जयपुर. कोविड-19 महामारी के कारण बीते 14 मार्च से स्कूल बंद हैं. ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जब तक स्कूल बंद रहेंगे, तब तक के लिए सभी राज्यों को लाभार्थी छात्रों के घरों में खाद्यान्न या पका हुआ भोजन पहुंचाने या उनके माता-पिता के खातों में धन जमा करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में अब प्रदेश में मौजूद 66 हजार 493 स्कूलों में मौजूद 62.65 लाख विद्यार्थियों तक मिड डे मील को सूखे राशन के रूप में पहुंचाने की तैयारी की गई है.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन दी है उसके अनुसार गेहूं और चावल राशन की दुकानों के माध्यम से वितरित करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा तेल, मसाले, मिर्च को भी दिए जाने पर चर्चा हुई है.
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वहीं, मिड-डे-मील डिप्टी कमिश्नर आशीष व्यास ने बताया कि स्कूलों में 14 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ था, तब से 30 जून तक 94 दिन वर्किंग डेज होते हैं. चूंकि इन दिनों स्कूलों में मिड-डे-मील बनना संभव नहीं है और सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन करनी है. ऐसे में सूखे राशन के तौर पर 1 से 5 कक्षा तक के बच्चों के लिए 100 ग्राम के हिसाब से 9 किलो 400 ग्राम गेहूं और चावल पहुंचाया जाएगा.
अंतिम निर्णय होना बाकी है...
साथ ही 6 से 8 कक्षा तक के छात्रों के लिए 150 ग्राम के हिसाब से 14 किलो 100 ग्राम गेहूं और चावल पहुंचाया जाएगा. आशीष व्यास ने कहा कि खाना पकाने के लिए एमएचआरडी और स्टेट गवर्नमेंट द्वारा एक दर निर्धारित है. जिसमें दाल, तेल, मसाले का प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया हुआ है. इस संबंध में अंतिम निर्णय होना बाकी है.
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गौरतलब है कि प्रदेश में पहले लॉकडाउन और फिर ग्रीष्मावकाश के चलते मिड-डे-मील से वंचित रहे छात्रों को अब उनके हिस्से का खाद्यान्न उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है. जिसकी निगरानी जिला कलेक्टर को सौंपी गई है. वहीं, डेडलाइन 25 जून तय की गई है.