कोटपूतली (जयपुर). जयपुर जिले में कोटपूतली के केरोड़ी गांव में तीन दिन पहले दलित दूल्हे की बारात पर हुए पथराव के बाद रविवार को उसी घर के दो दूल्हों की निकासी पुलिस के कड़े पहरे में निकाली गई. राजस्थान में दलितों पर अत्याचार (Dalit atrocities in Rajasthan) के मामले थम नहीं रहे हैं. यह घटना उसी का एक उदाहरण है.
25 नवम्बर की घटना के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है. केरोड़ी गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात रहे. जयपुर ग्रामीण एसपी मनीष अग्रवाल गांव में मौजूद रहकर मॉनिटरिंग करते रहे. किसी प्रकार की अनहोनी से निबटने के लिए गांव में 3 आरएसी के टुकड़ियां और 4 पुलिस थानों का जाब्ता तैनात रहा.
इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने दूल्हे से भी बात की. उसने कहा कि आजादी के बाद इस गांव में कोई दलित घोड़ी पर बैठा. उसने कहा कि अच्छा लग रहा है, किसी तरह का डर नहीं है, पुलिस की मौजूदगी से आत्मविश्वास बढ़ा है. घोड़ी पर बैठकर अच्छा लगा.
विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर भी इस मौके पर दिखाई दिये. उन्होंने कहा कि हर समाज में कुछ अराजक तत्व होते हैं. 25 नवंबर को दलित दूल्हे की बारात पर पथराव (stone pelting on dalit groom) किया गया था. यह घटना निंदनीय है. आज ऐसा कुछ नहीं है. सब शांति है. हालांकि निकासी के दौरान नारेबाजी भी होती रही.
बता दें कि 25 नवम्बर को केरोड़ी गांव में दलित दूल्हा घोड़ी पर बैठकर आया था. दूल्हे के तोरण मारने के दौरान असामाजिक तत्वों ने बारात पर पथराव (Attack on Dalit procession) कर दिया था. इस घटना से दलित समाज में रोष व्याप्त था. रविवार को इसी घर मे दो दूल्हों की बारात बानसूर जानी थी. इससे पहले उनकी निकासी पुलिस सुरक्षा में निकाली गई.
सुरक्षा की क्रॉनोलॉजी समझिये
उल्लेखनीय है कि कोटपूतली से विधायक राजेंद्र यादव गहलोत सरकार में मंत्री हैं, यहीं से बारात बानसूर जा रही है. बानसूर से विधायक शकुंतला रावत हाल ही में गहलोत कैबिनेट में उद्योग मंत्री बनी हैं. ऐसे में इस बारात को लेकर गहलोत सरकार के दो मंत्रियों की साख भी दांव पर थीं. जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद गृहमंत्री हैं ही. तो ऐसे में जबकि राजस्थान में दलित अत्याचार के आंकड़े प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं, जाहिर है कि दलित दूल्हों को चार थानों की पुलिस और खुद ग्रामीण एसपी प्रोटेक्ट कर रहे हैं.
बानसूर में भी रहा पुलिस का कड़ा पहरा
26 नवंबर को जयपुर जिले के पावटा उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत कैरोड़ी में दलित दूल्हे की बारात पर पथराव का प्रकरण मामला सामने आया था. उस दिन जिस दुल्हन की बारात के साथ यह बर्ताव हुआ था, उसकी को दो भाई आज दूल्हा बनकर बानसूर गए हैं. जहां पुलिस उप अधीक्षक सुभाष गोदारा बानसूर, कार्यवाहक थाना अधिकारी शिंभू दयाल हरसोरा, थाना अधिकारी ताराचंद शर्मा क्यूआरटी टीम सहित पुलिस जाब्ता की मौजूदगी में बारात और दूल्हे को शादी के जनवासे तक पहुंचाया गया.
बानसूर क्षेत्र में प्रवेश करते ही इलाके की पुलिस ने दलित बारात को सुरक्षा घेरे में ले लिया. पुलिस पहरे में बारात कस्बे में लाई गई. पुलिस उप अधीक्षक सुभाष गोदारा लगातार निगरानी बनाए हुए हैं. जब तक शादी संपन्न नहीं हो जाती तब तक पुलिस की निगरानी बनी रहेगी. दूल्हा धर्मेंद्र और पुष्पेंद्र से बानसूर संवाददाता ने बात की. उन्होंने कहा कि सब काम शांति से हो रहा है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है.