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जयपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर ने गर्दन की जटिल सर्जरी कर 16 साल के किशोर को दिया जीवनदान

जयपुर के एक न्यूरो सर्जन ने एक क्रानियोवेटेब्रल जंक्शन के जटिल बीमारी से ग्रसित किशोर का सफल ऑपरेशन किया. इस बीमारी के कारण किशोर की गर्दन टेढ़ी हो गई थी. साथ ही उसे चलने-फिरने में भी परेशानी थी.

craniovetebral junction operation in Jaipur hospital, जयपुर न्यूज
जयपुर के डॉक्टर ने गर्दन की जटिल सर्जरी की
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Published : Jun 15, 2020, 2:06 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 4:25 PM IST

जयपुर. जयपुर हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर राजवेंद्र चौधरी ने एक किशोर के गर्दन का जटिल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दान दिया है. किशोर की सीवी जंक्शन एरिया (ब्रेन और सर्वाइकल स्पाइन का जंक्शन प्वाइंट) में गांठ होने से हड्डी की ग्रोथ हो गई थी. जिससे गर्दन टेढ़ी हो गई. साथ ही उसे चलने फिरने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

जयपुर के डॉक्टर ने गर्दन की जटिल सर्जरी की

भरतपुर जिले की नदबई तहसील के गांव बरोलीछार के रहने वाले 16 साल के भरत कुमार की गर्दन टेढ़ी हो गई थी. भरत कुमार के पिता भगवान सिंह ने बताया कि बच्चे की गर्दन सीधी नहीं हो पाती थी और बहुत तेज दर्द होता था. इस कारण उसके बाईं तरह के पैर में कमजोरी आने के कारण चलने-फिरने में परेशानी हो रही थी. भगवान सिंह ने बताया कि उन्होंने 6 जून को भरत को जयपुर में महावीर नगर स्थित जयपुर अस्पताल के सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी को दिखाया. डॉ. चौधरी ने सीटी स्कैन और एमआरआई कराने के बाद उसका ऑपरेशन करने की बात कही.

यह भी पढ़ें. प्रदेश में लगातार बढ़ रहा कोरोना का ग्राफ, 293 नए मामले आए सामने, कुल पॉजिटिव आंकड़ा पहुंचा 12,694 पर

डॉ. राजवेंद्र चौधरी ने बताया कि यह सर्जरी इतनी जटिल थी कि इसमें मरीज की जान जाने तक का खतरा था लेकिन परिजनों की सहमति से 8 जून को ऑपरेशन किया गया. उन्होंने बताया कि बच्चे के गर्दन में बाईं तरह सीवी जंक्शन एरिया में टीबी जैसी गांठ होने से हड्डी की ग्रोथ हो गई थी. जिससे स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव पड़ रहा था. वहीं कम्प्रेशन लेफ्ट साइड में होने के कारण बांया पैर कमजोर होने लगा था. सर्जरी के दौरान गांठ को फिक्स किया गया. ये सर्जरी करीब 7 घंटे चली और पूरी तरह से सफल रही.

यह भी पढ़ें. बाड़मेर: छुट्टी से लौटे BSF के 6 जवानों की रिपोर्ट आई कोरोना पॉजिटिव

डॉ. चौधरी ने बताया कि सर्जरी की जटिलता की बात की जाए तो इतनी गंभीर थी कि कई बरसों में इस तरह की सर्जरी की जाती है. उन्होंने खुद अपने 11-12 साल के करियर में केवल दो या तीन बार ऐसी सर्जरी की है. ऑपरेशन के बाद मरीज अब पूरी तरीके से स्वस्थ है. साथ ही वो हाथ-पैर भी आराम से हिला पा रहा है और गर्दन में दर्द भी नहीं है. डॉक्टर का कहना है कि अगले तीन-चार दिन में उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

क्या होता है CVJ?

क्रानियोवेटेब्रल जंक्शन (CVJ) ब्रेन और सर्वाइकल स्पाइन (गर्दन के हिस्सेवाली रीढ़ की हड्डी) का जंक्शन प्वाइंट होता है. इसी जंक्शन प्वाइंट में अगर कोई समस्या होती है, जैसे गांठ बनना, हड्डी बढ़ना तो ये क्रानियोवेटेब्रल जंक्शन डिफॉर्मिटी के तौर पर जानी जाती है. ये बच्चा इसी समस्या से जूझ रहा था.

जयपुर. जयपुर हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर राजवेंद्र चौधरी ने एक किशोर के गर्दन का जटिल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दान दिया है. किशोर की सीवी जंक्शन एरिया (ब्रेन और सर्वाइकल स्पाइन का जंक्शन प्वाइंट) में गांठ होने से हड्डी की ग्रोथ हो गई थी. जिससे गर्दन टेढ़ी हो गई. साथ ही उसे चलने फिरने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

जयपुर के डॉक्टर ने गर्दन की जटिल सर्जरी की

भरतपुर जिले की नदबई तहसील के गांव बरोलीछार के रहने वाले 16 साल के भरत कुमार की गर्दन टेढ़ी हो गई थी. भरत कुमार के पिता भगवान सिंह ने बताया कि बच्चे की गर्दन सीधी नहीं हो पाती थी और बहुत तेज दर्द होता था. इस कारण उसके बाईं तरह के पैर में कमजोरी आने के कारण चलने-फिरने में परेशानी हो रही थी. भगवान सिंह ने बताया कि उन्होंने 6 जून को भरत को जयपुर में महावीर नगर स्थित जयपुर अस्पताल के सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी को दिखाया. डॉ. चौधरी ने सीटी स्कैन और एमआरआई कराने के बाद उसका ऑपरेशन करने की बात कही.

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डॉ. राजवेंद्र चौधरी ने बताया कि यह सर्जरी इतनी जटिल थी कि इसमें मरीज की जान जाने तक का खतरा था लेकिन परिजनों की सहमति से 8 जून को ऑपरेशन किया गया. उन्होंने बताया कि बच्चे के गर्दन में बाईं तरह सीवी जंक्शन एरिया में टीबी जैसी गांठ होने से हड्डी की ग्रोथ हो गई थी. जिससे स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव पड़ रहा था. वहीं कम्प्रेशन लेफ्ट साइड में होने के कारण बांया पैर कमजोर होने लगा था. सर्जरी के दौरान गांठ को फिक्स किया गया. ये सर्जरी करीब 7 घंटे चली और पूरी तरह से सफल रही.

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डॉ. चौधरी ने बताया कि सर्जरी की जटिलता की बात की जाए तो इतनी गंभीर थी कि कई बरसों में इस तरह की सर्जरी की जाती है. उन्होंने खुद अपने 11-12 साल के करियर में केवल दो या तीन बार ऐसी सर्जरी की है. ऑपरेशन के बाद मरीज अब पूरी तरीके से स्वस्थ है. साथ ही वो हाथ-पैर भी आराम से हिला पा रहा है और गर्दन में दर्द भी नहीं है. डॉक्टर का कहना है कि अगले तीन-चार दिन में उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

क्या होता है CVJ?

क्रानियोवेटेब्रल जंक्शन (CVJ) ब्रेन और सर्वाइकल स्पाइन (गर्दन के हिस्सेवाली रीढ़ की हड्डी) का जंक्शन प्वाइंट होता है. इसी जंक्शन प्वाइंट में अगर कोई समस्या होती है, जैसे गांठ बनना, हड्डी बढ़ना तो ये क्रानियोवेटेब्रल जंक्शन डिफॉर्मिटी के तौर पर जानी जाती है. ये बच्चा इसी समस्या से जूझ रहा था.

Last Updated : Jun 15, 2020, 4:25 PM IST
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