जयपुर. प्रदेश में बुधवार को 108 और 104 एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल के चलते मरीज बेहाल हैं. सड़क हादसा या फिर बीमारी से परेशान मरीज ऑटो-टैक्सी, बोलेरो और मोटसाइकिल के जरिए किसी तरह अस्पताल पहुंच रहे हैं. राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल का भी यही हाल है. यहां मरीजों को उनके तीमारदार निजी गाड़ियों से लेकर आ रहे हैं.
प्रसुताओं, दुर्घटना में घायलों और अन्य मरीजों को हड़ताल के कारण कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. मजबूरन निजी और किराए के वाहनों में पीड़ितों को अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है. इसके बदले में निजी वाहन चालक मुंह मांगा किराया वसूल रहे हैं. एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल से परेशान तीमारदार रफीक खान बताते हैं कि उनका बेटा इंजेक्शन लगाने के लिए एसएमएस अस्पताल ही आ रहा था. तभी उसका एक्सीडेंट हो गया जिसके बाद स्थानीय लोगों ने एम्बुलेंस के लिए कॉल किया लेकिन हड़ताल की जानकारी मिली. ऐसे में जैसे-तैसे उन्होंने घायल को एक ऑटो के जरिए एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे.
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इसी तरह एक मरीज के रिश्तेदार जितेंद्र सिंह कहते हैं कि उनकी दादा की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई. इमरजेंसी के चलते उनको पास के निजी अस्पताल लेकर गए. जहां से एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया. इसके लिए एम्बुलेंस को कॉल किया गया लेकिन हड़ताल के चलते एम्बुलेंस नहीं पहुंची. ऐसे में किराए के निजी वाहन के जरिए उन्हें ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए लेकर आए. यदि ऐसी ही स्थिति रही तो आगे हालात और ज्यादा विकट हो जाएंगे.