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बाहरी अभ्यर्थियों को बोनस अंक नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब - सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में प्रदेश से बाहर एनआरएचएम योजना में काम करने वाले अभ्यर्थियों को अनुभव के बोनस अंक नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. यह आदेश कविता शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए है.

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सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Jul 14, 2020, 8:41 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में प्रदेश से बाहर एनआरएचएम योजना में काम करने वाले अभ्यर्थियों को अनुभव के बोनस अंक नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एल नागेश्वर और न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश कविता शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए है.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी और अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गत 23 मार्च को अपील खारिज कर बाहरी अभ्यर्थियों को बोनस अंक देने से इनकार कर दिया था. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उनके पास एमपी और दिल्ली में एनआरएचएम योजना में काम करने का अनुभव है. चिकित्सा सेवा नियम में भी सिर्फ एनआरएचएम शब्द का ही उल्लेख है. यह योजना देश भर में संचालित होती है.

पढ़ेंः जयपुर: रेनवाल में दुकानदार के कोराेना पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लिए 106 लोगों के सैंपल

ऐसे में राज्य सरकार इस योजना में काम करने वालों को बोनस अंक से वंचित नहीं कर सकती. इसके अलावा वर्ष 2013 की भर्ती में भी दूसरे राज्यों में एनआरएचएम में काम करने वालों को नियुक्ति दी गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में प्रदेश से बाहर एनआरएचएम योजना में काम करने वाले अभ्यर्थियों को अनुभव के बोनस अंक नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. न्यायाधीश एल नागेश्वर और न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश कविता शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए है.

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी और अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गत 23 मार्च को अपील खारिज कर बाहरी अभ्यर्थियों को बोनस अंक देने से इनकार कर दिया था. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उनके पास एमपी और दिल्ली में एनआरएचएम योजना में काम करने का अनुभव है. चिकित्सा सेवा नियम में भी सिर्फ एनआरएचएम शब्द का ही उल्लेख है. यह योजना देश भर में संचालित होती है.

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ऐसे में राज्य सरकार इस योजना में काम करने वालों को बोनस अंक से वंचित नहीं कर सकती. इसके अलावा वर्ष 2013 की भर्ती में भी दूसरे राज्यों में एनआरएचएम में काम करने वालों को नियुक्ति दी गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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