जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की जयपुर, जोधपुर और कोटा की नवसृजित 6 नगर निगमों के चुनाव 31 अक्टूबर तक कराए जाने के हाईकोर्ट के फैसले में दखल से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट पहले ही निगम चुनाव के लिए काफी समय दे चुका है. इन तीनों जगहों के नगर निगम चुनाव दिसंबर 2019 से लंबित चल रहे हैं. ऐसे में अब चुनाव की तारीख बढ़ाने की जरूरत नहीं दिख रही.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वह इन्हें नगर निगमों में चुनाव करवाने के लिए 1 सप्ताह में नोटिफिकेशन जारी कर चुनाव कार्यक्रम घोषित करें. अदालत ने कहा कि निर्वाचन आयोग पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित करें और यदि जरूरत हो तो हाईकोर्ट में समय बढ़वाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश करें, जिसे हाईकोर्ट मेरिट से तय करेगा. न्यायाधीश एएम खानविलकर, न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी और न्यायाधीश संजीव खन्ना की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार व अन्य की विशेष अनुमति याचिका को निस्तारित करते हुए दिए.
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राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कोरोना संक्रमण के हालातों का हवाला देते हुए तीनों जगह के नगर निगम चुनाव टालने और 31 मार्च 2021 तक कराए जाने की गुहार की थी. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है और ऐसे में इन तीनों जगह के नगर निगम चुनाव कराया जाना संभव नहीं है.
पंचायत के चुनाव हो रहे हैं तो निगम चुनाव क्यों नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी जानकारी में आया है कि प्रदेश में पंचायत समितियों के चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार का यह कहना कि प्रदेश में इन तीनों नगर निगम के चुनाव कराए जाने की हालात नहीं है, साफ तौर पर कोर्ट से झूठ बोलना है. इसलिए अदालत चुनाव की और तारीख नहीं बढ़ाएगी, क्योंकि तीनों जगह के नगर निगम चुनाव दिसंबर 2019 से लंबित चल रहे हैं.
हाईकोर्ट ने खारिज किया था सरकार का प्रार्थना पत्र
राजस्थान हाईकोर्ट ने गत 29 सितंबर को राज्य सरकार के जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगमों के चुनाव टालने संबंधी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था,
इस प्रार्थना पत्र में राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए 31 मार्च 2021 तक चुनाव करवाने की मंजूरी मांगी थी.