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Smart city projects incomplete : यूनेस्को का तमगा बचाते हुए करना होगा स्मार्ट सिटी का पेंडिंग वर्क

राजस्थान में 5 साल पहले 28 जनवरी 2016 को जयपुर और उदयपुर, जबकि 3 अक्टूबर 2016 को कोटा और अजमेर का चयन स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हुआ था. मिशन के तहत इन 4 शहरों में 393 प्रोजेक्ट पर काम होना है. इनमें सबसे ज्यादा जयपुर में 128 प्रोजेक्ट हैं जिनमें से महज 32 पूरे हुए हैं. यही नहीं, वर्तमान में चल रहे कुछ प्रोजेक्ट्स (Smart city projects) तो यूनेस्को से मिली गाइडलाइन को भी मुंह चिढ़ा रहे हैं.

Smart city projects incomplete
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Published : Dec 27, 2021, 7:48 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 9:13 PM IST

जयपुर. यूडीएच मंत्री खुद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन जिस जिले के वे खुद प्रभारी मंत्री हैं, वहीं प्रदेश की चारों स्मार्ट सिटी में सबसे पीछे हैं. जयपुर भले ही प्रदेश की राजधानी है, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाते कोटा, उदयपुर और अजमेर उससे कहीं आगे है. ये तीनों ही शहर देश की स्मार्ट सिटी रैंकिंग में टॉप 10 में शुमार हैं, जबकि जयपुर का नंबर 18वां है.



ऐसे में जयपुर शहर के सामने अपने पेंडिंग वर्क (smart city work in jaipur) को पूरा करने के साथ-साथ यूनेस्को से मिले तमगे को बचाने की भी जिम्मेदारी है. दरअसल जयपुर में स्मार्ट सिटी का अधिकतर काम परकोटे (world heritage jaipur parkota) में हो रहा है. जो यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है. इसी कारण यूनेस्को की निगाहें यहां होने वाले सभी प्रोजेक्ट पर रहती हैं.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को लेकर स्मार्ट सिटी सीईओ से खास बातचीत (भाग 1)

हाल ही में यूनेस्को ने चौगान स्टेडियम में बन रहे स्पोर्ट्स कंपलेक्स और दरबार स्कूल के निर्माण को लेकर भी नोटिस मिला. इससे पहले अजमेरी गेट पर किए गए काम को लेकर के भी आपत्ति जताई गई थी. हालांकि स्मार्ट सिटी सीईओ ने यूनेस्को से मिली गाइडलाइन के अनुसार और हेरिटेज कमेटी से अप्रूवल मिलने के बाद ही काम (unesco smart city project) किए जाने का दावा किया है.

राजस्थान में चार स्मार्ट सिटी

Smart city projects incomplete
चार स्मार्ट सिटी में काम

पढ़ें- Historical clock of jaipur: यादों में न रह जाए 'यादगार' की ऐतिहासिक घड़ी, वर्षों से बंद पड़ी है जयपुर...न जाने कब बदलेगा 'वक्त'

जयपुर में वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट

Smart city projects incomplete
वर्तमान प्रोजेक्ट्स

इसके अलावा गणगौरी अस्पताल, कंवर नगर डिग्री कॉलेज, जंक्शन का इंप्रूवमेंट, बाज़ारों में रेलिंग और डिवाइडर को ठीक करने, फुटपाथ का सौंदर्यीकरण, सामुदायिक भवनों का रिनोवेशन जैसे कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. हालांकि स्मार्ट सिटी के कुछ प्रोजेक्ट से शहरवासी तो कुछ से जनप्रतिनिधि संतुष्ट नहीं हैं. पौन्ड्रिक उद्यान में कम्युनिटी हॉल और पार्किंग एरिया डवलप करने का प्रोजेक्ट भी इसी वजह से खटाई में है.

हाल ही में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के इन प्रोजेक्ट का हुआ शिलान्यास

Smart city projects incomplete
जयपुर में प्रोजेक्ट शिलान्यास

जयपुर स्मार्ट सिटी में लगातार प्लानिंग, डीपीआर में बदलाव और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप भी जयपुर के पिछड़ने का एक कारण है. लेकिन अब केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 2023 तक का समय बढ़ा दिया है. ऐसे में जयपुर के सामने ना सिर्फ यूनेस्को की गाइडलाइन (UNESCO Guideline for Heritage Cities) फॉलो करते हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने की, बल्कि प्रदेश की दूसरी स्मार्ट सिटीज को पीछे छोड़ने की भी चुनौती है.

जयपुर. यूडीएच मंत्री खुद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन जिस जिले के वे खुद प्रभारी मंत्री हैं, वहीं प्रदेश की चारों स्मार्ट सिटी में सबसे पीछे हैं. जयपुर भले ही प्रदेश की राजधानी है, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाते कोटा, उदयपुर और अजमेर उससे कहीं आगे है. ये तीनों ही शहर देश की स्मार्ट सिटी रैंकिंग में टॉप 10 में शुमार हैं, जबकि जयपुर का नंबर 18वां है.



ऐसे में जयपुर शहर के सामने अपने पेंडिंग वर्क (smart city work in jaipur) को पूरा करने के साथ-साथ यूनेस्को से मिले तमगे को बचाने की भी जिम्मेदारी है. दरअसल जयपुर में स्मार्ट सिटी का अधिकतर काम परकोटे (world heritage jaipur parkota) में हो रहा है. जो यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है. इसी कारण यूनेस्को की निगाहें यहां होने वाले सभी प्रोजेक्ट पर रहती हैं.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को लेकर स्मार्ट सिटी सीईओ से खास बातचीत (भाग 1)

हाल ही में यूनेस्को ने चौगान स्टेडियम में बन रहे स्पोर्ट्स कंपलेक्स और दरबार स्कूल के निर्माण को लेकर भी नोटिस मिला. इससे पहले अजमेरी गेट पर किए गए काम को लेकर के भी आपत्ति जताई गई थी. हालांकि स्मार्ट सिटी सीईओ ने यूनेस्को से मिली गाइडलाइन के अनुसार और हेरिटेज कमेटी से अप्रूवल मिलने के बाद ही काम (unesco smart city project) किए जाने का दावा किया है.

राजस्थान में चार स्मार्ट सिटी

Smart city projects incomplete
चार स्मार्ट सिटी में काम

पढ़ें- Historical clock of jaipur: यादों में न रह जाए 'यादगार' की ऐतिहासिक घड़ी, वर्षों से बंद पड़ी है जयपुर...न जाने कब बदलेगा 'वक्त'

जयपुर में वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट

Smart city projects incomplete
वर्तमान प्रोजेक्ट्स

इसके अलावा गणगौरी अस्पताल, कंवर नगर डिग्री कॉलेज, जंक्शन का इंप्रूवमेंट, बाज़ारों में रेलिंग और डिवाइडर को ठीक करने, फुटपाथ का सौंदर्यीकरण, सामुदायिक भवनों का रिनोवेशन जैसे कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. हालांकि स्मार्ट सिटी के कुछ प्रोजेक्ट से शहरवासी तो कुछ से जनप्रतिनिधि संतुष्ट नहीं हैं. पौन्ड्रिक उद्यान में कम्युनिटी हॉल और पार्किंग एरिया डवलप करने का प्रोजेक्ट भी इसी वजह से खटाई में है.

हाल ही में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के इन प्रोजेक्ट का हुआ शिलान्यास

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जयपुर में प्रोजेक्ट शिलान्यास

जयपुर स्मार्ट सिटी में लगातार प्लानिंग, डीपीआर में बदलाव और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप भी जयपुर के पिछड़ने का एक कारण है. लेकिन अब केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 2023 तक का समय बढ़ा दिया है. ऐसे में जयपुर के सामने ना सिर्फ यूनेस्को की गाइडलाइन (UNESCO Guideline for Heritage Cities) फॉलो करते हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने की, बल्कि प्रदेश की दूसरी स्मार्ट सिटीज को पीछे छोड़ने की भी चुनौती है.

Last Updated : Dec 27, 2021, 9:13 PM IST
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