जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-5 में प्रतापनगर केंद्रीय विकास समिति की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर प्रताप नगर थाना पुलिस के कब्जे से रावण को छुड़वाने की गुहार लगाई गई है. जिस पर अदालत 31 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.
प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता विकास सोमानी ने अदालत को बताया कि समिति पिछले 20 साल से दशहरा मेला आयोजित कर रावण दहन करती है. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेले का आयोजन नहीं कर समिति के 5 पदाधिकारियों की उपस्थिति में रावण दहन का निर्णय लिया गया. इसकी सूचना भी थाने में दे दी गई थी.
पढ़ें- रावण दहन ना होने से चित्तौड़गढ़ के कुछ व्यवसाई खुश, जानिए क्यों...
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि सूचना के बावजूद प्रतापनगर थाना पुलिस रावण दहन स्थल पर आई और पदाधिकारियों को धमकाकर रावण के पुतले को थाने ले गई. यह पुतला समिति की संपत्ति है. इसके अलावा खुले में पड़े रहने से उसके खराब होने की संभावना भी है. वहीं, पुलिस को भी अनुसंधान में पुतले की आवश्यकता नहीं है. इसलिए रावण के पुतले को समिति को सुपुर्द किया जाए.