जयपुर. राजनीति में सियासी बयानबाजी चलती रहती है. भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर लगातार जुबानी हमला बोल रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में भाजपा की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए अगले 25 साल तक का रोड मैप तैयार करने की बात कही थी. इस बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार (cm gehlot statement on pm Modi statement) करते हुए कहा था कि पीएम मोदी का 25 साल का रोडमैप बनाने की बात बोलना उनके अहम और घमंड को दर्शाता है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह पता नहीं होता है कि कल क्या होगा.
लेकिन खुद सीएम गहलोत भी पहले कुछ ऐसा ही बयान दे चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो इशारों में ही 25 साल तक भाजपा का शासन रहने की बात कही थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीते साल 2 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में अपने आप को फिर से राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री घोषित कर चुके हैं. यही नहीं, मंत्रिमण्डल में उन्होंने धारीवाल को मंत्री पद देने की बात तक कह डाली थी. ऐसे में अब उनपर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल पिछले साल गांधी जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में सरकार रिपीट होगी और मैं शांति धारीवाल को फिर से यूडीएच मंत्री बनाऊंगा. शांति धारीवाल प्रदेश में चौथी बार इसी महकमे के मंत्री बनेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपने विरोधियों से यह भी कहा था कि अब मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक है और अगले 15 -20 साल तक मुझे कुछ नहीं होने वाला है. इसमें किसी को बुरा लगे तो मैं कुछ कर नहीं सकता.
गहलोत के बयान से यह साफ है कि भले ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कमेंट करें लेकिन हकीकत यह है की राजनीति में हर नेता भविष्य को लेकर बयानबाजी करता रहता है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कर चुके हैं.