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चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर चुनने की कवायद शुरू, कांग्रेस पार्षदों की बाड़ेबंदी

जयपुर नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने जीते हुए पार्षदों की बाड़ेबंदी कर दी है. अब महापौर को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. वहीं इसको लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी और विधायक रफीक खान की मौजूदगी में सभी पार्षदों की बैकठ हुई है.

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चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर चुनने की कवायद शूरू
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Published : Nov 4, 2020, 7:55 AM IST

जयपुर. जयपुर नगर निगम चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने जीते हुए पार्षदों की बाड़ेबंदी कर दी है. चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. जीते हुए सभी कांग्रेस पार्षदों को मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के पास बुलाया गया है, जहां पर पार्षदों के साथ बैठक आयोजित की गई है. बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी और विधायक रफीक खान मौजूद रहे.

चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर चुनने की कवायद शूरू

बैठक के दौरान सभी कांग्रेसी पार्षदो को होटल शगुन में रुकने के लिए कहा गया है. सभी पार्षदों को बस में बैठा कर होटल लाया गया है. होटल शगुन में पार्षदों के साथ महापौर चेहरे को लेकर चर्चा होगी. अब इसी होटल में महापौर उम्मीदवार तय किया जाएगा. ऐसे में 10 नवंबर तक सभी पार्षदों को होटल शगुन में रखा जा सकता है क्योंकि अब महापौर का चुनाव होना है. ऐसे में कांग्रेस को डर है कि कहीं खरीद-फरोख्त या पार्षद इधर उधर ना हो. जयपुर हेरिटेज नगर निगम में ओबीसी महिला महापौर बनेगी.

यह भी पढ़ें- राजस्थान के नए DGP बने एमएल लाठर, कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

ओबीसी केटेगरी से कुछ प्रमुख महिला चेहरे सामने निकल कर आए हैं, जिनमें से मुनेश कुमारी और सुनीता मावर महापौर चेहरा हो सकती है. सभी पार्षदों से कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि हमें एकजुट रहना है और जिसको भी पार्टी महापौर उम्मीदवार बनाएं. सभी को पार्टी का फैसला मानना है. महापौर चेहरे को लेकर महिला पार्षदों का कहना है कि जो भी पार्टी का फैसला होगा, वहीं सर्वमान्य होगा. ओबीसी महिला पार्षदों ने भी कहा कि पार्टी सोच विचार कर अनुभवी, काबिल और योग्य महिला कोई महापौर बनाएगी, जिससे जो जयपुर शहर वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हुआ है, उसको मेंटेन करा जा सके और विश्व में यह भी छाप लगाई जा सके कि जयपुर पेरिस से कम नहीं है.

कांग्रेस के पास निर्दलीयों को मिलाकर अब 52 पार्षद हो चुके हैं. राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया कि वोट देना एक टेक्निकल मामला होता है. हम कोई कंफ्यूजन नहीं चाहते हैं. इसलिए सभी पार्षदों को एक जगह इकट्ठा किया गया है, ताकि उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा सके. महापौर को लेकर सर्वसम्मति से फैसला करेंगे और सभी पार्षदों को बताएंगे कि किस तरीके से वोट डालना है.

जयपुर. जयपुर नगर निगम चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने जीते हुए पार्षदों की बाड़ेबंदी कर दी है. चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. जीते हुए सभी कांग्रेस पार्षदों को मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के पास बुलाया गया है, जहां पर पार्षदों के साथ बैठक आयोजित की गई है. बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी और विधायक रफीक खान मौजूद रहे.

चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर चुनने की कवायद शूरू

बैठक के दौरान सभी कांग्रेसी पार्षदो को होटल शगुन में रुकने के लिए कहा गया है. सभी पार्षदों को बस में बैठा कर होटल लाया गया है. होटल शगुन में पार्षदों के साथ महापौर चेहरे को लेकर चर्चा होगी. अब इसी होटल में महापौर उम्मीदवार तय किया जाएगा. ऐसे में 10 नवंबर तक सभी पार्षदों को होटल शगुन में रखा जा सकता है क्योंकि अब महापौर का चुनाव होना है. ऐसे में कांग्रेस को डर है कि कहीं खरीद-फरोख्त या पार्षद इधर उधर ना हो. जयपुर हेरिटेज नगर निगम में ओबीसी महिला महापौर बनेगी.

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ओबीसी केटेगरी से कुछ प्रमुख महिला चेहरे सामने निकल कर आए हैं, जिनमें से मुनेश कुमारी और सुनीता मावर महापौर चेहरा हो सकती है. सभी पार्षदों से कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि हमें एकजुट रहना है और जिसको भी पार्टी महापौर उम्मीदवार बनाएं. सभी को पार्टी का फैसला मानना है. महापौर चेहरे को लेकर महिला पार्षदों का कहना है कि जो भी पार्टी का फैसला होगा, वहीं सर्वमान्य होगा. ओबीसी महिला पार्षदों ने भी कहा कि पार्टी सोच विचार कर अनुभवी, काबिल और योग्य महिला कोई महापौर बनाएगी, जिससे जो जयपुर शहर वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हुआ है, उसको मेंटेन करा जा सके और विश्व में यह भी छाप लगाई जा सके कि जयपुर पेरिस से कम नहीं है.

कांग्रेस के पास निर्दलीयों को मिलाकर अब 52 पार्षद हो चुके हैं. राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया कि वोट देना एक टेक्निकल मामला होता है. हम कोई कंफ्यूजन नहीं चाहते हैं. इसलिए सभी पार्षदों को एक जगह इकट्ठा किया गया है, ताकि उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा सके. महापौर को लेकर सर्वसम्मति से फैसला करेंगे और सभी पार्षदों को बताएंगे कि किस तरीके से वोट डालना है.

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