जयपुर. महारानी कॉलेज की छात्राओं के साथ कॉलेज के बाहर युवक के अश्लील हरकतों का मामला (Youth obscene act in Jaipur) सुर्खियों में आने के बाद अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस पर संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर जयपुर से 4 बिंदुओं पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. यह रिपोर्ट 9 जून को आयोग के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए गए हैं.
जस्टिस जी के व्यास ने इस मामले में मीडिया में प्रकाशित खबरों को आधार बनाकर संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष ने बालिकाओं और छात्राओं के साथ आए दिन होने वाली इन घटनाओं के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस कमिश्नर जयपुर से इन बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी (Factual report asked by human rights commission) है. इनमें ये पाइंट शामिल हैं....
- विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कोचिंग संस्थान, अन्य संस्थान इत्यादि और जहां पर कामकाजी महिलाएं/बालिकाएं कार्य/नौकरी करती हैं. उन जगहों पर द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या-क्या इंतजाम किये गए हैं.
- इस प्रकार की गंभीर घटनाओं के संबंध में मनचलों और समाजकंटकों के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई की जाती है और मनचलों एवं समाजकंटकों के खिलाफ किन-किन धाराओं में मामला दर्ज किया जाता है.
- आयोग को यह रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए कि सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्राओं की सुरक्षा के लिए क्या इतजमा किये जाते हैं.
- पिछले एक साल में हुई इस प्रकार की घटनाओं का ब्योरा प्रस्तुत करें. मनचलों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, इस बारे में भी ब्योरा प्रस्तुत करें.
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आयोग ने इन बिंदुओं पर आगामी 9 जून तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. आपको बता दें कि हाल ही में जयपुर की महारानी कॉलेज के बाहर एक युवक के छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने का मामला सामने आया था. इस प्रकरण में छात्राओं ने अश्लील हरकतें करने वाले युवक का वीडियो बनाकर पुलिस थाने तक पहुंचाया, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर शांति भंग की धारा लगाकर अपने काम की इतिश्री कर ली. यही प्रकरण जब मीडिया के जरिए सुर्खियों में आया तो मानव अधिकार आयोग ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया.
चूहे के पलकें कुतरने के मामले में 50 हजार रुपए छतिपूर्ति के आदेश: वहीं राज्य मानव अधिकार आयोग ने कोटा के सरकारी अस्पताल में भर्ती लकवा ग्रस्त महिला की पलकें चूहों के कुतर जाने के मामले में पीड़ित महिला व परिजनों को 50000 रुपए की क्षतिपूर्ति दिए जाने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में 50 फीसदी राशि दोषी चिकित्सक व कर्मचारियों के वेतन से काटने को कहा गया है.