जयपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा करवाने के सरकार के फैसले का संयुक्त अभिभावक संघ ने विरोध जताया है. उन्होंने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां परीक्षा करवाने के सरकार के फैसले का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा है. जहां हजारों बच्चे संक्रमित हो गए हैं.
संयुक्त अभिभावक संघ के जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर सीबीएसई की बारहवीं बोर्ड की परीक्षा करवाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही है. दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा करवाने पर अड़ी है. उन्होंने प्रियंका गांधी से भी मांग की है कि इस मामले पर संवेदनशीलता दिखाते हुए गहलोत सरकार से बात करे.
उन्होंने कहा की देश के साथ ही प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आहट की संभावना है. जानकर बताते हैं कि इसका बच्चों पर ज्यादा असर होगा. फिर सरकार बच्चों के स्वास्थ्य से क्यों खिलवाड़ करना चाहती है. वहीं, संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस शासित राज्यों को भी पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने का आग्रह करना चाहिए.
संघ की लीगल सेल सदस्य एडवोकेट खुशबू शर्मा ने कहा कि एक सर्वे के अनुसार विद्यार्थी और अभिभावक नहीं चाहते कि इस महामारी के दौर में परीक्षाएं हो. दूसरा सवाल यह है कि अब तक प्रदेश के शिक्षकों का ही टीकाकरण नहीं हो पाया है. बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में परीक्षाएं करवाना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा.