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पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के खिलाफ प्रदेश के सरपंच लामबंद, मीटिंग का किया बहिष्कार...मंत्री बोले दादागिरी से सरकार को नहीं झुका सकते

सरपंच संघ ने लामबंद होकर पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के खिलाफ बुधवार को प्रदेश भर में पंचायतों में तालाबंदी (Sarpanch Sangh mobilized against Panchayati Raj Minister) की और पाक्षिक मीटिंग का बहिष्कार किया. सरपंच संघ ने रमेश कुमार मीणा को पद से हटाने की मांग की. वहीं मंत्री रमेश मीणा ने सरपंच संघ के बहिष्कार को लेकर कहा कि सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा था. उन्होंने कहा कि धरातल पर जिसका काम बेहतर है, उसे डरने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दादागिरी से कोई सरकार को नहीं झुका सकता है.

State Sarpanch Sangh mobilized against Panchayati Raj Ministe
प्रदर्शन करते सरपंच संघ के लोग
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Published : Jul 20, 2022, 5:36 PM IST

जयपुर. पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के खिलाफ प्रदेश भर के सरपंच लामबंद हो गए (Sarpanch Sangh mobilized against Panchayati Raj Minister) हैं. सरपंचों के खिलाफ गलत बयानबाजी को लेकर सरपंच संघ ने रमेश कुमार मीणा को हटाने की मांग की है. इसे लेकर बुधवार को प्रदेश भर के पंचायतों में तालाबंदी की गई और पाक्षिक मीटिंग का बहिष्कार किया गया. वहीं मंत्री रमेश मीणा ने सरपंच संघ के बहिष्कार को लेकर कहा कि सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा था.

सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया ने बताया कि सरपंचों की कई मांगे लंबे समय से लंबित पड़ी है. पिछले 21 मार्च को पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के साथ एक समझौता हुआ था. जिसमें 15 दिन में मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया था. लेकिन अब तक हमारी मांगें लंबित ही पड़ी है. पिछले दिनों पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा ने नागौर में बयान दिया था कि बाड़मेर और नागौर में मनरेगा के तहत 300 करोड़ का घोटाला किया गया है जिसका आरोप मंत्री ने सरपंचों पर लगाया था. इस घोटाले की जांच के लिए जांच कमेटी का भी गठन कर दिया.

पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा का बयान

पढ़ें: बन गई सहमति : सरपंच संघ और राज्य सरकार में हुआ समझौता, प्रशासन गांव के संग अभियान में सरकार को मिलेगा सरपंचों का साथ

पंचायती राज मंत्री के इस बयान के कारण सरपंच संघ में आक्रोश व्याप्त है. जयराम पलसानिया ने कहा कि मंत्री ने सरपंचों के लिए अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया है और सरपंचो पर लगाया गया घोटाले का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. पिछले 16 महीनों से सरपंचों को मनरेगा का पैसा भी नहीं मिला है. सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम ने बताया कि पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के घोटाले वाले बयान के खिलाफ ही प्रदेश भर में सरपंचों ने बुधवार को पंचायतों पर तालाबंदी की है और पाक्षिक मीटिंग का बहिष्कार किया है. इस दौरान सरपंचों ने मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. जयराम पलसानिया ने बताया कि 25 जुलाई को सरपंच संघ से जुड़े हुए सभी पदाधिकारी व सदस्य जयपुर में एकजुट होंगे और सरपंचों की मांगों को पूरा कराने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया का बयान

रमेश मीणा ने कहा उन्होंने सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा: रमेश मीणा ने यह साफ किया कि उन्होंने सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा था. जो कुछ कहा था वह अधिकारियों से कहा गया था कि अगर अनियमितता हो रही हो या धरातल पर काम नहीं हो तो उसमें अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है. उन्होंने ग्राम पंचायतों में आज तालाबंदी को लेकर कहा कि जिस ने अच्छा काम किया वह अंदर से मजबूत होता है, उसे डरने की जरूरत नहीं. लेकिन जिसने काम अच्छा नहीं किया धरातल पर नहीं किया वह बहुमत के आधार पर या दादागिरी के आधार पर सरकार को नहीं झुका सकता. उन्होंने कहा कि अभी वैसे भी बारिश का मौसम है अधिक बारिश होगी तो हम मनरेगा के काम को भी बंद कर सकते हैं तालाबंदी से कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा

वही ग्राम विकास अधिकारियों की नाराजगी को लेकर भी रमेश मीणा ने कहा कि कुछ लोग केवल राजनीति करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि ग्राम विकास अधिकारी और रखे जाएं, हम काम में पारदर्शिता चाहते हैं. काम किसी कीमत पर नहीं रुकेगा चाहे कोई हड़ताल करे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

जयपुर. पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के खिलाफ प्रदेश भर के सरपंच लामबंद हो गए (Sarpanch Sangh mobilized against Panchayati Raj Minister) हैं. सरपंचों के खिलाफ गलत बयानबाजी को लेकर सरपंच संघ ने रमेश कुमार मीणा को हटाने की मांग की है. इसे लेकर बुधवार को प्रदेश भर के पंचायतों में तालाबंदी की गई और पाक्षिक मीटिंग का बहिष्कार किया गया. वहीं मंत्री रमेश मीणा ने सरपंच संघ के बहिष्कार को लेकर कहा कि सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा था.

सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया ने बताया कि सरपंचों की कई मांगे लंबे समय से लंबित पड़ी है. पिछले 21 मार्च को पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के साथ एक समझौता हुआ था. जिसमें 15 दिन में मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया था. लेकिन अब तक हमारी मांगें लंबित ही पड़ी है. पिछले दिनों पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा ने नागौर में बयान दिया था कि बाड़मेर और नागौर में मनरेगा के तहत 300 करोड़ का घोटाला किया गया है जिसका आरोप मंत्री ने सरपंचों पर लगाया था. इस घोटाले की जांच के लिए जांच कमेटी का भी गठन कर दिया.

पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा का बयान

पढ़ें: बन गई सहमति : सरपंच संघ और राज्य सरकार में हुआ समझौता, प्रशासन गांव के संग अभियान में सरकार को मिलेगा सरपंचों का साथ

पंचायती राज मंत्री के इस बयान के कारण सरपंच संघ में आक्रोश व्याप्त है. जयराम पलसानिया ने कहा कि मंत्री ने सरपंचों के लिए अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया है और सरपंचो पर लगाया गया घोटाले का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. पिछले 16 महीनों से सरपंचों को मनरेगा का पैसा भी नहीं मिला है. सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम ने बताया कि पंचायती राज मंत्री रमेश कुमार मीणा के घोटाले वाले बयान के खिलाफ ही प्रदेश भर में सरपंचों ने बुधवार को पंचायतों पर तालाबंदी की है और पाक्षिक मीटिंग का बहिष्कार किया है. इस दौरान सरपंचों ने मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. जयराम पलसानिया ने बताया कि 25 जुलाई को सरपंच संघ से जुड़े हुए सभी पदाधिकारी व सदस्य जयपुर में एकजुट होंगे और सरपंचों की मांगों को पूरा कराने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया का बयान

रमेश मीणा ने कहा उन्होंने सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा: रमेश मीणा ने यह साफ किया कि उन्होंने सरपंचों के बारे में कुछ नहीं कहा था. जो कुछ कहा था वह अधिकारियों से कहा गया था कि अगर अनियमितता हो रही हो या धरातल पर काम नहीं हो तो उसमें अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है. उन्होंने ग्राम पंचायतों में आज तालाबंदी को लेकर कहा कि जिस ने अच्छा काम किया वह अंदर से मजबूत होता है, उसे डरने की जरूरत नहीं. लेकिन जिसने काम अच्छा नहीं किया धरातल पर नहीं किया वह बहुमत के आधार पर या दादागिरी के आधार पर सरकार को नहीं झुका सकता. उन्होंने कहा कि अभी वैसे भी बारिश का मौसम है अधिक बारिश होगी तो हम मनरेगा के काम को भी बंद कर सकते हैं तालाबंदी से कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा

वही ग्राम विकास अधिकारियों की नाराजगी को लेकर भी रमेश मीणा ने कहा कि कुछ लोग केवल राजनीति करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि ग्राम विकास अधिकारी और रखे जाएं, हम काम में पारदर्शिता चाहते हैं. काम किसी कीमत पर नहीं रुकेगा चाहे कोई हड़ताल करे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

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