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किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थित संगठन एकजुट...केंद्र सरकार पर बोला हमला...27 सितंबर को भारत बंद का निर्णय - कृषि कानून का विरोध

कृषि कानूनों और बढ़ती महंगाई के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थित संगठन एकजुट होते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है. साथ ही 27 सितंबर को भारत बंद का निर्णय किया है.

किसान आंदोलन, farmer movement
किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थित संगठन
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Published : Sep 20, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 8:20 PM IST

जयपुर. कृषि कानूनों और बढ़ती महंगाई के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थित संगठन एकजुट होने लगे हैं. जयपुर में संयुक्त किसान मोर्चा एवं उसके संबंधित संगठनों के प्रतिनिधि जयपुर के मैरिज गार्डन में एकत्र हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. सभी प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ आक्रोश जता कर आंदोलन का ऐलान किया.

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संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम को संयुक्त किसान- मजदूर जन कन्वेंशन नाम दिया गया. जिसमें सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने निर्णय किया कि 27 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा. कार्यक्रम में भारत बंद को सफल बनाने पर विस्तृत चर्चा भी की गई.

राजाराम मील.

इस दौरान प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्तमान में समाज के हर हिस्से में जबरदस्त असंतोष और आक्रोश व्याप्त है. केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण आम जनता की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. कृषि कानूनों और बढ़ती महंगाई के कारण किसानों में आक्रोश व्याप्त है और लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि भाजपा और आरएसएस की नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी संपत्ति को बेच रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि रेल, डाक, तार हवाई अड्डे, बंदरगाह यहां तक कि सुरक्षा उत्पाद बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां भी निजी कारपोरेट मित्रों को दे दी गई हैं. खपत घट रही है और निर्यात में भी कमी आ गई है. चुनाव से पहले देश के युवाओं को दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया गया था, लेकिन देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है.

राजाराम मील ने कहा कि 27 सितंबर को भारत बंद सफल बनाने के लिए ही यह कार्यक्रम किया जा रहा है ताकि लोगों को बंद को लेकर जागरूक किया जा सके. देश की वर्तमान स्थिति में किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग सभी परेशानी का सामना कर रहे हैं. यहां तक कि आम जनता भी परेशान है. उन्होंने कहा कि आरएसएस और इनके मित्रों को छोड़ दिया जाए तो पूरा देश ही आज परेशानी में है.

पढ़ेंः RSS प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे भीलवाड़ा, राष्ट्रीय संत आचार्य महाश्रमण जी से लिया आशीर्वाद

मील ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत ज्यादा थी तो हमारे यहां पेट्रोल डीजल सस्ता था. वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत कम है तो हमारे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रही है. केंद्र सरकार अधिक टैक्स लगाकर राज्य सरकार को कम पैसा दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या पहले जहां पांच करोड़ थी वहीं आज 25 करोड़ हो गई है. साथ ही बेरोजगारी दर भी बढ़ोतरी हो गई है.

पिछले 10 महीने से दिल्ली में किसान आंदोलन पर बैठे हुए हैं. किसान खेती को बचाने के लिए धरने पर बैठा हुआ है. केंद्र सरकार को सबक सिखाने के लिए 27 सितंबर को भारत बंद किया जा रहा है. राजाराम मील ने कहा कि आज देश का किसान परेशानी में है. यदि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द कर एमएसपी का कानून लागू करती है तो किसान जिंदा रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन राजस्थान के महासचिव केसी घुमरिया ने कहा कि 27 सितंबर को भारत बंद से केंद्र सरकार को चेतावनी दी जाएगी और उस पर दबाव बनाया जाएगा कि कृषि कानून वापस ले.

जयपुर. कृषि कानूनों और बढ़ती महंगाई के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थित संगठन एकजुट होने लगे हैं. जयपुर में संयुक्त किसान मोर्चा एवं उसके संबंधित संगठनों के प्रतिनिधि जयपुर के मैरिज गार्डन में एकत्र हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. सभी प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ आक्रोश जता कर आंदोलन का ऐलान किया.

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संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम को संयुक्त किसान- मजदूर जन कन्वेंशन नाम दिया गया. जिसमें सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने निर्णय किया कि 27 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा. कार्यक्रम में भारत बंद को सफल बनाने पर विस्तृत चर्चा भी की गई.

राजाराम मील.

इस दौरान प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्तमान में समाज के हर हिस्से में जबरदस्त असंतोष और आक्रोश व्याप्त है. केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण आम जनता की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. कृषि कानूनों और बढ़ती महंगाई के कारण किसानों में आक्रोश व्याप्त है और लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि भाजपा और आरएसएस की नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी संपत्ति को बेच रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि रेल, डाक, तार हवाई अड्डे, बंदरगाह यहां तक कि सुरक्षा उत्पाद बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां भी निजी कारपोरेट मित्रों को दे दी गई हैं. खपत घट रही है और निर्यात में भी कमी आ गई है. चुनाव से पहले देश के युवाओं को दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया गया था, लेकिन देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है.

राजाराम मील ने कहा कि 27 सितंबर को भारत बंद सफल बनाने के लिए ही यह कार्यक्रम किया जा रहा है ताकि लोगों को बंद को लेकर जागरूक किया जा सके. देश की वर्तमान स्थिति में किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग सभी परेशानी का सामना कर रहे हैं. यहां तक कि आम जनता भी परेशान है. उन्होंने कहा कि आरएसएस और इनके मित्रों को छोड़ दिया जाए तो पूरा देश ही आज परेशानी में है.

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मील ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत ज्यादा थी तो हमारे यहां पेट्रोल डीजल सस्ता था. वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत कम है तो हमारे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रही है. केंद्र सरकार अधिक टैक्स लगाकर राज्य सरकार को कम पैसा दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या पहले जहां पांच करोड़ थी वहीं आज 25 करोड़ हो गई है. साथ ही बेरोजगारी दर भी बढ़ोतरी हो गई है.

पिछले 10 महीने से दिल्ली में किसान आंदोलन पर बैठे हुए हैं. किसान खेती को बचाने के लिए धरने पर बैठा हुआ है. केंद्र सरकार को सबक सिखाने के लिए 27 सितंबर को भारत बंद किया जा रहा है. राजाराम मील ने कहा कि आज देश का किसान परेशानी में है. यदि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द कर एमएसपी का कानून लागू करती है तो किसान जिंदा रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन राजस्थान के महासचिव केसी घुमरिया ने कहा कि 27 सितंबर को भारत बंद से केंद्र सरकार को चेतावनी दी जाएगी और उस पर दबाव बनाया जाएगा कि कृषि कानून वापस ले.

Last Updated : Sep 20, 2021, 8:20 PM IST
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