जयपुर. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ने नागौर व श्रीगंगानगर सहित अन्य जिला संघों की संबद्धता रद्द करने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंडरटेकिंग दी है कि वे लोकपाल के समक्ष लंबित इस मामले में शुक्रवार तक कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आरसीए की अंडरटेकिंग के बाद मामले में (Supreme Court questioned RCA) शुक्रवार को सुनवाई तय की. अदालत ने मामले में बीसीसीआई व आरसीए से जवाब देने के लिए भी कहा है.
अदालत ने आरसीए से पूछा है कि जब लोकपाल के पद पर रिटायर सुप्रीम कोर्ट जज या हाईकोर्ट के रिटायर्ड सीजे को होना चाहिए तो उन्होंने हाईकोर्ट के रिटायर जज को लोकपाल क्यों बना रखा है. सर्वोच्च अदालत ने यह आदेश श्रीगंगानगर और नागौर जिला क्रिकेट संघों की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने आरसीए को कहा कि वे लोकपाल के पद पर हाईकोर्ट के रिटायर जज को नियुक्त करने संबंधी उनके संविधान के नियम भी पेश करें.
पढ़ें. RCA election 2022: अध्यक्ष पद पर वैभव गहलोत की ताजपोशी लगभग तय, जानें क्यों?
सुनवाई के दौरान जिला क्रिकेट संघों की ओर से सीनियर एडवोकेट निधेश गुप्ता व डॉ. अभिनव शर्मा ने कहा कि लोढा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार लोकपाल पद पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज या हाईकोर्ट के रिटायर सीजे ही नियुक्त हो सकते हैं, लेकिन आरसीए ने लोकपाल पद पर राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस दिनेश चन्द्र सोमानी को नियुक्त कर रखा है. उनकी नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है, इसके बावजूद वे मामले की नियमित सुनवाई कर रहे हैं. इसलिए प्रार्थी जिला संघों की संबद्धता के रद्द करने के मामले में लोकपाल के समक्ष हो रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.
वहीं आरसीए की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्दार्थ दवे व प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि आरसीए के संविधान में रिटायर हाईकोर्ट जज को लोकपाल पद पर नियुक्त करने का प्रावधान है. इस पर अदालत ने उन्हें आगामी सुनवाई पर लोकपाल की नियुक्ति संबंधी आरसीए के रूल्स पेश करने के लिए कहा.
ये है मामला : आरसीए ने पिछले दिनों श्रीगंगानगर, नागौर और अलवर जिला क्रिकेट संघों की संबद्धता को निरस्त कर दिया था. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने पर एकलपीठ ने नागौर व श्रीगंगानगर क्रिकेट संघ की संबद्धता रद्द करने पर रोक लगा दी थी. लेकिन खंडपीठ ने लोकपाल को इस मामले में निर्णय लेने की छूट दे दी थी. खंडपीठ के आदेश को जिला क्रिकेट संघों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.