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आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे अधिकारी, CM तक शिकायत पहुंची तो मुख्यसचिव ने फिर चेताया

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Published : Oct 12, 2019, 8:58 PM IST

आम जनता की समस्याओं से सरोकार रखने वाली प्रदेश की गहलोत सरकार में उनके अधिकारी और कर्मचारी आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे. ऐसे में 15 दिन के भीतर मुख्य सचिव को फिर से आदेश जारी करने पड़ गए.

Rajasthan CM, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर. आदेशों की पालना नहीं होने पर एक बार फिर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को सख्ती दिखानी पड़ी है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जरिए प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी कर सख्ती से पालना करने को कहा है.

दरअसल मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना नहीं होने की शिकायत जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने 15 दिन में दोबारा यह आदेश जारी किए. जिसमें सभी अधिकारियों को निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

मुख्यसचिव के आदेशों को हवा में उड़ा रहे अधिकारी-कर्मचारी, फिर जारी करने पड़े आदेश

आदेश में कहा गया कि सरकारी कार्यालय में प्राप्त होने वाले परिवाद प्रार्थना पत्र प्राप्त रसीद नहीं दिए जाने की शिकायतों लगातार मिल रही है. ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी निर्देश को गंभीरता से लें. साथ ही विभाग आवश्यक रूप से अपने कार्यालय अधिकारियों की ईमेल आईडी भी अंकित करें. जिसमें उचित पत्राचार किया जा सके.

पढ़ेंः वकीलों को कई बार झूठ का सहारा लेना पड़ता होगा, इसमें जरा सा भी सुधार जनता का कल्याण करेगा: राज्यपाल

गौरतलब है कि 25 सितंबर 2019 को सरकार ने एक परिपत्र जारी किया था जिसमें परिवाद, प्रार्थना पत्रों और परियोजनाओं पर आवश्यक रूप से प्राप्ति रसीद देने के निर्देश दिए थे. प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी परिपत्र में 18 मार्च 2016 और 27 जून 2019 के परिपत्रों का हवाला दिया था. लेकिन इन आदेशों का सख्ती से पालन नहीं किया गया, ऐसे में दोबारा से मुख्य सचिव ने ये आदेश निकाले हैं.

जयपुर. आदेशों की पालना नहीं होने पर एक बार फिर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को सख्ती दिखानी पड़ी है. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जरिए प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी कर सख्ती से पालना करने को कहा है.

दरअसल मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना नहीं होने की शिकायत जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने 15 दिन में दोबारा यह आदेश जारी किए. जिसमें सभी अधिकारियों को निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

मुख्यसचिव के आदेशों को हवा में उड़ा रहे अधिकारी-कर्मचारी, फिर जारी करने पड़े आदेश

आदेश में कहा गया कि सरकारी कार्यालय में प्राप्त होने वाले परिवाद प्रार्थना पत्र प्राप्त रसीद नहीं दिए जाने की शिकायतों लगातार मिल रही है. ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी निर्देश को गंभीरता से लें. साथ ही विभाग आवश्यक रूप से अपने कार्यालय अधिकारियों की ईमेल आईडी भी अंकित करें. जिसमें उचित पत्राचार किया जा सके.

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गौरतलब है कि 25 सितंबर 2019 को सरकार ने एक परिपत्र जारी किया था जिसमें परिवाद, प्रार्थना पत्रों और परियोजनाओं पर आवश्यक रूप से प्राप्ति रसीद देने के निर्देश दिए थे. प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी परिपत्र में 18 मार्च 2016 और 27 जून 2019 के परिपत्रों का हवाला दिया था. लेकिन इन आदेशों का सख्ती से पालन नहीं किया गया, ऐसे में दोबारा से मुख्य सचिव ने ये आदेश निकाले हैं.

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जयपुर

मुख्यसचिव के आदेशों को कर्मचारी और अधिकारी उड़ा रहे हवा , सीएस ने फिर दिए आदेशों को गंभीरता से लेने के निर्देश

एंकर:- आम जनता की समस्याओं से सरोकार रखने वाली प्रदेश की गहलोत सरकार में उनके अधिकारी और कर्मचारी आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे , सरकार ने आदेश जारी कर सभी अधिकारी और कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि वह सरकारी कार्यालयों में प्राप्त होने वाले परिवाद , प्रार्थना पत्रों और परिवेदनाओं पर आवश्यक रूप से उनकी प्राप्ति रसीद देना सुनिश्चित करें , लेकिन बावजूद इसके अधिकारी और कर्मचारी आदेश की पालना नहीं कर रहे है , यही वजह है कि मुख्य सचिव को एक फिर आदेश की पालना के लिए सख्ती दिखानी पड़ी ।


Body:VO:- मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जरिए प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी करना पड़ा कि सरकारी कार्यालय में प्राप्त होने वाले परिवार प्रार्थना पत्रों और परिवेदनाओं पर आवश्यक रूप से उन्हें प्राप्त रसीद दी जाए , दरअसल मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना नहीं होने की शिकायत जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने 15 दिन में दोबारा यह आदेश जारी कर सभी अधिकारियों को निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए , आदेश में कहा गया कि सरकारी कार्यालय में प्राप्त होने वाले परिवाद प्रार्थना पत्र प्राप्त रसीद नहीं दिए जाने की शिकायतों लगातार मिल रही है , ऐसे में अधिकारी और कर्मचारी निर्देश को गंभीरता से ले साथ ही विभाग आवश्यक रूप से अपने कार्यालय अधिकारियों की ईमेल आईडी भी अंकित करें , जिसमें उचित पत्राचार किया जा सके , गौरतलब है कि 25 सितंबर 2019 को सरकार ने एक परिपत्र जारी किया था जिसमें परिवाद प्रार्थना पत्रों और परियोजनाओं पर आवश्यक रूप से प्राप्ति रसीद देने के निर्देश दिए थे , प्रशासनिक सुधार विभाग ने जारी किए परिपत्र में 18 मार्च 2016 और 27 जून 2019 के परिपत्रों का हवाला दिया था सरकार ने कहा था कि पत्रों पर आवश्यक रूप से ईमेल आईडी भी अंकित करें सरकार की ओर से जारी निर्देशों पर अधिकारी अमल नहीं कर इसके बाद वापस परिपत्र जारी किया गया है ।


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