जयपुर. प्रदेश की सभी पंजीकृत गृह निर्माण सहकारी समितियों का जिला उप रजिस्ट्रार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में नियमित निरीक्षण किया जाएगा. जिला उप रजिस्ट्रार विभिन्न 28 बिन्दुओं पर समिति का निरीक्षण कर रजिस्ट्रार कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. निरीक्षण रिपोर्ट को वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाएगा.
यह जानकारी सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने दी. अग्रवाल ने बताया कि गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा आमजन के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें प्राप्त होने के उपरान्त यह कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान 28 बिन्दुओं के प्रपत्र में यदि सोसायटी द्वारा अनियमितता पाई जाती है, तो सहकारी सोसायटी अधिनियम, नियम एवं उपनियम के अनुसार जिला उप रजिस्ट्रार को आवश्यक रूप से कार्रवाई करनी होगी. कार्रवाई की रिपोर्ट भी रजिस्ट्रार कार्यालय को प्रस्तुत करनी होगी.
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रजिस्ट्रार ने बताया कि जिला उप रजिस्ट्रार को निरीक्षण के दौरान समिति के निर्वाचन के संबंध में, कार्यक्षेत्र, निर्वाचित पदाधिकारियों का विवरण, सदस्यता, पूंजी का स्त्रोत, हिस्सा राशि, बैंक खातों का विवरण, समिति द्वारा विनियोजित राशि, योजना के सृजन हेतु भूमि की खरीद, भुगतान का प्रकार, सृजित योजनाओं के नाम, योजनाओं में आवंटित भूखंडों का विवरण, सदस्यों के नाम, भूखंड हस्तान्तरण की प्रक्रिया, भूमि खरीद के लिए जुटाई गई राशि की सूचना, योजना निर्माण में सरकार, निकाय एवं प्राधिकरण के नियमों की पालना दौरान प्रपत्र में भरनी होगी.
अग्रवाल ने बताया कि इसी प्रकार भूमि के मूल्य का भुगतान (नगद/चेक/अन्य) एक सदस्य को एक से अधिक भूखण्ड आवंटन, विगत तीन वर्षों का ऑडिट विवरण, लाभांश का वितरण, समिति द्वारा संधारित रिकॉर्ड, संचालन मण्डल की बैठकों का विवरण, आमसभा, सोसायटी के विरुद्ध कार्रवाई का विवरण सहित अन्य संबंधित सूचनाएं भी जिला उप रजिस्ट्रार को निरीक्षण के दौरान प्रपत्र में भरकर देनी होगी. उन्होंने बताया कि जिन गृह निर्माण सहकारी समितियों में अनियमितताएं पाई जा रही हैं, उनका पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है.