जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर द्वारा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित उनके गुट के बागी 19 एमएलए को दिए अयोग्यता नोटिस विवाद केस में केन्द्र सरकार, सचिन पायलट, एमएलए पृथ्वीराज मीणा व अन्य एमएलए से जवाब देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह अंतरिम निर्देश विधानसभा स्पीकर व मुख्य सचेतक की दो-अलग-अलग एसएलपी में सुनवाई करते हुए दिया.
एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के 24 जुलाई 2020 के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें विधानसभा स्पीकर द्वारा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित उनके गुट के कांग्रेस के बागी 19 एमएलए को 14 जुलाई को दिए गए अयोग्यता नोटिस आदेश की क्रियांविति पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था. एसएलपी में कहा है कि हाईकोर्ट का 24 जुलाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट के किहोतो होलोहन मामले में दसवीं अनुसूची के संबंध में दिए गए निर्णय के तहत असंवैधानिक व अवैधानिक है.
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इसके अलावा हाईकोर्ट में दायर की गई पृथ्वीराज व अन्य की याचिका भी प्री-मैच्योर व सुनवाई के योग्य नहीं थी. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रार्थियों ने याचिका में केवल 14 जुलाई के स्पीकर के उस नोटिस आदेश को चुनौती दी थी. जिसमें स्पीकर के समक्ष प्रार्थी एमएलए की अयोग्यता के संबंध दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत की गई शिकायत पर केवल जवाब मांगा था. ऐसे में प्रार्थी एमएलए के खिलाफ स्पीकर ने कोई आदेश नहीं दिया था. इसलिए हाईकोर्ट के स्पीकर के नोटिस आदेश की क्रियांविति पर यथास्थिति आदेश को रद्द किया जाए.