जयपुर. जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ने जिला टीएडी (Tribal Area Development) की जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति गठित कर दी है. यह समिति विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग और अंतर्विभागीय समन्वय के लिए कार्य करेगी. इस समिति का विशेष लाभ माडा क्षेत्र के लोगों को मिलेगा.
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से संचालित विभिन्न संस्थाओं, आवासी विद्यालयों, आश्रम, छात्रावास, मां-बाड़ी केंद्रों के पर्यवेक्षण और इसके लिए विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों के क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग और अंतर विभागीय समन्वय के लिए जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है.
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उन्होंने बताया कि क्रियान्वयन समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को संयोजक, उपायुक्त जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जिला कलेक्टर शाहाबाद को सहसंयोजक बनाया गया है. इसी प्रकार ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सड़क निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग और पशुपालन विभाग की जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य मनोनीत किए गए हैं.
राजेश्वर सिंह ने बताया कि यह समिति की बैठक त्रैमासिक आधार पर अथवा आवश्यकतानुसार होगी. उसमें आवश्यकतानुसार अन्य अधिकारियों को भी स्थाई आमंत्रित अथवा विशिष्ट आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जा सकेगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से पूर्व में ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद को मुख्य परियोजना अधिकारी मनोनीत किए जाने से जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की गतिविधियों के धरातल क्रियान्वयन गुणवत्ता सुधार और सकारात्मक परिवर्तन आया है.
इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा और मॉनिटरिंग के उद्देश्य से जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. समिति के गठन के बाद खासतौर से माडा क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. साथ ही उनके लिए लागू होने वाली योजनाओं पर भी मिलेगी.