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जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा खाना, SDM ने कहा- 15 लाख की आबादी में किस-किस को संभालें - corona lockdown

जहां हर तरफ गरीब और असहाय लोगों को प्रशासन की ओर से खाना बांटने के दावे किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जयपुर की रीको इंडस्ट्रीयल एरिया में दिहाड़ी मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लिए भी तरसना पड़ रहा है. इस बारे में प्रशासनिक अधिकारी बात करने से भी कतरा रहे हैं.

नहीं मिल रहा खाना, not getting food
जरूरतमंदों को नहीं मिला खाना
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Published : Apr 13, 2020, 11:57 AM IST

जयपुर. बगरू नगर पालिका क्षेत्र के रीको इडंस्ट्रीयल एरिया में दिहाड़ी मजदूरों को लॉकडाउन के चलते दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. लॉकडाउन से जहां फैक्ट्रियों में काम बंद हो गया है, वहीं अब उन लोगों के लिए खाने-पीने का संकट भी खड़ा हो गया है. मजदूर वर्ग के लोगों के परिवार का पालन-पोषण नहीं हो पा रहा है.

जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा खाना

जहां राजस्थान सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा, प्रशासन हरसंभव सहायता प्रदान करेगा. वहीं बगरू नगर पालिका क्षेत्र में मजदूरों को न तो राशन किट नसीब हो रही है और न ही खाने के पैकेट. ऐसे में लोगों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन अपने चहेतों और मिलने वालों को तो राशन किटे वितरित कर रहे हैं. लेकिन जिन्हें जरूरत है उन्हें अब तक एक बार भी राशन किट उपलब्ध नहीं करवाई गई है.

शनिवार को रीको क्षेत्र में जब सर्वे किया गया तो, दिहाड़ी मजदूरों का कहना था कि हमें अब तक किसी प्रकार की कोई सरकारी सहायता प्रदान नहीं की गई है. जब हम पालिका कार्यालय जाते हैं, तो रास्ते में पुलिस वाले हमें डरा-धमका कर वापस भेज देते हैं. अगर हम किसी प्रकार नगर पालिका पहुंच भी जाते हैं, तो नगर पालिका के गेट नहीं खोले जाते हैं और हमें वापस निराश होकर लौटना पड़ता है.

इनका कहना है कि या तो हमें राशन साम्रगी उपलब्ध करवाई जाए या फिर हमें अपने-अपने घर भेज दिया जाए. जिससे हम अपने छोटे-छोटे बच्चों को खाना खिला सकें. अगर हमें घर नहीं भेजा गया, तो हम कोरोना से मरे या ना मरे, लेकिन भूख से जरूर दम तोड़ देंगे.

पढ़ें: राजस्थान में लागू हो सकता है 'मॉडिफाइड लॉकडाउन', समितियों ने CM को सौंपी रिपोर्ट

वहीं इतनी बड़ी अव्यवस्था को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने कैमरे पर आकर कुछ भी कहने से मना कर दिया और ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया..

1. 15 लाख की आबादी में किन-किन को संभाले, मैं अभी सीतापुरा बैठा हूं आप बगरू वालों से बात कर लो. (घनश्याम शर्मा, एसडीएम सांगनेर)

2. हम सभी को राशन किट बांट रहे हैं, लेकिन कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. (गंगा देवी, विधायक,बगरू)

3. मैं बाइट नहीं दूंगा. (अजय अरोड़ा, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, बगरू)

4. नगर पालिका की ओर से मेरी जानकारी में ऐसे कोई लिस्ट नहीं दी गई है, जिसके बारे में वार्ड पार्षद को सूचित किया गया हो. अधिकारियों ने केवल राजनीति के दबाब में आकर ही लिस्ट बनाई है. (शंकर गरेड़, उपाध्यक्ष नगर पालिका बगरू)

जयपुर. बगरू नगर पालिका क्षेत्र के रीको इडंस्ट्रीयल एरिया में दिहाड़ी मजदूरों को लॉकडाउन के चलते दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. लॉकडाउन से जहां फैक्ट्रियों में काम बंद हो गया है, वहीं अब उन लोगों के लिए खाने-पीने का संकट भी खड़ा हो गया है. मजदूर वर्ग के लोगों के परिवार का पालन-पोषण नहीं हो पा रहा है.

जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा खाना

जहां राजस्थान सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा, प्रशासन हरसंभव सहायता प्रदान करेगा. वहीं बगरू नगर पालिका क्षेत्र में मजदूरों को न तो राशन किट नसीब हो रही है और न ही खाने के पैकेट. ऐसे में लोगों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन अपने चहेतों और मिलने वालों को तो राशन किटे वितरित कर रहे हैं. लेकिन जिन्हें जरूरत है उन्हें अब तक एक बार भी राशन किट उपलब्ध नहीं करवाई गई है.

शनिवार को रीको क्षेत्र में जब सर्वे किया गया तो, दिहाड़ी मजदूरों का कहना था कि हमें अब तक किसी प्रकार की कोई सरकारी सहायता प्रदान नहीं की गई है. जब हम पालिका कार्यालय जाते हैं, तो रास्ते में पुलिस वाले हमें डरा-धमका कर वापस भेज देते हैं. अगर हम किसी प्रकार नगर पालिका पहुंच भी जाते हैं, तो नगर पालिका के गेट नहीं खोले जाते हैं और हमें वापस निराश होकर लौटना पड़ता है.

इनका कहना है कि या तो हमें राशन साम्रगी उपलब्ध करवाई जाए या फिर हमें अपने-अपने घर भेज दिया जाए. जिससे हम अपने छोटे-छोटे बच्चों को खाना खिला सकें. अगर हमें घर नहीं भेजा गया, तो हम कोरोना से मरे या ना मरे, लेकिन भूख से जरूर दम तोड़ देंगे.

पढ़ें: राजस्थान में लागू हो सकता है 'मॉडिफाइड लॉकडाउन', समितियों ने CM को सौंपी रिपोर्ट

वहीं इतनी बड़ी अव्यवस्था को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने कैमरे पर आकर कुछ भी कहने से मना कर दिया और ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया..

1. 15 लाख की आबादी में किन-किन को संभाले, मैं अभी सीतापुरा बैठा हूं आप बगरू वालों से बात कर लो. (घनश्याम शर्मा, एसडीएम सांगनेर)

2. हम सभी को राशन किट बांट रहे हैं, लेकिन कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. (गंगा देवी, विधायक,बगरू)

3. मैं बाइट नहीं दूंगा. (अजय अरोड़ा, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, बगरू)

4. नगर पालिका की ओर से मेरी जानकारी में ऐसे कोई लिस्ट नहीं दी गई है, जिसके बारे में वार्ड पार्षद को सूचित किया गया हो. अधिकारियों ने केवल राजनीति के दबाब में आकर ही लिस्ट बनाई है. (शंकर गरेड़, उपाध्यक्ष नगर पालिका बगरू)

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