जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में विकास कार्य दूर की कौड़ी साबित हो रहे हैं. हर वार्ड में 50 लाख के विकास कार्य कराने को लेकर प्रस्ताव पास किया गया था, लेकिन 5 महीने बाद भी निगम प्रशासन वार्डों में विकास के काम शुरू नहीं कर पाया है और न ही हुडको से ऋण मिला. ऐसे में अब जनता के पैसे से जनता के लिए विकास कार्य करने की बात की जा रही है. इसमें निगम प्रशासन को पार्षदों से सहयोग की अपेक्षा है.
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पार्षदों का सहयोग लेने का प्लान तैयार
राजधानी का जयपुर का ग्रेटर नगर निगम अब राजस्व बढ़ाने के लिए पार्षदों का सहयोग लेगा. कई सालों से लंबित यूडी टैक्स और दूसरे शुल्क वसूलने के लिए पार्षदों का सहयोग लेने का प्लान तैयार किया गया है. इस संबंध में ग्रेटर निगम एडिशनल कमिश्नर बृजेश चांदोलिया ने कहा कि विकास कार्यों के लिए आर्थिक संसाधन महत्वपूर्ण है. इन्हीं संसाधनों को जुटाने के लिए खर्चों में कटौती, नए रेवेन्यू सोर्स विकसित करने और रेवेन्यू के टारगेट को अचीव करने के निर्देश हैं.
सभी टैक्स पेयर्स से यूडी टैक्स कलेक्ट किया जाएगा
चांदोलिया ने कहा कि पिछले साल जो यूडी टैक्स कलेक्ट किया गया, कोशिश है कि इस बार उससे बेहतर करते हुए सभी टैक्स पेयर्स से यूडी टैक्स कलेक्ट किया जाए. इसे लेकर संबंधित प्राइवेट फर्म स्पैरो को भी सर्वे का काम पूरा करते हुए ऑनलाइन टैक्स की वसूली के संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं. इसी तरह सीवर टैक्स, ट्रेड लाइसेंस, डेयरी लाइसेंस, लीज मनी और दूसरी मदों में वसूली की कार्यवाही की जानी है.
जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही रेवेन्यू में वृद्धि होगी
इसमें स्थानीय पार्षद और जनप्रतिनिधियों का सहयोग जरूरी है. स्थानीय निकायों में जनप्रतिनिधि की भागीदारी बराबर की होती है. उनके सहयोग से ही रेवेन्यू में वृद्धि होगी. निगम प्रशासन चाहता है कि पार्षद अपने क्षेत्र में जिन लोगों ने टैक्स जमा नहीं कराया है. उन्हें प्रोत्साहित करें. ताकि क्षेत्र में विकास कार्य हो सके. बता दें कि वार्डों में सड़क, नाली, सीवरेज, सफाई सहित कई विकास कार्य कराए जाने हैं. ज्यादातर काम सड़क और नाली से संबंधित है. ये काम नहीं होने के कारण पार्षदों में भी नाराजगी देखने को मिली है.