जयपुर. शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर 10 महीने से लगी रोक सशर्त हटाई गई है. विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन (Deputation of Teachers in Rajasthan) के चलते प्रतिनियुक्ति के नाम पर सालों तक अपने मनचाहे स्थान पर डटे रहने का खेल भी बंद होगा. शिक्षा विभाग ने लंबे समय से डेपुटेशन पर लगे कार्मिकों, अधिकारियों और शिक्षकों को उनके मूल स्थान पर भेजे जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों, कार्मिकों और अधिकारियों के शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति दिए जाने पर रोक लगाई है.
विभाग की ओर से डेपुटेशन के नाम पर शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों ( स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगमों, बोर्ड, उपक्रमों, परियोजनाओं ) में काम कर रहे (stay on Deputation of Teachers removed) शिक्षकों को केवल शैक्षणिक कार्य में ही लगाने के निर्देश दिए हैं. वहीं यदि कोई अधिकारी, शिक्षक या कार्मिक प्रोबेशन पीरियड में चल रहा है तो उसकी प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्र में भी प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी. वहीं शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में या ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिनियुक्ति की जा सकेगी.
ये है गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु : (Guidelines for Deputation of Teachers in Rajasthan)
- अध्यापक लेवल प्रथम/द्वितीय की प्रतिनियुक्ति उसी जिले में की जा सकेगी.
- सेकंड ग्रेड शिक्षक की प्रतिनियुक्ति संभाग की कनिष्ठ सहायक, लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला सहायक की प्रतिनियुक्ति उनके जिले में ही हो सकेगी.
- जो संवर्ग राज्य स्तर के हैं, उनकी प्रतिनियुक्ति पूरे राज्य में कहीं भी की जा सकेगी.
- सभी स्तर के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति सामान्यतया शैक्षणिक कार्यों के लिए ही की जा सकेगी.
- शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं की जा सकेगी.
- अध्यापक/ वरिष्ठ अध्यापक/ मंत्रालयिक सेवा के कार्मिकों/पीटीआई/ लाइब्रेरियन आदि किसी की भी प्रतिबंधित जिलों से गैर प्रतिबंधित जिलों में प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी.
- प्रदेश के पांच जिले बारां, करौली, जैसलमेर, धौलपुर और सिरोही से अन्य जिलों में किसी भी अधिकारी, शिक्षक और कार्मिक की प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी.
- प्रोबेशन पीरियड में नहीं होगी डेपुटेशन.