जयपुर. राजस्थान में जनप्रतिधि और ब्यूरोक्रेट्स के विवाद कोई नई बात नहीं है और इस विवाद के बाद ब्यूरोक्रेट्स के तबादलों की भी पुरानी परिपाटी रही है. फिर विवाद मंत्रियों से हो या विधायकों से टकराव में सरकार ने अधिकारियों को बदला है. इस टकराव का असर हमेशा से अफसरों पर पड़ा है.
प्रदेश की गहलोत सरकार ने सोमवार को मंत्रियों से टकराने वाले 6 जिलों के पुलिस अधीक्षकों का तबादला कर अपनी पुरानी परिपाटी को बरकरार रखा है. कार्मिक विभाग ने देर रात जारी की 15 आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची में 6 जिलों के एसपी बदल दिये हैं. इनमें सिरोही, नागौर, सवाई माधोपुर, बारां, प्रतापगढ़ और राजसमन्द एसपी का तबादला कर दिया गया है. इन जिलों के एसपी का विवाद मंत्री से लेकर स्थानीय स्तर पर हो रहा था.
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इन जिलों के SP के खिलाफ खुलकर विरोध
- नागौर-एसपी के खिलाफ सांसद हनुमान बेनीवाल ने मोर्चा खोल रखा है. CMO, डीजीपी से की है शिकायत.
- धौलपुर-एसपी केसर सिंह के खिलाफ भाजपा के स्थानीय नेता डीजीपी से मिल चुके हैं.
- एसपी-सिरोही हिम्मत अभिलाष टॉक स्थानीय विधायक के निशाने पर है.
- सवाई माधोपुर-एसपी सुधीर चौधरी के खिलाफ भी स्थानीय नेता कई बार अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं.
- एसपी-जालौर के विरोध में मंत्री का बैठा धरने पर बैठा
- भरतपुर -एसपी देवेंद्र सिंह स्थानीय सांसद पर हुए हमले में घिर गए
- बाड़मेर-एसपी आनंद शर्मा के खिलाफ विधायक ने एनकाउंटर का मामला उठाया
- कोटा-ग्रामीण एसपी से स्थानीय जनप्रतिनिधि नाराज चल रहे हैं.
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सीएम गहलोत की सरकार का अब तक का यही इतिहास रहा है कि मंत्री महोदय से टकराने वाले अफसरों को पद से हटना पड़ा है. पूर्व में भी मंत्रियों, विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निशाने पर रहे आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले होते रहे हैं. राज्य की सियासत में ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के बीच पहले भी विवाद हुए हैं और लेकिन हर बार जनप्रतिनिधियों का पलड़ा भारी रहा है. विवादों में हमेशा अफसरों को पद से हटाना पड़ा है. अफसरों के खिलाफ जनप्रतिनिधियों के विरोध में कोई खास क्षेत्र, उम्र या प्रमोटी डायरेक्ट भर्ती की कैटेगरी भी नहीं है.
सभी क्षेत्रों में अफसर इस तरह के विरोध के शिकार हैं. राज्य में एक साथ अफसरों के खिलाफ जनप्रतिनिधियों का बढ़ता विरोध सरकार के लिए चिन्ता का विषय है. राज्य की सियासत में ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है. पहले भी विवाद होते रहे हैं, लेकिन हर विवाद में जनप्रतिनिधियों का पलड़ा भारी रहा है. अब यह तय माना जा रहा है कि नेताओं से टकराने वाले अफसरों पर देर-सवेर तबादले की गाज गिरनी तय हैं.
मंत्रियों से टकराने वाले इन अफसरों को सरकार अब हटा चुकी है
- यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और एलएसजी सचिव सिद्धार्थ महाजन में विवाद हुआ, महाजन का तबादला किया गया
- चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और एसीएस रोहित कुमार सिंह के बीच विवाद हुआ तो, कोरोना काल में ही रोहित सिंह का तबादला किया गया
- चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का तकालीन एनएचएम डायरेक्टर समित शर्मा से विवाद हुआ, समित शर्मा का ट्रांसफर कर दिया गया
- तकनीकी उच्च शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग और तत्कालीन भरतपुर कलेक्टर आरुषि मलिक से विवाद के बाद डीएम का तबादला कर दिया गया
- यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का तत्कालीन अजमेर संभागीय आयुक्त रहते हुए भी आरुषि मलिक का विवाद, फिर उनका तबादला हो गया
- राजस्व मंन्त्री हरीश चौधरी और राजस्व प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा से विवाद हुआ तो उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
- पूर्व खाद्य मंत्री रमेश मीणा के साथ तनातनी के चलते IAS मुग्धा सिन्हा को अपने पद से हटना पड़ा था
- पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से टकराने वाले IAS एच गुइटे और श्रेया गुहा को भी हटना पड़ा
- कृषि मंत्री लाल चन्द कटारिया और कृषि विभाग के एसीएस पीके गोयल से विवाद हुआ, मामला बढ़ा तो गोयल का ट्रांसफर
- मंत्री उदयलाल आंजना और आईएएस नरेशपाल गंगवार के बीच कंट्रोवर्सी हुई तो गंगवार को सहकारिता से हटाकर उद्योग विभाग में किया.
- मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एवं आयुक्त राजेश यादव, परिवहन कमिश्नर रवि जैन से विवाद के बाद हटाया गया
- ऊर्जा मंत्री बीड़ी कल्ला और सीएमडी कुंजीलाल मीणा के बीच विवाद हुआ, मीणा का ट्रांसफर को सीएमडी पद से हटा दिया
- शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और IAS मंजू राजपाल और प्रमुख शासन सचिव आर वेंकटेश्वर के साथ शिक्षा विभाग में विवाद पर हटा दिया.
- खान मंत्री मंत्री प्रमोद जैन भाया और खान विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव दिनेश कुमार माइंस को विवाद पर ट्रांसफर कर दिया गया.
- मंत्रियों और विधायकों के निशाने पर रहे IAS यज्ञमित्र सिंह देव, डॉ. कुंजबिहारी पांड्या, संदेश नायक, हिमांशु गुप्ता, अंशदीप और ओमप्रकाश को भी हटना पड़ा था
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मंत्रियों के निशाने पर ब्यूरोक्रेट्स
प्रदेश में एक बार फिर मंत्री-नेता और ब्यूरोक्रेट्स आमने-सामने हैं. राज्य के 1 दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टर-एसपी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निशाने पर आ गए हैं. नागौर एसपी के खिलाफ सांसद हनुमान बेनीवाल ने मोर्चा खोल ही रखा था. अब गहलोत कैबिनेट के ताकतवर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जयपुर के जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को निशाने पर ले रखा है. मंत्रियों से भिड़ने वाले ब्यूरोक्रेट्स पर अक्सर तबादले की गाज गिरती रही है. विवादों में रहने वाले अफसरों का तबादला कर दिया जाता है. नये घटनाक्रम में भी इससे इनकार नहीं किया जा रहा है. क्योंकि गहलोत सरकार का अब तक का इतिहास यही रहा है. जनप्रतिनिधि अफसरों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं तो कई बार सोशल मीडिया पर अफसरों को विरोध झेलना पड़ रहा है.
आधा दर्जन कलेक्टर भी निशाने पर
- जयपुर -कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के लिए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दफ्तर से नहीं निकलने के लगाए आरोप
- बूंदी- कलेक्टर आशीष गुप्ता के खिलाफ मंत्री कई बार लगा चुके हैं आरोप
- बारां-कलेक्टर राजेन्द्र विजय के थप्पड़ कांड पर विधायक भरत सिंह ने सीएम को लिखी चिट्टी
- झुंझुनू-कलेक्टर यूडी खान पर स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने फील्ड में नहीं जाने के लगाया आरोप
- प्रतापगढ़-कलेक्टर रेनू जयपाल और एसपी चूना राम से स्थानीय विधायक नाखुश
- जैसलमेर-कलेक्टर आशीष मोदी के व्यवहार से मंत्री नाखुश सीएम को लिख चुके है चिट्ठी