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राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान 24X7 खुल सकती है जरूरी सामान की दुकानें, होम डिलीवरी की भी योजना

राजस्थान में लॉक डाउन के दौरान आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश दिेए है. जिसमें का किराने, आवश्यक वस्तुएं, दवाइयों की दुकानें 24 घंटे खुले रखने और होम डिलीवरी की योजनाएं है.

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आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए उठाए गए ये कदम
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Published : Mar 27, 2020, 6:17 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से घोषित लॉकडाउन की अवधि के दौरान आमजन को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि सभी क्षेत्र में किराने, आवश्यक वस्तुएं, दवाइयों की दुकानें 24 घंटे खुल सकती हैं. उन्होंने बताया कि किराने की दुकान पर आने वाले व्यक्ति किसी भी प्रकार के वाहन का उपयोग नहीं कर सकता. ग्राहक किराने की दुकान पर पैदल या साइकिल से ही आ सकेगा.

आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए उठाए गए ये कदम

ग्राहकों के बीच उचित दूरी रहें

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि स्थानीय निकाय या पुलिस के माध्यम से किराने, आवश्यक वस्तुएं, दवाइयों की दुकानों पर ग्राहकों के बीच उचित दूरी बनाए रखने के लिए मार्किंग करवाई जाएगी. साथ ही सामान लेने के दौरान 5 से ज्यादा व्यक्ति एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकेंगे.

होम डिलीवरी को किया जाए प्रोत्साहित

शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश में किराने, आवश्यक वस्तुएं और दवाइयों की होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाए. इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल डिस्टनसिंग बनी रहेगी. होम डिलीवरी के बारे में जिला कलेक्टर की ओर से किस क्षेत्र में, किस माध्यम से होम डिलीवरी की जा रही है, उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार कर आमजन को अवगत करवाया जाए. इस दौरान जिला कलेक्टर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से किराने, आवश्यक वस्तुएं एवं दवाइयों की दुकानों के विजिटिंग कार्ड और दूरभाष नंबर लेकर आसपास की कॉलोनी में घर-घर बंटवाए. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से ई-कॉमर्स रिलायंस फ्रेश, डीलशेयर, बिग बाजार और डी-मार्ट आदि किराने का काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर ली गई है. उन्होंने बताया कि ई कॉमर्स वाले संस्थानों के स्टाफ, वाहनों के लिए अनुमति पत्र उपलब्ध करवाये, जिससे संस्थान होम डिलीवरी आसानी से कर सके.

यह भी पढ़ें - जिंदा रहेंगे तभी तो पैसा काम आएगा, अभी लोगों की मदद के लिए खर्च करें : खाचरियावास

डोर टू डोर विक्रय के लिए अनुमति दी जाए

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि फल और सब्जी के ठेले वालों को डोर टू डोर विक्रय के लिए अनुमति दी जाएगी. इस दौरान ठेले वाले एक समय में एक घर के सदस्य को फल और सब्जी विक्रय कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि डोर टू डोर डिलीवरी के लिए साइकिल रिक्शा, ई-रिक्शा के माध्यम से भी किराने और आवश्यक वस्तु की डिलीवरी करवाई जाए. जिससे लॉकडाउन अवधि के दौरान उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. स्थानीय जिला प्रशासन, स्थानीय निकाय और पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर व्यापार संघों से बात कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा डोर टू डोर डिलीवरी के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने बताया कि कोई ऐसा क्षेत्र है, जहां पर होम डिलीवरी की व्यवस्था नहीं हो सके वहां पर दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए सहकारी उपभोक्ता भंडार के मोबाइल शॉप के माध्यम से आवश्यक वस्तु विक्रय कराया जाना सुनिश्चित करें.

वितरण के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में आमजन को सामग्री वितरण के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है, कमेटी प्रतिदिन किराना व्यवसाय, होम डिलीवरी करने वाले व्यावसायिक और उपभोक्ता भंडार में आने वाली समस्याओं का निराकरण करेगी. कमेटी उपभोक्ता भंडार के मोबाइल शॉप की संख्या, रूट चार्ट का अध्ययन करने सहित आवश्यकतानुसार वाहनों का अधिग्रहण भी करेगी.

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स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की करनी होगी पालना

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी निर्देशों की पालना करनी होगी. शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश में मोबाइल शॉप, किराने की दुकान और डिलीवरी के संचालन के लिए कार्मिक और वाहन चालकों चिकित्सा विभाग के निर्देशों की पालना करेंगे. उन्होंने बताया कि खुदरा विक्रेताओं को सामग्री की आपूर्ति निर्बाध रूप से बनी रहने के लिए जिला कलेक्टर की ओर से थोक विक्रेताओं का चिन्हीकरण किया जाएगा. थोक विक्रेताओं की सूची जिले के समस्त खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध करवाई, जाएगी जिससे वे सामान प्राप्त कर सकें.

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से घोषित लॉकडाउन की अवधि के दौरान आमजन को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि सभी क्षेत्र में किराने, आवश्यक वस्तुएं, दवाइयों की दुकानें 24 घंटे खुल सकती हैं. उन्होंने बताया कि किराने की दुकान पर आने वाले व्यक्ति किसी भी प्रकार के वाहन का उपयोग नहीं कर सकता. ग्राहक किराने की दुकान पर पैदल या साइकिल से ही आ सकेगा.

आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए उठाए गए ये कदम

ग्राहकों के बीच उचित दूरी रहें

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि स्थानीय निकाय या पुलिस के माध्यम से किराने, आवश्यक वस्तुएं, दवाइयों की दुकानों पर ग्राहकों के बीच उचित दूरी बनाए रखने के लिए मार्किंग करवाई जाएगी. साथ ही सामान लेने के दौरान 5 से ज्यादा व्यक्ति एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकेंगे.

होम डिलीवरी को किया जाए प्रोत्साहित

शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश में किराने, आवश्यक वस्तुएं और दवाइयों की होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाए. इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल डिस्टनसिंग बनी रहेगी. होम डिलीवरी के बारे में जिला कलेक्टर की ओर से किस क्षेत्र में, किस माध्यम से होम डिलीवरी की जा रही है, उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार कर आमजन को अवगत करवाया जाए. इस दौरान जिला कलेक्टर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से किराने, आवश्यक वस्तुएं एवं दवाइयों की दुकानों के विजिटिंग कार्ड और दूरभाष नंबर लेकर आसपास की कॉलोनी में घर-घर बंटवाए. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से ई-कॉमर्स रिलायंस फ्रेश, डीलशेयर, बिग बाजार और डी-मार्ट आदि किराने का काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर ली गई है. उन्होंने बताया कि ई कॉमर्स वाले संस्थानों के स्टाफ, वाहनों के लिए अनुमति पत्र उपलब्ध करवाये, जिससे संस्थान होम डिलीवरी आसानी से कर सके.

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डोर टू डोर विक्रय के लिए अनुमति दी जाए

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि फल और सब्जी के ठेले वालों को डोर टू डोर विक्रय के लिए अनुमति दी जाएगी. इस दौरान ठेले वाले एक समय में एक घर के सदस्य को फल और सब्जी विक्रय कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि डोर टू डोर डिलीवरी के लिए साइकिल रिक्शा, ई-रिक्शा के माध्यम से भी किराने और आवश्यक वस्तु की डिलीवरी करवाई जाए. जिससे लॉकडाउन अवधि के दौरान उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. स्थानीय जिला प्रशासन, स्थानीय निकाय और पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर व्यापार संघों से बात कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा डोर टू डोर डिलीवरी के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने बताया कि कोई ऐसा क्षेत्र है, जहां पर होम डिलीवरी की व्यवस्था नहीं हो सके वहां पर दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए सहकारी उपभोक्ता भंडार के मोबाइल शॉप के माध्यम से आवश्यक वस्तु विक्रय कराया जाना सुनिश्चित करें.

वितरण के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में आमजन को सामग्री वितरण के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है, कमेटी प्रतिदिन किराना व्यवसाय, होम डिलीवरी करने वाले व्यावसायिक और उपभोक्ता भंडार में आने वाली समस्याओं का निराकरण करेगी. कमेटी उपभोक्ता भंडार के मोबाइल शॉप की संख्या, रूट चार्ट का अध्ययन करने सहित आवश्यकतानुसार वाहनों का अधिग्रहण भी करेगी.

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स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की करनी होगी पालना

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी निर्देशों की पालना करनी होगी. शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश में मोबाइल शॉप, किराने की दुकान और डिलीवरी के संचालन के लिए कार्मिक और वाहन चालकों चिकित्सा विभाग के निर्देशों की पालना करेंगे. उन्होंने बताया कि खुदरा विक्रेताओं को सामग्री की आपूर्ति निर्बाध रूप से बनी रहने के लिए जिला कलेक्टर की ओर से थोक विक्रेताओं का चिन्हीकरण किया जाएगा. थोक विक्रेताओं की सूची जिले के समस्त खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध करवाई, जाएगी जिससे वे सामान प्राप्त कर सकें.

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