शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं होने के चलते निरक्षर और महज अक्षर ज्ञान रखने वाले सैकड़ों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.

'सरकार ने समाप्त की शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता'

राज्य सरकार ने राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019 पारित करते हुए पार्षद पद का चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता समाप्त की थी. जिसके चलते कोई भी व्यक्ति चाहे वो कितना भी पढ़ा लिखा हो, इस पद के लिए चुनाव लड़ने के योग्य हो गया. यही वजह है इस बार जयपुर नगर निगम चुनाव में सिर्फ अक्षर ज्ञान रखने वालों की एक बड़ी फौज खड़ी है. जहां ग्रेटर नगर निगम में ऐसे 50 प्रत्याशी हैं, वहीं हेरिटेज नगर निगम में ये आंकड़ा 76 का है.

'ये है पढ़ें लिखे पार्षदों का आंकड़ा'

ग्रेटर नगर निगम की अगर बात करें तो इस बार कुल 686 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इनमें एक बड़ी फौज ऐसे प्रत्याशियों की है, जो महज साक्षर हैं या फिर पांचवी तक पढ़े हैं. जबकि महज 28 ऐसे प्रत्याशी हैं, जो किसी प्रोफेशनल डिग्री को धारण किए हुए हैं. इनमें एक एमबीबीएस, एक एमबीए, एक एमसीए और एक पीएचडी डिग्री धारक भी है.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

यह भी पढे़ं: तीन नगर निगमों में पहले चरण का मतदान आज, 16 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे 951 उम्मीदवारों के लिए मताधिकार का इस्तेमाल

वहीं हेरिटेज नगर निगम में इस बार 430 प्रत्याशी पार्षद बनने की दौड़ में शामिल हैं. यहां भी निरक्षर और सिर्फ अक्षर ज्ञान रखने वाले बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जबकि प्रोफेशनल डिग्री धारक महज 22 हैं. इनमें कानून का ज्ञान रखने वाले 19 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

हालांकि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों से जब ETV भारत ने शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने एक स्वर में कहा कि सदन में पहुंचने वाला पार्षद पढ़ा लिखा होना चाहिए, ताकि वो अपने मुद्दों को सदन में प्रखरता से रख सके और अधिकारियों के साथ भी सामंजस्य स्थापित कर सके. उन्होंने कहा कि शिक्षित होने का फायदा क्षेत्र का विकास करने में भी मिलेगा.

यह भी पढे़ं: राजस्थान नगर निगम चुनाव: वोटर आईडी नहीं है तो भी वोट डाल सकते हैं आप, जानिए कैसे?

बहरहाल, शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता खत्म होने से सियासत का समाजशास्त्र भी बदल गया है. हालांकि चुनावों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रत्याशी भी उतरे हैं. तो ऐसे भी सैकड़ों उम्मीदवार हैं, जिन्होंने कॉलेज की सीढ़ी कभी चढ़ी नहीं. कुछ वार्ड में तो मुकाबला ऐसा भी ही है जहां एमबीबीएस के सामने महज अक्षर ज्ञान रखने वाले, तो एलएलबी के सामने पांचवी पास प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इन चुनाव परिणाम में सामने आ जाएगा कि राजनीति में शैक्षिक योग्यता कितना मायने रखती है.

'29 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान'

बता दें कि 29 अक्टूबर को प्रदेश में पहले चरण के निकाय चुनावों के लिए मतदान होगा. गुरुवार को जयपुर नगर निगम हेरिटेज के 100 वार्डों में सुबह 7.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक मतदान होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना गाइडलाइन के बीच चुनाव पूर्ण कराने की सभी तैयारी पूरी कर ली है. अब तीन नगर निगमों में पहले चरण के लिए 16 लाख से ज्यादा मतदाता 951 उम्मीदवारों के लिए मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

यह भी पढ़ें: SPECIAL: निगम के चुनावी चौसर में पासा फेंक चुकी कांग्रेस के अरमानों पर बागी-निर्दलीय ढहा सकते हैं कहर

जयपुर हेरिटेज के 100, जोधपुर उत्तर के 80 और कोटा उत्तर के 70 कुल 250 वार्डों के लिए मतदान होगा. जयपुर में 430, जोधपुर में 296 और कोटा में 225 और कुल 951 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे. पहले चरण में 2761 मतदान केंद्रों पर मतदान करवाया जाएगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मतदान केंद्रों की संख्या में भी इजाफा किया गया है और मतदान समय को भी आधा घंटा अधिक बढ़ाया है ताकि मतदाता भीड़ का हिस्सा बने बिना अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.

'भाजपा ताज बचाने के लिए उतरेगी मैदान में'

जयपुर नगर निगम में अब तक भाजपा का ही बोर्ड बनता आया है. कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के समय महापौर जनता के माध्यम से चुना गया था. तब कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल महापौर बनी थी. इसके बाद भाजपा से बागी हुए विष्णु लाटा महापौर बने. लेकिन बोर्ड अभी तक भाजपा का ही बना है. ऐसे में दो नगर निगम बनने के बाद अब भाजपा के सामने इस ताज को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती होगी.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

उधर, कांग्रेस के लिए इस बार जयपुर में बोर्ड बनाने का मौका है. जयपुर हेरिटेज में जो इलाका है, उसमें आमेर को छोड़ दिया जाए तो बाकी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक ही काबिज हैं. यही नहीं यहां मुस्लिम वोटर की भी बड़ी संख्या है, जो कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा है. ऐसे में हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बनने की संभावना ज्यादा है.

जयपुर: प्रदेश में निकाय चुनावों की तारीख नजदीक आ चुकी है. 29 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होना है. सियासी माहौल गरम हो गया है. जयपुर, जोधपुर, कोटा के 6 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं. पार्षद बनने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं में खुशी का माहौल है. राज्य में 2 चरणों में 29 अक्टूबर और 1 नवंबर को मतदान होगा. इसके बाद 3 नवंबर को मतगणना करवाई जाएगी. वहीं, महापौर का चुनाव 10 नवंबर और उप महापौर का चुनाव 11 नवंबर को करवाया जाएगा.

शिक्षा की बाध्यता नहीं रहने से निगम में रह सकता है पढ़े-लिखे पार्षदों का टोटा

जयपुर के दोनों नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर का चुनावी रण सज चुका है. प्रत्याशियों ने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. 29 अक्टूबर को होने वाले हेरिटेज निगम चुनाव को लेकर प्रचार का दौर खत्म हो चुका है, तो वहीं ग्रेटर नगर निगम में प्रचार अपने अंतिम दौर में चल रहा है. लेकिन चुनावी रणबांकुरे के लिए इस बार शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं होने के चलते निरक्षर और महज अक्षर ज्ञान रखने वाले सैकड़ों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.

'सरकार ने समाप्त की शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता'

राज्य सरकार ने राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019 पारित करते हुए पार्षद पद का चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता समाप्त की थी. जिसके चलते कोई भी व्यक्ति चाहे वो कितना भी पढ़ा लिखा हो, इस पद के लिए चुनाव लड़ने के योग्य हो गया. यही वजह है इस बार जयपुर नगर निगम चुनाव में सिर्फ अक्षर ज्ञान रखने वालों की एक बड़ी फौज खड़ी है. जहां ग्रेटर नगर निगम में ऐसे 50 प्रत्याशी हैं, वहीं हेरिटेज नगर निगम में ये आंकड़ा 76 का है.

'ये है पढ़ें लिखे पार्षदों का आंकड़ा'

ग्रेटर नगर निगम की अगर बात करें तो इस बार कुल 686 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इनमें एक बड़ी फौज ऐसे प्रत्याशियों की है, जो महज साक्षर हैं या फिर पांचवी तक पढ़े हैं. जबकि महज 28 ऐसे प्रत्याशी हैं, जो किसी प्रोफेशनल डिग्री को धारण किए हुए हैं. इनमें एक एमबीबीएस, एक एमबीए, एक एमसीए और एक पीएचडी डिग्री धारक भी है.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

यह भी पढे़ं: तीन नगर निगमों में पहले चरण का मतदान आज, 16 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे 951 उम्मीदवारों के लिए मताधिकार का इस्तेमाल

वहीं हेरिटेज नगर निगम में इस बार 430 प्रत्याशी पार्षद बनने की दौड़ में शामिल हैं. यहां भी निरक्षर और सिर्फ अक्षर ज्ञान रखने वाले बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जबकि प्रोफेशनल डिग्री धारक महज 22 हैं. इनमें कानून का ज्ञान रखने वाले 19 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

हालांकि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों से जब ETV भारत ने शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने एक स्वर में कहा कि सदन में पहुंचने वाला पार्षद पढ़ा लिखा होना चाहिए, ताकि वो अपने मुद्दों को सदन में प्रखरता से रख सके और अधिकारियों के साथ भी सामंजस्य स्थापित कर सके. उन्होंने कहा कि शिक्षित होने का फायदा क्षेत्र का विकास करने में भी मिलेगा.

यह भी पढे़ं: राजस्थान नगर निगम चुनाव: वोटर आईडी नहीं है तो भी वोट डाल सकते हैं आप, जानिए कैसे?

बहरहाल, शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता खत्म होने से सियासत का समाजशास्त्र भी बदल गया है. हालांकि चुनावों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रत्याशी भी उतरे हैं. तो ऐसे भी सैकड़ों उम्मीदवार हैं, जिन्होंने कॉलेज की सीढ़ी कभी चढ़ी नहीं. कुछ वार्ड में तो मुकाबला ऐसा भी ही है जहां एमबीबीएस के सामने महज अक्षर ज्ञान रखने वाले, तो एलएलबी के सामने पांचवी पास प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इन चुनाव परिणाम में सामने आ जाएगा कि राजनीति में शैक्षिक योग्यता कितना मायने रखती है.

'29 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान'

बता दें कि 29 अक्टूबर को प्रदेश में पहले चरण के निकाय चुनावों के लिए मतदान होगा. गुरुवार को जयपुर नगर निगम हेरिटेज के 100 वार्डों में सुबह 7.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक मतदान होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना गाइडलाइन के बीच चुनाव पूर्ण कराने की सभी तैयारी पूरी कर ली है. अब तीन नगर निगमों में पहले चरण के लिए 16 लाख से ज्यादा मतदाता 951 उम्मीदवारों के लिए मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

यह भी पढ़ें: SPECIAL: निगम के चुनावी चौसर में पासा फेंक चुकी कांग्रेस के अरमानों पर बागी-निर्दलीय ढहा सकते हैं कहर

जयपुर हेरिटेज के 100, जोधपुर उत्तर के 80 और कोटा उत्तर के 70 कुल 250 वार्डों के लिए मतदान होगा. जयपुर में 430, जोधपुर में 296 और कोटा में 225 और कुल 951 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे. पहले चरण में 2761 मतदान केंद्रों पर मतदान करवाया जाएगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मतदान केंद्रों की संख्या में भी इजाफा किया गया है और मतदान समय को भी आधा घंटा अधिक बढ़ाया है ताकि मतदाता भीड़ का हिस्सा बने बिना अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.

'भाजपा ताज बचाने के लिए उतरेगी मैदान में'

जयपुर नगर निगम में अब तक भाजपा का ही बोर्ड बनता आया है. कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के समय महापौर जनता के माध्यम से चुना गया था. तब कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल महापौर बनी थी. इसके बाद भाजपा से बागी हुए विष्णु लाटा महापौर बने. लेकिन बोर्ड अभी तक भाजपा का ही बना है. ऐसे में दो नगर निगम बनने के बाद अब भाजपा के सामने इस ताज को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती होगी.

jaipur local body election 2020,  राजस्थान नगर पालिका विधेयक 2019,  Rajasthan Municipality Bill 2019,  Municipal Corporation of rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े

उधर, कांग्रेस के लिए इस बार जयपुर में बोर्ड बनाने का मौका है. जयपुर हेरिटेज में जो इलाका है, उसमें आमेर को छोड़ दिया जाए तो बाकी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक ही काबिज हैं. यही नहीं यहां मुस्लिम वोटर की भी बड़ी संख्या है, जो कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा है. ऐसे में हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बनने की संभावना ज्यादा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.