जयपुर. सालासर बालाजी के सुजानगढ़ स्थित तोरणद्वार और उसपर लगी राम दरबार की मूर्तियां ध्वस्त करने के मामले (Ramdarbar idols demolishing case ) में सियासत गरमाती जा रही है. भाजपा नेता इस मामले में सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए माफी मांगने की मांग कर रही है. वहीं कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुद को राम का वंशज बताते हुए भाजपा को राम के नाम पर ठेकेदारी न करने की नसीहत दी है. उधर, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने यह काम एनएचआई का बताते हुए प्रकरण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाली है.
दरअसल रोड चौड़ी करने के नाम पर ठेकेदार की ओर से सुजानगढ़ स्थित तोरणद्वार और उसपर लगी राम दरबार की मूर्तियां गिराने के मामले में भाजपा के नेता लगातार सरकार को घेर रहे हैं. अब प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा है कि गलती हर इंसान से होती है लेकिन सरकार के नुमाइंदे इस मामले में माफी मांगने के बजाय दोषियों को बचाने में लगे हैं. शर्मा ने कहा कि सड़क चौड़ी करने के नाम पर सरकार विकास कार्य करे लेकिन मूर्तियों को विधि विधान से हटाते हैं तो किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होती हैं. प्रदेश सरकार तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.
रामलाल शर्मा के इस बयान पर कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार करते हुए कहा कि भगवान राम के वंशज तो हम हैं. बीजेपी राम के नाम पर ठेकेदारी न करे. खाचरियावास ने कहा कि जयपुर में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जब मंदिर तोड़े जा रहे थे तब गुलाब सिंह कटारिया, राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा नेता कहां गए थे. तब तो वो लोग पार्टियां करने में व्यस्त थे. खाचरियावास ने कहा कि तब हम ने सड़क पर उतर कर आंदोलन किया और आज मैं सत्ता पक्ष में होने के बावजूद कह रहा हूं कि इस घटनाक्रम में भी दोषी ठेका कर्मी और पीडब्ल्यूडी कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के नेता तो झूठ बोलने के जनरेटर हैं और इन्हें झूठ बोलने में गोल्ड मेडल दिया जाना चाहिए.
संयम लोढ़ा ने कहा- एनएचआई का है काम, गडकरी और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने तोरण द्वार और राम दरबार की मूर्तियां ध्वस्त करने के मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर ही जुबानी हमला बोल दिया. संयम लोढ़ा ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को झूठ बोलने की ट्रेनिंग बेहतर तरीके से दी जाती है जबकि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी एनएचआई और केंद्र सरकार की है. लोढ़ा ने कहा कि यहां 100 मीटर चौड़ी रोड बनाने का काम एनएचआई देख रही है और उसी ने इस काम का ठेका दिया है. लोढ़ा ने कहा कि यह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को देखना था कि सड़क चौड़ी करने के दौरान क्या-क्या तोड़ना होगा, अब उल्टा प्रदेश सरकार पर ही आरोप लगा रहे हैं.