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दर्द-ए-होमगार्डस! 57 साल पूरे हो गए, बावजूद इसके केवल 41 प्रतिशत ही स्थाई नौकरी पर

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Published : Dec 5, 2019, 11:45 AM IST

राजस्थान होमगार्ड 6 दिसंबर को अपनी 57वीं स्थापना दिवस मनाएगा. इस कार्यक्रम में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिरकत करेंगे. वहीं राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन द्वारा कई बार मुख्यमंत्री को होमगार्ड के 12 माह ड्यूटी और स्थाई नौकरी की मांग कर रहें है. जिसको लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है. साथ ही होमगार्ड जवानों को इस वजह से परिवार चलाने में भी समस्या होती है.

Rajasthan Home Guard Foundation Day, राजस्थान होमगार्ड 57वीं स्थापना दिवस
राजस्थान होमगार्डस का जब छलका दर्द...

जयुपर. प्रदेश में विधानसभा, लोकसभा या फिर कोई भी इलेक्शन हो होमगार्डस अपनी दायित्व जिम्मेदारी पूर्वक निभाते हैं. यहां तक कि आमजन की सुरक्षा और फिर ट्रैफिक व्यवस्था का भी जिम्मा इनके हवाले वाला होता है. इसके बावजूद होमगार्ड को रोस्टर प्रणाली के माध्यम से ड्यूटी दी जाती है. प्रदेश में होमगार्ड हो की संख्या ज्यादा और ड्यूटी कम है. ऐसे में एक होमगार्ड को साल भर में 3 माह का काम ही मिल पाता है. इससे वे अपने काम को स्थाई तौर पर भी नहीं कर पाते हैं और परिवार के पालन-पोषण में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

राजस्थान होमगार्डस का जब छलका दर्द...

बता दें कि 6 दिसंबर को होने वाले राजस्थान होमगार्ड के 57वें स्थापना दिवस पर की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है. इसमें पहली बार कोई मुख्यमंत्री राजस्थान होमगार्ड के स्थापना दिवस में शिरकत करेंगे. एक ओर जहां होमगार्ड के जवान मुख्यमंत्री को सलामी देंगे, वहीं दूसरी ओर राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन द्वारा कई बार मुख्यमंत्री को होमगार्ड धारा अधिनियम 1962-63 में संशोधन कर होमगार्ड का नियमितीकरण करते हुए 12 माह रोजगार देने की अपील की जा चुकी है. लेकिन अब तक होमगार्ड्स की मांग पर मुख्यमंत्री ने सुनवाई नहीं की है.

कछु ऐसा है होमगार्डस का इतिहास...

गृह रक्षा संगठन की स्थापना एक स्वेच्छिक फोर्स के रूप में सर्वप्रथम 6 दिसंबर 1946 में हुई थी. उसके बाद साल 1962 में चीनी आक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को अपने-अपने स्वयं सेवी संगठनों को होमगार्ड्स के नाम से स्थापित करने के निर्देश दिए गये. जो कि संकल्प और चरित्र में स्वयंसेवी हों. इसी लिए पूरे भारत में प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर को गृह रक्षा स्थापना दिवस मनाया जाता है.

राजस्थान में होमगार्ड संगठन की स्थापना साल 1962 में राजस्थान होमगार्ड्स अध्यादेश 1962 एवं राजस्थान होमगार्ड नियम 1962 द्वारा की गई. यह संगठन राजस्थान में 57 साल पूर्ण कर चुका है. संगठन में वर्तमान में 30 हजार 714 शहरी, ग्रामीण और बॉर्डर होमगार्ड के स्वयं सेवकों का विशाल बल हैं, जिनके साथ हजारों परिवार जुड़े हुए हैं.

ये पढ़ेंः जयपुर में होमगार्ड जवानों ने किया रक्तदान, उत्साहवर्धन के लिए डीजी ने थपथपाई पीठ

डटकर खड़े रहते हैं होमगार्ड्स

राजस्थान गृह रक्षा स्वयं सेवक 57 सालों में प्रशासन पुलिस में बीएसएफ के साथ मिलकर आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था बनाए रखने, इलेक्शन ड्यूटी और सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही विभिन्न वाइटल इंस्टॉलशन्स कि सुरक्षा करते हुए अपनी योग्यता का परिचय दिया है. जिसकी समय-समय पर प्रशंसा भी की गई है. राज्य सरकार ने भी अनेक विभागों जैसे जेल, खान, बिजली, चिकित्सा स्वास्थ्य, नगर निगम एवं न्यायालयों में सुरक्षा का महत्वपूर्ण कार्य गृह रक्षा को स्वयं सेवकों को देकर उनमें अपना विश्वास जताया है. लेकिन फिर भी होमगार्ड के जवानों को पूरे साल ड्यूटी नहीं मिलती है.

ये पढ़ेंः Special: जो कभी फटे गद्दों पर सीखते थे जूडो कुश्ती, आज उस सरकारी स्कूल के बच्चे जीत रहे 'मेडल'

सालभर ड्यूटी और स्थायी नौकरी की मांग...

राजस्थान में होमगार्ड की स्थापना को 57 साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन विडंबना यह है कि कार्यरत होमगार्ड्स में मात्र 41 प्रतिशत ही स्थाई नौकरी पर हैं. वहीं इनकी ड्यूटी भी रोटेट होते रहती है, जिस वजह से इन गार्ड्स को सालभर ड्यूटी भी नहीं मिल पाती है. साथ ही ड्यूटी के दौरान उन्हें सारी सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं. ऐसे में होमगार्ड्स अपने परिवार का पूरे साल गुजारा भत्ता भी नहीं जुटा पाते. इसको लेकर राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री से अपील भी की है. लेकिन किसी तरह की कोई राहत नहीं मिल पाई है.

राजस्थान में अन्य राजकीय विभागों में समस्त कर्मचारियों की सेवा अवधि 60 साल है. परंतु होमगार्ड जवानों की सेवाएं 55 साल तक की ली जाती है. इस उम्र तक यहां कार्य करने के पश्चात अन्य किसी स्थान पर इन्हें कोई श्रेणी प्राप्त नहीं होने के कारण रोजगार नहीं मिल पाता, जिसका खामियाजा भी होमगार्ड जवानों को भुगतना पड़ता है. यदि पूरे 12 माह होमगार्ड जवानों को ड्यूटी मिल जाए तो शायद इनका घर खर्चा भी पटरी पर लौटेगा और ये अपनी ड्यूटी भी अच्छे से करेंगे.

जयुपर. प्रदेश में विधानसभा, लोकसभा या फिर कोई भी इलेक्शन हो होमगार्डस अपनी दायित्व जिम्मेदारी पूर्वक निभाते हैं. यहां तक कि आमजन की सुरक्षा और फिर ट्रैफिक व्यवस्था का भी जिम्मा इनके हवाले वाला होता है. इसके बावजूद होमगार्ड को रोस्टर प्रणाली के माध्यम से ड्यूटी दी जाती है. प्रदेश में होमगार्ड हो की संख्या ज्यादा और ड्यूटी कम है. ऐसे में एक होमगार्ड को साल भर में 3 माह का काम ही मिल पाता है. इससे वे अपने काम को स्थाई तौर पर भी नहीं कर पाते हैं और परिवार के पालन-पोषण में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

राजस्थान होमगार्डस का जब छलका दर्द...

बता दें कि 6 दिसंबर को होने वाले राजस्थान होमगार्ड के 57वें स्थापना दिवस पर की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है. इसमें पहली बार कोई मुख्यमंत्री राजस्थान होमगार्ड के स्थापना दिवस में शिरकत करेंगे. एक ओर जहां होमगार्ड के जवान मुख्यमंत्री को सलामी देंगे, वहीं दूसरी ओर राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन द्वारा कई बार मुख्यमंत्री को होमगार्ड धारा अधिनियम 1962-63 में संशोधन कर होमगार्ड का नियमितीकरण करते हुए 12 माह रोजगार देने की अपील की जा चुकी है. लेकिन अब तक होमगार्ड्स की मांग पर मुख्यमंत्री ने सुनवाई नहीं की है.

कछु ऐसा है होमगार्डस का इतिहास...

गृह रक्षा संगठन की स्थापना एक स्वेच्छिक फोर्स के रूप में सर्वप्रथम 6 दिसंबर 1946 में हुई थी. उसके बाद साल 1962 में चीनी आक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को अपने-अपने स्वयं सेवी संगठनों को होमगार्ड्स के नाम से स्थापित करने के निर्देश दिए गये. जो कि संकल्प और चरित्र में स्वयंसेवी हों. इसी लिए पूरे भारत में प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर को गृह रक्षा स्थापना दिवस मनाया जाता है.

राजस्थान में होमगार्ड संगठन की स्थापना साल 1962 में राजस्थान होमगार्ड्स अध्यादेश 1962 एवं राजस्थान होमगार्ड नियम 1962 द्वारा की गई. यह संगठन राजस्थान में 57 साल पूर्ण कर चुका है. संगठन में वर्तमान में 30 हजार 714 शहरी, ग्रामीण और बॉर्डर होमगार्ड के स्वयं सेवकों का विशाल बल हैं, जिनके साथ हजारों परिवार जुड़े हुए हैं.

ये पढ़ेंः जयपुर में होमगार्ड जवानों ने किया रक्तदान, उत्साहवर्धन के लिए डीजी ने थपथपाई पीठ

डटकर खड़े रहते हैं होमगार्ड्स

राजस्थान गृह रक्षा स्वयं सेवक 57 सालों में प्रशासन पुलिस में बीएसएफ के साथ मिलकर आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था बनाए रखने, इलेक्शन ड्यूटी और सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही विभिन्न वाइटल इंस्टॉलशन्स कि सुरक्षा करते हुए अपनी योग्यता का परिचय दिया है. जिसकी समय-समय पर प्रशंसा भी की गई है. राज्य सरकार ने भी अनेक विभागों जैसे जेल, खान, बिजली, चिकित्सा स्वास्थ्य, नगर निगम एवं न्यायालयों में सुरक्षा का महत्वपूर्ण कार्य गृह रक्षा को स्वयं सेवकों को देकर उनमें अपना विश्वास जताया है. लेकिन फिर भी होमगार्ड के जवानों को पूरे साल ड्यूटी नहीं मिलती है.

ये पढ़ेंः Special: जो कभी फटे गद्दों पर सीखते थे जूडो कुश्ती, आज उस सरकारी स्कूल के बच्चे जीत रहे 'मेडल'

सालभर ड्यूटी और स्थायी नौकरी की मांग...

राजस्थान में होमगार्ड की स्थापना को 57 साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन विडंबना यह है कि कार्यरत होमगार्ड्स में मात्र 41 प्रतिशत ही स्थाई नौकरी पर हैं. वहीं इनकी ड्यूटी भी रोटेट होते रहती है, जिस वजह से इन गार्ड्स को सालभर ड्यूटी भी नहीं मिल पाती है. साथ ही ड्यूटी के दौरान उन्हें सारी सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं. ऐसे में होमगार्ड्स अपने परिवार का पूरे साल गुजारा भत्ता भी नहीं जुटा पाते. इसको लेकर राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री से अपील भी की है. लेकिन किसी तरह की कोई राहत नहीं मिल पाई है.

राजस्थान में अन्य राजकीय विभागों में समस्त कर्मचारियों की सेवा अवधि 60 साल है. परंतु होमगार्ड जवानों की सेवाएं 55 साल तक की ली जाती है. इस उम्र तक यहां कार्य करने के पश्चात अन्य किसी स्थान पर इन्हें कोई श्रेणी प्राप्त नहीं होने के कारण रोजगार नहीं मिल पाता, जिसका खामियाजा भी होमगार्ड जवानों को भुगतना पड़ता है. यदि पूरे 12 माह होमगार्ड जवानों को ड्यूटी मिल जाए तो शायद इनका घर खर्चा भी पटरी पर लौटेगा और ये अपनी ड्यूटी भी अच्छे से करेंगे.

Intro:नोट- स्पेशल स्टोरी है, इसलिए वीओ नहीं किया है. विजुअल को एक साथ जोड़कर भेजा है और अन्य इलेक्शन के भी विजुअल लगाएं. वही बाईट भी क्रमश भेजी गई है.


Body:एंकर : विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा इलेक्शन या फिर आगामी पंचायत चुनाव होमगार्ड अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यहां तक कि आमजन की सुरक्षा या फिर ट्रैफिक व्यवस्था का भी जिम्मा इनके हवाले वाला है. इसके बावजूद होमगार्ड को रोस्टर प्रणाली के माध्यम से ड्यूटी दी जाती है. प्रदेश में होमगार्ड हो की संख्या ज्यादा और ड्यूटी कम है. ऐसे में एक होमगार्ड को साल भर में 3 माह का काम ही मिल पाता है. इससे वे अपने काम को स्थाई तौर पर भी नहीं कर पाते हैं और परिवार के पालन-पोषण में विवि परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उन्होंने 12 माह ड्यूटी देने की जरूरत बताई है.

वीओ 1- एक तरफ 6 दिसंबर को होने वाले राजस्थान होमगार्ड के 57 वें स्थापना दिवस पर की तैयारियां जोर शोर से चल रही है. जिसमें पहली बार कोई मुख्यमंत्री राजस्थान होमगार्ड के स्थापना दिवस में शिरकत करेंगे. तो वहीं दूसरी तरफ वो ही होमगार्ड दिल पर पत्थर रखकर मुख्यमंत्री को परेड द्वारा सलामी देंगे. जिनके चक्कर लगाते लगाते उनका होंशला गायब होता जा रहा है. ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन द्वारा कई बार मुख्यमंत्री को होमगार्ड धारा अधिनियम 1962-63 में संशोधन कर होमगार्ड का नियमितीकरण करते हुए 12 माह रोजगार देने की अपील कर चुके है.

(पहचान- काले कोट में) बाइट- झलकन सिंह राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष, राज. होमगार्ड कर्मचारी संगठन जयपुर

वीओ 2- बताते चले कि गृह रक्षा संगठन की स्थापना एक स्वेच्छिक फोर्स के रूप में सर्वप्रथम 6 दिसंबर 1946 में हुई थी. तत्पश्चात 1962 में चीनी आक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को अपने अपने स्वयं सेवी संगठनों को 'होमगार्ड्स' के नाम से स्थापित करने के निर्देश दिए गये, जो कि संकल्प व चरित्र में स्वयंसेवी हो. इसी के मद्देनजर समस्त भारत में प्रत्येक वर्ष 6 दिसंबर को गृह रक्षा स्थापना दिवस मनाया जाता है. राजस्थान में होमगार्ड संगठन की स्थापना वर्ष 1962 में राजस्थान होमगार्ड्स अध्यादेश, 1962 एवं राजस्थान होमगार्ड नियम, 1962 द्वारा की गई. यह संगठन राजस्थान में आज 57 वर्ष पूर्ण कर चुका है. इस संगठन में वर्तमान में 30714 शहरी, ग्रामीण व बॉर्डर होमगार्ड के स्वयं सेवकों का विशाल बल है, जिनके साथ हजारों परिवार जुड़े हुए हैं. लेकिन आज विडंबना ये है कि होमगार्ड्स अपने परिवार का पूरे वर्ष गुजारा भत्ता भी नहीं जुटा पाते. जबकि उल्टे चुनावों में अफसरों की फटकार उपहार में मिले वो अलग.

(पहचान- पीले स्वेटर में) बाइट 2- प्रेमकुमार, बॉर्डर होमगार्ड, डी-कंपनी, श्रीगंगानगर

वीओ 3- राजस्थान गृह रक्षा स्वयं सेवकों निखत 57 वर्षों में प्रशासन पुलिस में बीएसएफ के साथ मिलकर आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था बनाए रखने, इलेक्शन ड्यूटी व सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही विभिन्न वाइटल इंस्टॉलशन्स कि सुरक्षा करते हुए अपनी योग्यता का परिचय दिया है. जिसकी समय-समय पर बुरी बुरी प्रशंसा की गई है. राज्य सरकार ने भी अनेक विभागों जैसे जेल,खान, बिजली, चिकित्सा स्वास्थ्य, नगर निगम एवं न्यायालयों में सुरक्षा का महत्वपूर्ण कार्य गृह रक्षा को स्वयं सेवकों को देकर उनमें अपना विश्वास जताया है. लेकिन होमगार्ड्स को जरूरत है तो सिर्फ पूरे वर्ष ड्यूटी करने की.

(पहचान- वर्दी में) बाइट- राजीव दासोत,डीजी, होमगार्ड राजस्थान

फाइनल वीओ - राजस्थान में अन्य राजकीय विभागों में समस्त कर्मचारियों की सेवावधि 60 वर्ष है परंतु होमगार्ड जवानों की सेवाएं 55 वर्ष तक की ली जाती है. इस उम्र तक यहां कार्य करने के पश्चात अन्य किसी स्थान पर इन्हें कोई श्रेणी प्राप्त नहीं होने के कारण रोजगार नहीं मिल पाता. जिसका खामियाजा भी होमगार्ड जवानों को भुगतना पड़ता है. यदि पूरे 12 माह होमगार्ड जवानों को ड्यूटी मिल जाए तो शायद इनका घर खर्चा भी पटरी पर लौटेगा और ये अपनी ड्यूटी भी ओर बेखूबी तरह से निभा पाएंगे.

.........विशाल शर्मा, ईटीवी भारत, जयपुर


Conclusion:....
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