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बाबरी विध्वंस केस में कोर्ट के फैसले पर बोले पूनिया, कहा- ये सत्य, धर्म और आस्था की जीत है

बाबरी विध्वंस मामले में आए न्यायालय के निर्णय को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सत्य और आस्था की जीत बताया है. जिसमें उन्होंने कहा कि 28 साल बाद न्याय की फिर जीत हुई है और आंदोलन से जुड़े राजनेता व धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेता को माननीय न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है.

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बाबरी विध्वंस केस पर बोले डॉ.सतीश पूनिया
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Published : Sep 30, 2020, 2:15 PM IST

जयपुर. बाबरी विध्वंस केस मामले में आए न्यायालय के निर्णय को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने सत्य धर्म और आस्था की जीत करार दिया है. पूनिया ने कहा कि आज 28 साल बाद न्याय की फिर जीत हुई है, जब श्री राम जन्म भूमि के आंदोलन से जुड़े राजनेता व धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेता को माननीय न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया.

बाबरी विध्वंस केस पर बोले पूनिया

पूनिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह स्वाभाविक बात है कि आस्था का सैलाब था और अचानक घटना घटित होना अपराध साबित नहीं करता. उन्होंने कहा न्यायालय के निर्णय का मैं सम्मान करता हूं और ये वास्तव में राम जी की महिमा है कि उन्होंने कहा एक तरफ रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण का शुभारंभ हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ माननीय न्यायालय ने आंदोलनकारियों को बरी किया है.

बता दें कि राम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ. सतीश पूनिया भी शामिल रहे हैं और वो कार सेवा में भी हिस्सा ले चुके हैं. वहीं, अयोध्या में साल 1992 में ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है.

पढ़ें: गहलोत सरकार स्कूल फीस को लेकर स्पष्ट नीति लागू करेः पूर्व शिक्षा मंत्री

इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, वरिष्ठ नेता उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. 28 साल तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के अपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों को तलब किया था, हालांकि कई आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे.

जयपुर. बाबरी विध्वंस केस मामले में आए न्यायालय के निर्णय को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने सत्य धर्म और आस्था की जीत करार दिया है. पूनिया ने कहा कि आज 28 साल बाद न्याय की फिर जीत हुई है, जब श्री राम जन्म भूमि के आंदोलन से जुड़े राजनेता व धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेता को माननीय न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया.

बाबरी विध्वंस केस पर बोले पूनिया

पूनिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह स्वाभाविक बात है कि आस्था का सैलाब था और अचानक घटना घटित होना अपराध साबित नहीं करता. उन्होंने कहा न्यायालय के निर्णय का मैं सम्मान करता हूं और ये वास्तव में राम जी की महिमा है कि उन्होंने कहा एक तरफ रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण का शुभारंभ हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ माननीय न्यायालय ने आंदोलनकारियों को बरी किया है.

बता दें कि राम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ. सतीश पूनिया भी शामिल रहे हैं और वो कार सेवा में भी हिस्सा ले चुके हैं. वहीं, अयोध्या में साल 1992 में ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है.

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इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, वरिष्ठ नेता उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. 28 साल तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के अपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों को तलब किया था, हालांकि कई आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे.

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