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जयपुर ग्रेटर नगर निगम: वादों की फेहरिस्त लम्बी... हकीकत में बदलने का इंतजार - door to door garbage collection

काफी हो हंगामे के बीच शील धाभाई को 2 महीने पहले Jaipur Nagar Nigam (Greater) के कार्यवाहक महापौर पद की जिम्मेदारी दी गई. जिम्मेदारी मिलने के साथ ही कई ऐलान भी किए गए. समय के साथ Implementation को लेकर इंतजार भी लम्बा हो चला है. ETV Bharat ने इन ऐलानों और उनके क्रियान्वयन को लेकर कार्यवाहक महापौर से बात की तो उन्होंने नियमों का हवाला दिया. और ठीकरा राज्य सरकार की नीति पर फोड़ दिया.

Acting Mayor Sheel Dhabhai
कार्यवाहक मेयर ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
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Published : Aug 14, 2021, 11:26 AM IST

Updated : Aug 14, 2021, 2:24 PM IST

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में 2 महीने पहले सियासी उठापटक के बीच शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर (Acting Mayor Sheel Dhabhai) पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई वादे और घोषणाएं की जिनके पूरा होने का इंतजार है. हालांकि महापौर ने निविदा, टेंडर और वर्क आर्डर प्रक्रिया का हवाला देते हुए अधिकतर घोषणाओं को "Under Process" बताया. तर्क दिया कि प्रक्रिया के इतर जाकर कोई कार्य नहीं कर सकतीं.

पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान पर गहलोत का पलटवार, कहा- मैं बाहर निकलूंगा तो वही लोग कहेंगे कि Corona प्रोटोकॉल तोड़ रहा हूं

पार्षदों को लैपटॉप और भत्ते बढ़ोतरी का इंतजार: कार्यवाहक महापौर शील धाभाई (Acting Mayor Sheel Dhabhai) ने बताया कि पार्षदों के भत्ते का प्रपोजल राज्य सरकार को भेजा गया था. जिसे सरकार ने रिजेक्ट कर दिया. हालांकि वित्त समिति की बैठक में पार्षदों और निगम कर्मियों के वेतन और भत्ते 5 तारीख तक देने के निर्देश जरूर दिए गए. जहां तक पार्षदों के लैपटॉप की बात है, इसे लेकर टेंडर भर दिए गया है. सोमवार को टेंडर खुलेगा.

प्रक्रिया के तहत ही होगा काम: शील ने कहा कि हर कार्य की प्रक्रिया होती है, और प्रक्रिया के इतर जाकर कोई कार्य नहीं किया जा सकता. इसके अलावा पार्षदों के यहां 4-4 बोर्ड लगाए जाने का काम किया जा रहा है. वहीं गुलाबी रंग के हाजिरीगाह लगना शुरू हो गए हैं. कोशिश की जा रही है कि सभी वार्डों में सफाई कर्मचारियों का एक समान डिस्ट्रीब्यूशन हो. इसके अलावा प्रत्येक पार्षद की मदद के लिए दो कर्मचारियों को नियुक्त किया जा रहा है. वार्ड कार्यालय को लेकर कुछ जगह जमीन उपलब्ध नहीं हो रही. कुछ जगह जेडीए की जमीन है, इसे लेकर जेडीए को पत्र भी लिखा गया है.

क्या होगी घोषणायें पूरी?

सौंदर्यीकरण का हो रहा है काम: कार्यवाहक महापौर ने प्रत्येक वार्डों को हरा भरा बनाने को लेकर भी पहले बहुत कुछ कहा था. इसे लेकर उन्होंने बताया कि- ग्रेटर नगर निगम के सभी 150 वार्डों में 50-50 लाख रुपए से विभिन्न कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया था. जिसे अमलीजामा पहनाते हुए वर्क आर्डर जारी किए जा चुके हैं. फिलहाल, मानसूनी बारिश के चलते सड़क निर्माण का कार्य नहीं कराया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में मौजूद पार्को के जीर्णोद्धार और वहां हरियाली करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है. फिलहाल 500 पौधे और 100 ट्री गार्ड प्रत्येक वार्ड में दिए जा रहे हैं. वहीं अब जिन लोगों को पट्टे दिए जाएंगे, उसमें प्लॉट की साइज के हिसाब से पौधे लगाने की शर्त भी रखी जाएगी.

बीवीजी कंपनी से अभी भी नहीं खुश, सरकार करेगी अंतिम फैसला : जयपुर नगर निगम (ग्रेटर) में सफाई का काम करने वाली बीवीजी (BVG) कंपनी को लेकर भी Acting Mayor ने राय जाहिर की. उन्होंने कहा कि BVG की मॉनिटरिंग की गई. कम्पनी की कार्यशैली पर नजर रखी गई. कचरे को माप कर पेमेंट करने का प्रावधान निर्धारित किया गया. उन्हें सख्त हिदायत भी दी गई थी, यदि आम जनता और पार्षद उनके काम से संतुष्ट नहीं हैं तो विधिक कार्रवाई (Legal Action ) भी की जाएगी. इस मसले पर भी उनका कहना है कि फैसला तो सरकार ही लेगी.

वादों पर कब उतरेगा निगम खरा

सफाई पर विशेष ध्यान, निगम कर रहा है काम: ग्रेटर निगम के दो वार्डों के बीच निगम का एक हूपर (कचरा संग्रहण करने वाला चार पहिया वाहन) लगाया गया है, जो नियमित वहां जाएगा. ताकि कंपनी पर निर्भरता कम हो और क्षेत्र में गंदगी भी ना फैले. इसके अलावा लोडर, डंपर आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. शील धाभाई ने स्पष्ट किया कि बोर्ड बीवीजी के काम से संतुष्ट नहीं हैं. अब सरकार को निर्णय लेना है की कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए किस तरह से विधिक प्रक्रिया अपनाई जाए.

सीवरेज के ठेके पर कहा ये! : सीवरेज सफाई के ठेके पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए महापौर ने कहा कि सीवरेज का ठेका उनसे पहले का है, उन्होंने किन शर्तों पर ठेका दिया, इसकी भी जानकारी नहीं. ठेका फर्म के पास संसाधन नहीं थे. बावजूद इसके ठेका दिया गया जिसकी वजह से वो काम ही नहीं कर पाई. इसे लेकर मालवीय नगर विधायक तक को धरना देना पड़ा था. ऐसे में अब निगम स्तर पर ही सीवरेज सफाई का कार्य किया जाएगा. मालवीय नगर से ही कार्य की शुरुआत की जाएगी, उसके बाद दूसरे जोन में भी यही व्यवस्था दोहराई जाएगी.

सफाई कर्मचारियों के ड्रेस कोड जल्द उनके हाथ में होंगे : महापौर ने महिला सफाई कर्मचारियों को गुलाबी रंग की साड़ी और पुरुष सफाई कर्मचारियों को गुलाबी रंग की शर्ट और गहरे नीले रंग की पेंट का ड्रेस कोड निर्धारित करते हुए, उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. इस संबंध में उन्होंने कहा कि एक साथ तीन हजार से ज्यादा साड़ी और इसी तरह पेंट शर्ट आने हैं. जिन्हें बनने में समय लगता है. लेकिन ये कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. जल्द सफाई कर्मचारी ड्रेस कोड में नजर आएंगे. इसके अलावा गो ग्रास सेवा के लिए दो रथ शुरू किए गए हैं. जो नियमित गौशाला जा रहे हैं. जिसका आमजन के बीच से अच्छा रेस्पॉन्स भी आ रहा है.

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में 2 महीने पहले सियासी उठापटक के बीच शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर (Acting Mayor Sheel Dhabhai) पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई वादे और घोषणाएं की जिनके पूरा होने का इंतजार है. हालांकि महापौर ने निविदा, टेंडर और वर्क आर्डर प्रक्रिया का हवाला देते हुए अधिकतर घोषणाओं को "Under Process" बताया. तर्क दिया कि प्रक्रिया के इतर जाकर कोई कार्य नहीं कर सकतीं.

पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान पर गहलोत का पलटवार, कहा- मैं बाहर निकलूंगा तो वही लोग कहेंगे कि Corona प्रोटोकॉल तोड़ रहा हूं

पार्षदों को लैपटॉप और भत्ते बढ़ोतरी का इंतजार: कार्यवाहक महापौर शील धाभाई (Acting Mayor Sheel Dhabhai) ने बताया कि पार्षदों के भत्ते का प्रपोजल राज्य सरकार को भेजा गया था. जिसे सरकार ने रिजेक्ट कर दिया. हालांकि वित्त समिति की बैठक में पार्षदों और निगम कर्मियों के वेतन और भत्ते 5 तारीख तक देने के निर्देश जरूर दिए गए. जहां तक पार्षदों के लैपटॉप की बात है, इसे लेकर टेंडर भर दिए गया है. सोमवार को टेंडर खुलेगा.

प्रक्रिया के तहत ही होगा काम: शील ने कहा कि हर कार्य की प्रक्रिया होती है, और प्रक्रिया के इतर जाकर कोई कार्य नहीं किया जा सकता. इसके अलावा पार्षदों के यहां 4-4 बोर्ड लगाए जाने का काम किया जा रहा है. वहीं गुलाबी रंग के हाजिरीगाह लगना शुरू हो गए हैं. कोशिश की जा रही है कि सभी वार्डों में सफाई कर्मचारियों का एक समान डिस्ट्रीब्यूशन हो. इसके अलावा प्रत्येक पार्षद की मदद के लिए दो कर्मचारियों को नियुक्त किया जा रहा है. वार्ड कार्यालय को लेकर कुछ जगह जमीन उपलब्ध नहीं हो रही. कुछ जगह जेडीए की जमीन है, इसे लेकर जेडीए को पत्र भी लिखा गया है.

क्या होगी घोषणायें पूरी?

सौंदर्यीकरण का हो रहा है काम: कार्यवाहक महापौर ने प्रत्येक वार्डों को हरा भरा बनाने को लेकर भी पहले बहुत कुछ कहा था. इसे लेकर उन्होंने बताया कि- ग्रेटर नगर निगम के सभी 150 वार्डों में 50-50 लाख रुपए से विभिन्न कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया था. जिसे अमलीजामा पहनाते हुए वर्क आर्डर जारी किए जा चुके हैं. फिलहाल, मानसूनी बारिश के चलते सड़क निर्माण का कार्य नहीं कराया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में मौजूद पार्को के जीर्णोद्धार और वहां हरियाली करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है. फिलहाल 500 पौधे और 100 ट्री गार्ड प्रत्येक वार्ड में दिए जा रहे हैं. वहीं अब जिन लोगों को पट्टे दिए जाएंगे, उसमें प्लॉट की साइज के हिसाब से पौधे लगाने की शर्त भी रखी जाएगी.

बीवीजी कंपनी से अभी भी नहीं खुश, सरकार करेगी अंतिम फैसला : जयपुर नगर निगम (ग्रेटर) में सफाई का काम करने वाली बीवीजी (BVG) कंपनी को लेकर भी Acting Mayor ने राय जाहिर की. उन्होंने कहा कि BVG की मॉनिटरिंग की गई. कम्पनी की कार्यशैली पर नजर रखी गई. कचरे को माप कर पेमेंट करने का प्रावधान निर्धारित किया गया. उन्हें सख्त हिदायत भी दी गई थी, यदि आम जनता और पार्षद उनके काम से संतुष्ट नहीं हैं तो विधिक कार्रवाई (Legal Action ) भी की जाएगी. इस मसले पर भी उनका कहना है कि फैसला तो सरकार ही लेगी.

वादों पर कब उतरेगा निगम खरा

सफाई पर विशेष ध्यान, निगम कर रहा है काम: ग्रेटर निगम के दो वार्डों के बीच निगम का एक हूपर (कचरा संग्रहण करने वाला चार पहिया वाहन) लगाया गया है, जो नियमित वहां जाएगा. ताकि कंपनी पर निर्भरता कम हो और क्षेत्र में गंदगी भी ना फैले. इसके अलावा लोडर, डंपर आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. शील धाभाई ने स्पष्ट किया कि बोर्ड बीवीजी के काम से संतुष्ट नहीं हैं. अब सरकार को निर्णय लेना है की कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए किस तरह से विधिक प्रक्रिया अपनाई जाए.

सीवरेज के ठेके पर कहा ये! : सीवरेज सफाई के ठेके पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए महापौर ने कहा कि सीवरेज का ठेका उनसे पहले का है, उन्होंने किन शर्तों पर ठेका दिया, इसकी भी जानकारी नहीं. ठेका फर्म के पास संसाधन नहीं थे. बावजूद इसके ठेका दिया गया जिसकी वजह से वो काम ही नहीं कर पाई. इसे लेकर मालवीय नगर विधायक तक को धरना देना पड़ा था. ऐसे में अब निगम स्तर पर ही सीवरेज सफाई का कार्य किया जाएगा. मालवीय नगर से ही कार्य की शुरुआत की जाएगी, उसके बाद दूसरे जोन में भी यही व्यवस्था दोहराई जाएगी.

सफाई कर्मचारियों के ड्रेस कोड जल्द उनके हाथ में होंगे : महापौर ने महिला सफाई कर्मचारियों को गुलाबी रंग की साड़ी और पुरुष सफाई कर्मचारियों को गुलाबी रंग की शर्ट और गहरे नीले रंग की पेंट का ड्रेस कोड निर्धारित करते हुए, उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. इस संबंध में उन्होंने कहा कि एक साथ तीन हजार से ज्यादा साड़ी और इसी तरह पेंट शर्ट आने हैं. जिन्हें बनने में समय लगता है. लेकिन ये कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. जल्द सफाई कर्मचारी ड्रेस कोड में नजर आएंगे. इसके अलावा गो ग्रास सेवा के लिए दो रथ शुरू किए गए हैं. जो नियमित गौशाला जा रहे हैं. जिसका आमजन के बीच से अच्छा रेस्पॉन्स भी आ रहा है.

Last Updated : Aug 14, 2021, 2:24 PM IST
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