जयपुर. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आंतकी हमले में शहीद हुए गोविन्दपुरा बासड़ी गांव के जवान रोहिताश लाम्बा की शहादत की पहली बरसी पर जहां परिवारजन उनकी याद में गमगीन थे, वहीं परिजनों के लिए खुशियों की सौगात भी आई. शहीद रोहिताश के परिवार में शुक्रवार को नन्हे बच्चे की किलकारी गूंजी.
शहीद के छोटे भाई जितेन्द्र लाम्बा की पत्नी ने शुक्रवार को एक बेटे को जन्म दिया. परिजनों में शहीद की पहली बरसी पर खुशी की लहर दौड़ गई. खास बात तो यह रही कि परिवारजनों ने नन्हेे बच्चे का नाम भी रोहिताश लाम्बा ही रखा. परिवार में शहादत के दिन बेटे का जन्म होने से परिवार में खुशी का माहौल नजर आया.
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उल्लेखनीय है कि रोहिताश लाम्बा 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले में शहीद हो गए थे, शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए अनेक लोग शहीद स्मारक पर पहुंचे, जहां शहीद को नमन किया.
वीरांगना बोली फोटो खिंचवाने आते हैं नेता
शहीद की शहादत को कोई भुला नहीं सकता, लेकिन कोई नेता इस शहीद के स्मारक पर नहीं पहुंचा. शहीद की वीरांगना मंजू देवी ने कहा, कि फोटो खिंचवाने के लिए लोग यहां आते हैं. आज जब इतना बड़ा दिन था, लेकिन कोई नेता नहीं आया. उन्होंने बताया, कि सरकार की ओर से की गई घोषणाएं भी अधूरी हैं.
'पैसे की दरकार नहीं'
वीरांगना मंजू देवी ने कहा, कि यदि घोषणाएं पूरी नहीं होती है तो वह अनशन पर बैठ जाएगी. मंजू देवी ने कहा, कि मैं नरेगा में काम करके भी अपना पेट भर सकती हूं. मुझे पैसे की दरकार नहीं है. वीरांगना ने राज्य सरकार का आर्थिक पैकेज लौटाने का ऐलान किया है.
लोग बोले लौट आया 'रोहिताश'
शहीद के परिवार में बच्चे के जन्म को लेकर लोगों में चर्चा रही. लोगों का कहना था, कि रोहिताश का शहीद होना विधि का विधान था, इसे कौन टाल पाता. किसी को नहीं पता था कि रोहिताश लौटकर आएगा. रोहिताश इसी दिन शहीद हुए थे और परिवार में नन्हे बच्चे ने जन्म लिया है. ऐसे में लोग पुनर्जन्म के भी कयास लगाते रहे. लोगों ने कहा, कि घर में रोहिताश लाम्बा फिर से लौट आए हैं. नवजात बालक का नाम भी परिवार वालों ने रोहिताश लाम्बा ही रखा है.
रक्तदान शिविर का आयोजन
शहीद रोहिताश लाम्बा की बरसी पर शहीद के स्मारक पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. युवाओं ने रक्तदान शिविर में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. करीब 50 यूनिट से ज्यादा रक्त का संग्रहण किया गया.