जयपुर. राजधानी के वैशाली नगर में रहने वाले प्रह्लाद सिंह साल 2006 में नायब तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए. उसके बाद से ही अपनी पत्नी के साथ जयपुर में रहने लगे. प्रह्लाद सिंह का एक और मकान भी है, जिसे उन्होंने किराए पर दे रखा है.
बता दें कि साल 2020 में प्रह्लाद सिंह को लकवा आ गया, जिसके चलते वह चलने फिरने में असमर्थ हो गए,. प्रह्लाद सिंह के दूसरे मकान में किराए से रहने वाले रमेश रेड्डी ने प्रह्लाद सिंह की पत्नी चांद कवर को पेंशन खाते में नाम जुड़वाने का झांसा देकर बैंक की पासबुक, चेक बुक समेत अन्य कागजात ले लिए. रमेश अक्सर प्रह्लाद और चांद कवर से मिलने आता रहता था, जिसके चलते दोनों उस पर विश्वास करते थे. इसी कारण चांद कंवर ने बिना कुछ सोचे समझे प्रह्लाद सिंह के पेंशन खाते की पासबुक, चेक बुक और अन्य कागजात उसे दे दिए.
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बैंक की तमाम जानकारी जुटाने के बाद आरोपी किराएदार रमेश रेड्डी ने प्रह्लाद सिंह के पेंशन खाते से अलग-अलग टुकड़ों में कुल 9 लाख रुपए निकाल लिए. वहीं जब चांद कवर को रुपयों की जरूरत पड़ी और वह बैंक पहुंची तब जाकर उसे ठगी का पता चला. इसके बाद चांद कंवर ने वैशाली नगर थाने में किराएदार रमेश रेड्डी के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया. मामला उजागर होने के बाद आरोपी किराएदार फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.