जयपुर. कोरोना महामारी ने जहां चारों ओर अर्थ व्यवस्था को चोट पहुंचाई है, वहीं रोजगार के नए साधन और विकल्प भी खोले हैं. प्रदेश में भी कुछ लोगों ने इस महामारी को एक अवसर के रूप में लेते हुए नए कारोबार शुरू किए, जो अब रोजगार के साधन के साथ-साथ उनकी पहचान भी बन गए हैं. लघु उद्योग भारती ने ऐसी ही कई महिला उद्यमियों को एक नया प्लेटफार्म दिया. जहां उन्होंने अपने हुनर के दम पर शुरू किए उद्योग की एक झलक भी पेश की है.
लघु उद्योग भारती की जयपुर अंचल महिला इकाई की ओर से (Swayam Siddha Handicrafts Exhibition) स्वयं सिद्धा हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. जयपुर के सिटी पैलेस में आयोजित हुई इस प्रदर्शनी में कई स्टॉल आकर्षण का केंद्र रही. जहां देशी-विदेशी पर्यटकों ने महिलाओं के हुनर की सराहना भी की और उनके सामान भी खरीदा.
यहां शेखावाटी चिड़ावा के प्रसिद्ध पेड़े और अन्य सामग्री की स्टॉल लगाने वाली मनीषा मिश्रा ने बताया कि कोरोना में बहुत लोग प्रभावित हुए हैं. कई लोगों से रोजगार छिन गया. ऐसे लोगों को साथ जोड़ते हुए कॉन्ट्रैक्ट पर प्रोडक्ट बनवाने शुरू किए, इसमें शुद्धता का भी ध्यान रखा गया है. पूरे देश में मशहूर चिड़ावा के पेड़े लोगों की फरमाइश पर उन तक पहुंचाना, इसके साथ ही 7 तरह की मिठाई और 8 तरह की कुकीज तैयार करवाकर ऑनलाइन ऑर्डर पर लोगों के घरों तक पहुंचाए जाते हैं.
वुडन क्राफ्ट का काम शुरू करने वाली वैशाली वशिष्ठ ने बताया कि लघु उद्योग भारती महिला उद्यमियों को प्रमोट करने का काम कर रहा है. कोरोना काल में उन्होंने मोजाइक और हैंड पेंटेड प्रोडक्ट बनाने शुरू किए हैं. पुराने कागज, लकड़ी, ग्लास आदि का इस्तेमाल करते हुए ट्रेडिशनल और यूजेबल आइटम तैयार करती हैं. उनके प्रोडक्ट ₹500 से ₹1500 रुपए तक सेल होते हैं. वैशाली वशिष्ठ ने बताया कि लघु उद्योग भारती के प्लेटफार्म के जरिए उनका सिलेक्शन इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में भी हुआ है.
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बता दें कि लघु उद्योग भारती के साथ और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके महिला उद्यमिता खासतौर से ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए लघु उद्योग भारती एक ऑनलाइन पोर्टल पर भी काम कर रहा है.