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CET के फेर में अटकी आधा दर्जन भर्तियां, बेरोजगारों ने रख दी बड़ी मांग - राजस्थान के बेरोजगार युवा

राजस्थान में 20 विभागों की करीब 24 भर्तियों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) होगा. सरकार ने इस साल जून में इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि अभी तक इस संबंध में नीति और नियमावली तय नहीं हुई है.

राजस्थान में होगा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, Common Entrance Test will be held in Rajasthan
उपेन यादव
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Published : Aug 10, 2021, 6:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 20 विभागों की करीब 24 भर्तियों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) होगा. सरकार ने इस साल जून में इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. लेकिन अभी तक इस संबंध में नीति और नियमावली तय नहीं हो पाई है. इसके चलते राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड भी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की कवायद शुरू नहीं कर पाया है. ऐसे में ग्राम विकास अधिकारी सहित आधा दर्जन भर्तियों की राह देख रहे बेरोजगार अभ्यर्थियों का इंतजार लंबा खिंचता दिख रहा है.

पढ़ेंः राजनीतिक सुलह के एक साल बाद भी कांग्रेस में All Is Not Well, पायलट गुट को लगता है उसके तो खाली रह गए हाथ

दरअसल, इस साल जून में राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने राजस्थान CET-2021 परीक्षा की अधिसूचना जारी की है. इसके तहत हर साल एक बार सीईटी का आयोजन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से करवाया जाएगा. इसमें ग्रेजुएट स्तर की 12 और सीनियर सैकंडरी स्तर की 12 भर्तियां शामिल हैं.

CET परीक्षा का आयोजन जल्द से जल्द होना चाहिए

पटवारी, एलडीसी और ग्राम विकास अधिकारी जैसी भर्तियां भी सीईटी के माध्यम से ही होंगी, लेकिन अभी तक सरकार ने सीईटी को लेकर नीति-नियम तक तय नहीं किए हैं. नतीजा, ग्राम विकास अधिकारी, तहसील लेखाकार (टीआरए), सहायक लेखाकार (जेआरए), महिला सुपरवाइजर और कर अधिकारी जैसी भर्तियां अटक गई हैं. इनमें सबसे बड़ी भर्ती ग्राम विकास अधिकारी की है.

ग्राम विकास अधिकारी के 3896 पदों पर भर्ती निकाली जानी हैं. पहले ग्राम विकास अधिकारी के 1426 पदों पर भर्ती होनी थी. बाद में सरकार ने 2167 पद और बढ़ा दिए हैं. ऐसे में अब 3896 पदों पर ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती होगी. इसके लिए लाखों बेरोजगार अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं. लेकिन अभी तक भर्ती निकलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि इस साल सीईटी परीक्षा का आयोजन जल्द से जल्द होना चाहिए. इसके साथ ही हर साल इस परीक्षा का कैलेंडर भी जारी किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि यदि जल्द से जल्द सीईटी का आयोजन नहीं करवाया जाता है तो बेरोजगारों को राहत देने के लिए इस आदेश को वापस लिया जाए. इधर, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि सरकार की ओर से नियमावली तय होने के बाद बोर्ड की ओर से परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा.

पढ़ेंः बृज विश्वविद्यालय की स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षा 18 अगस्त से, जल्द जारी होगा टाइम टेबल

बता दें कि इस साल बजट घोषणा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा करवाने की घोषणा की थी. इसके चलते राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड ने इस परीक्षा का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है. बताया जा रहा है कि सीईटी परीक्षा विभिन्न विभागों में गैर तकनीकी रिक्तियों पर योग्य उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एकल प्रतियोगी परीक्षा के रूप में काम करेगी.

संयुक्त प्रवेश परीक्षा के दो बड़े फायदे

इसमें अभ्यर्थियों को बार-बार फॉर्म नहीं भरने पड़ेंगे और हर बार परीक्षा से नहीं देनी पडे़गी. अमूमन अलग-अलग भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को अलग-अलग आवेदन करना पड़ता है. जबकि इन भर्तियों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं भी आयोजित करवाई जाती हैं.

सीईटी की व्यवस्था लागू होने के बाद अभ्यर्थियों को बार-बार फॉर्म नहीं भरने पड़ेंगे. अलग-अलग भर्तियों के लिए परीक्षा भी नहीं करवानी पड़ेगी. ऐसे में भविष्य के लिए यह व्यवस्था काफी लाभदायक साबित हो सकती है, लेकिन वर्तमान में सीईटी नहीं होने के कारण भर्तियां अटक गई हैं. जिसका खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है.

जयपुर. राजस्थान में 20 विभागों की करीब 24 भर्तियों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) होगा. सरकार ने इस साल जून में इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. लेकिन अभी तक इस संबंध में नीति और नियमावली तय नहीं हो पाई है. इसके चलते राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड भी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की कवायद शुरू नहीं कर पाया है. ऐसे में ग्राम विकास अधिकारी सहित आधा दर्जन भर्तियों की राह देख रहे बेरोजगार अभ्यर्थियों का इंतजार लंबा खिंचता दिख रहा है.

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दरअसल, इस साल जून में राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने राजस्थान CET-2021 परीक्षा की अधिसूचना जारी की है. इसके तहत हर साल एक बार सीईटी का आयोजन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से करवाया जाएगा. इसमें ग्रेजुएट स्तर की 12 और सीनियर सैकंडरी स्तर की 12 भर्तियां शामिल हैं.

CET परीक्षा का आयोजन जल्द से जल्द होना चाहिए

पटवारी, एलडीसी और ग्राम विकास अधिकारी जैसी भर्तियां भी सीईटी के माध्यम से ही होंगी, लेकिन अभी तक सरकार ने सीईटी को लेकर नीति-नियम तक तय नहीं किए हैं. नतीजा, ग्राम विकास अधिकारी, तहसील लेखाकार (टीआरए), सहायक लेखाकार (जेआरए), महिला सुपरवाइजर और कर अधिकारी जैसी भर्तियां अटक गई हैं. इनमें सबसे बड़ी भर्ती ग्राम विकास अधिकारी की है.

ग्राम विकास अधिकारी के 3896 पदों पर भर्ती निकाली जानी हैं. पहले ग्राम विकास अधिकारी के 1426 पदों पर भर्ती होनी थी. बाद में सरकार ने 2167 पद और बढ़ा दिए हैं. ऐसे में अब 3896 पदों पर ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती होगी. इसके लिए लाखों बेरोजगार अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं. लेकिन अभी तक भर्ती निकलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि इस साल सीईटी परीक्षा का आयोजन जल्द से जल्द होना चाहिए. इसके साथ ही हर साल इस परीक्षा का कैलेंडर भी जारी किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि यदि जल्द से जल्द सीईटी का आयोजन नहीं करवाया जाता है तो बेरोजगारों को राहत देने के लिए इस आदेश को वापस लिया जाए. इधर, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि सरकार की ओर से नियमावली तय होने के बाद बोर्ड की ओर से परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा.

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बता दें कि इस साल बजट घोषणा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा करवाने की घोषणा की थी. इसके चलते राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड ने इस परीक्षा का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है. बताया जा रहा है कि सीईटी परीक्षा विभिन्न विभागों में गैर तकनीकी रिक्तियों पर योग्य उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एकल प्रतियोगी परीक्षा के रूप में काम करेगी.

संयुक्त प्रवेश परीक्षा के दो बड़े फायदे

इसमें अभ्यर्थियों को बार-बार फॉर्म नहीं भरने पड़ेंगे और हर बार परीक्षा से नहीं देनी पडे़गी. अमूमन अलग-अलग भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को अलग-अलग आवेदन करना पड़ता है. जबकि इन भर्तियों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं भी आयोजित करवाई जाती हैं.

सीईटी की व्यवस्था लागू होने के बाद अभ्यर्थियों को बार-बार फॉर्म नहीं भरने पड़ेंगे. अलग-अलग भर्तियों के लिए परीक्षा भी नहीं करवानी पड़ेगी. ऐसे में भविष्य के लिए यह व्यवस्था काफी लाभदायक साबित हो सकती है, लेकिन वर्तमान में सीईटी नहीं होने के कारण भर्तियां अटक गई हैं. जिसका खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है.

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