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गहलोत सरकार में राज्यमंत्री और अधिकारियों के भरोसे चल रहे 11 महत्वपूर्ण विभाग, कैबिनेट मंत्रियों का इंतजार - Gehlot Government News

राजस्थान के 11 महत्वपूर्ण विभाग राज्यमंत्री और अधिकारियों के भरोसे चल रहा है. इन 11 विभागों को अभी कैबिनेट मंत्रियों का इंतजार है. हालांकि, इन विभागों में लगे राज्यमंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री भी लगातार समीक्षा बैठक कर विभागों की मॉनिटरिंग करते आए हैं, लेकिन इंडिपेंडेंट रूप से कोई भी कैबिनेट मंत्री इन विभागों में नहीं लगाया गया है.

Gehlot Government News,  Jaipur News
सीएम अशोक गहलोत
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Published : Dec 1, 2020, 7:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान में भले ही पिछले दिनों आया सियासी संकट समाप्त हो गया हो, लेकिन सरकार में सब कुछ ठीक होना अब भी बाकी है. वर्तमान में प्रदेश के महत्वपूर्ण 11 विभाग ऐसे हैं जिन्हें अभी अपने कैबिनेट मंत्री का इंतजार है. यह स्थिति तो तब है जब प्रदेश सरकार में अब भी 9 मंत्री और बनाए जा सकते हैं. कैबिनेट मंत्रियों की कमी से इन विभागों के कामकाज पर प्रभाव पड़ना लाजमी है.

कैबिनेट मंत्रियों का इंतजार

लंबे समय से कई विभागों में नहीं है कैबिनेट मंत्री...

राजस्थान सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग बीते जुलाई महीने से ही बिना कैबिनेट मंत्रियों के चल रहे हैं. कुछ महीने पहले प्रदेश में आए सियासी संकट के दौरान तत्कालिक उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को हटा दिया गया था और 14 जुलाई से ही यह विभाग बिना कैबिनेट मंत्रियों के चल रहा है.

पढ़ें- राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर मार्च तक होंगे उपचुनाव, बीजेपी-कांग्रेस दोनों के सामने होगी ये बड़ी चुनौती

हालांकि, इन विभागों में लगे राज्यमंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री भी लगातार समीक्षा बैठक कर विभागों की मॉनिटरिंग करते आए हैं, लेकिन इंडिपेंडेंट रूप से कोई भी कैबिनेट मंत्री इन विभागों में नहीं लगाया गया. वहीं, पिछले महीने नवंबर में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का भी निधन हो गया, जिसके बाद से उनके दो विभाग भी बिना मंत्री के चल रहे हैं.

इन विभागों में नहीं है कोई भी कैबिनेट मंत्री...

  • सार्वजनिक निर्माण विभाग
  • ग्रामीण विकास विभाग
  • पंचायती राज विभाग
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
  • सांख्यिकी विभाग
  • पर्यटन विभाग
  • देवस्थान विभाग
  • खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
  • उपभोक्ता मामले विभाग
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
  • आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग

30 मंत्रियों तक बढ़ाया जा सकता है कोटा...

वर्तमान में प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित 21 मंत्री ही हैं. 200 विधानसभा वाली राजस्थान सरकार में मंत्रियों का कोटा बढ़ाकर अधिकतम 30 तक किया जा सकता है. मतलब अब भी राजस्थान सरकार में 9 मंत्रियों की संख्या और बढ़ाए जाने की गुंजाइश है. वैसे गुंजाइश तो पहले भी थी, लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर केवल सुगबुगाहट ही चलती रही और अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ.

इसके कारण इन विभागों की कमान या तो राज्य मंत्री या फिर विभाग के अधिकारी ने संभाल रखी है. हालांकि, समय-समय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विभागों की समीक्षा बैठक कर कामकाज का फीडबैक लेते रहते हैं, लेकिन विभाग में कैबिनेट मंत्री यानी मुखिया की कमी विभाग के कामकाज पर साफ तौर पर दिखती भी है.

भाजपा के निशाने पर प्रदेश सरकार...

प्रदेश सरकार में चल रही सियासी उठापटक के कारण कांग्रेस भी विपक्ष के निशाने पर रही है. अब जब कई विभागों में कैबिनेट मंत्री नहीं है तब भाजपा के नेता खुलकर इस मामले में मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार पर सवाल भी उठाते हैं. भाजपा के नेता अपने बयानों में यह भी कह चुके हैं कि क्या कांग्रेस के पास मंत्री बनाने के लिए उपयुक्त विधायक नहीं है या फिर मुख्यमंत्री सारे पावर अपने पास ही रखना चाहते हैं.

जयपुर. राजस्थान में भले ही पिछले दिनों आया सियासी संकट समाप्त हो गया हो, लेकिन सरकार में सब कुछ ठीक होना अब भी बाकी है. वर्तमान में प्रदेश के महत्वपूर्ण 11 विभाग ऐसे हैं जिन्हें अभी अपने कैबिनेट मंत्री का इंतजार है. यह स्थिति तो तब है जब प्रदेश सरकार में अब भी 9 मंत्री और बनाए जा सकते हैं. कैबिनेट मंत्रियों की कमी से इन विभागों के कामकाज पर प्रभाव पड़ना लाजमी है.

कैबिनेट मंत्रियों का इंतजार

लंबे समय से कई विभागों में नहीं है कैबिनेट मंत्री...

राजस्थान सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग बीते जुलाई महीने से ही बिना कैबिनेट मंत्रियों के चल रहे हैं. कुछ महीने पहले प्रदेश में आए सियासी संकट के दौरान तत्कालिक उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को हटा दिया गया था और 14 जुलाई से ही यह विभाग बिना कैबिनेट मंत्रियों के चल रहा है.

पढ़ें- राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों पर मार्च तक होंगे उपचुनाव, बीजेपी-कांग्रेस दोनों के सामने होगी ये बड़ी चुनौती

हालांकि, इन विभागों में लगे राज्यमंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री भी लगातार समीक्षा बैठक कर विभागों की मॉनिटरिंग करते आए हैं, लेकिन इंडिपेंडेंट रूप से कोई भी कैबिनेट मंत्री इन विभागों में नहीं लगाया गया. वहीं, पिछले महीने नवंबर में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का भी निधन हो गया, जिसके बाद से उनके दो विभाग भी बिना मंत्री के चल रहे हैं.

इन विभागों में नहीं है कोई भी कैबिनेट मंत्री...

  • सार्वजनिक निर्माण विभाग
  • ग्रामीण विकास विभाग
  • पंचायती राज विभाग
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
  • सांख्यिकी विभाग
  • पर्यटन विभाग
  • देवस्थान विभाग
  • खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
  • उपभोक्ता मामले विभाग
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
  • आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग

30 मंत्रियों तक बढ़ाया जा सकता है कोटा...

वर्तमान में प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित 21 मंत्री ही हैं. 200 विधानसभा वाली राजस्थान सरकार में मंत्रियों का कोटा बढ़ाकर अधिकतम 30 तक किया जा सकता है. मतलब अब भी राजस्थान सरकार में 9 मंत्रियों की संख्या और बढ़ाए जाने की गुंजाइश है. वैसे गुंजाइश तो पहले भी थी, लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर केवल सुगबुगाहट ही चलती रही और अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ.

इसके कारण इन विभागों की कमान या तो राज्य मंत्री या फिर विभाग के अधिकारी ने संभाल रखी है. हालांकि, समय-समय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विभागों की समीक्षा बैठक कर कामकाज का फीडबैक लेते रहते हैं, लेकिन विभाग में कैबिनेट मंत्री यानी मुखिया की कमी विभाग के कामकाज पर साफ तौर पर दिखती भी है.

भाजपा के निशाने पर प्रदेश सरकार...

प्रदेश सरकार में चल रही सियासी उठापटक के कारण कांग्रेस भी विपक्ष के निशाने पर रही है. अब जब कई विभागों में कैबिनेट मंत्री नहीं है तब भाजपा के नेता खुलकर इस मामले में मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार पर सवाल भी उठाते हैं. भाजपा के नेता अपने बयानों में यह भी कह चुके हैं कि क्या कांग्रेस के पास मंत्री बनाने के लिए उपयुक्त विधायक नहीं है या फिर मुख्यमंत्री सारे पावर अपने पास ही रखना चाहते हैं.

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