जयपुर. ग्रेटर नगर निगम की दूसरी बोर्ड बैठक में पूर्व में निर्धारित एजेंडों में से महज दो ही पारित हो सके. बचे हुए एजेंडा धरे के धरे रह गए. उम्मीद की जा रही थी की सोमवार को जिन एजेंडों पर चर्चा नहीं हुई, उन पर मंगलवार को चर्चा कर पारित किया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. क्योंकि साधारण सभा की बैठक (general meeting of the Greater Municipal Corporation did not take) नहीं हो पाई. वहीं अधिकारी-कर्मचारियों ने पार्षदों के आरोप पर आधे दिन पेन डाउन हड़ताल की.
ग्रेटर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में जोन वाइज कचरा संग्रहण और वार्ड में अतिरिक्त अस्थाई कर्मचारी लगाने के एजेंडे तो पास हुए. लेकिन निगम की प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण के प्रस्ताव, प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 के अन्तर्गत जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेने और वार्डों में 50 लाख के विकास कार्यों के संबंध में चर्चा तक नहीं हो सकी. कमिश्नर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के साथ ही सोमवार को बैठक स्थगित हो गई थी. उम्मीद की जा रही थी कि बैठक दूसरे दिन भी चलेगी. लेकिन मंगलवार को ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. इक्का-दुक्का पार्षद महापौर के कक्ष तक जरूर पहुंचे और उनसे सवाल भी किया कि आखिर बोर्ड बैठक होगी या नहीं.
इस संबंध में महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि सोमवार को सदन में ही कहा गया था कि साधारण सभा 2 दिन चलाई जाएगी. चूंकि सदन से अधिकारी उठकर चले गए थे. ऐसे में कई प्रस्ताव पर चर्चा ही नहीं हो सकी थी. उन्होंने कहा कि वो खुद भी साधारण सभा की बैठक के लिए यहां आई थी और कुछ पार्षद भी यहां आए. लेकिन यहां बोर्ड बैठक को लेकर कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली. जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा मंगलवार को जो बोर्ड बैठक नहीं हो पाई इस संबंध में राज्य सरकार को भी लिखा जाएगा. पहले भी आयुक्त को तीन बार बोर्ड बैठक कराए जाने को लेकर लिखा गया था. आखिर में राज्य सरकार को पत्र लिखा गया. उसके बाद ये बैठक हो सकी. चूंकि बोर्ड बैठक अभी अधूरी है, ऐसे में राज्य सरकार को पत्र लिखा जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि साधारण सभा के दौरान अधिकारी भी जनप्रतिनिधियों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे थे. जो बड़ी गंभीर स्थिति है. आगामी बोर्ड बैठक में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिकारी तैयारी के साथ आएं और सदन में कोई भी अनर्गल बयान बाजी ना हो. जानकारी के अनुसार साधारण सभा को 2 दिन चलाने की महापौर और बीजेपी पार्षदों की मंशा पर पहले ही बीजेपी आलाकमान ने पानी फेर दिया था. साधारण सभा से एक दिन पहले बीजेपी मुख्यालय में हुई प्री बोर्ड बैठक के दौरान ही पार्टी के उच्च पदाधिकारियों से निर्देश मिले थे कि बैठक एक ही दिन में खत्म की जाए और हुआ भी कुछ ऐसा ही.