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गहलोत सरकार रैपिड एंटीजन टेस्ट से शुरू करे कोरोना जांच : सिंघवी - rapid antigen test

भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने प्रदेश सरकार से रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना जांच शुरू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कई राज्य इस तकनीक का फायदा उठा रहे हैं.

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भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी
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Published : Sep 2, 2020, 7:06 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच अब भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने प्रदेश सरकार से रैपिड एंटीजन टेस्ट से जांच शुरू करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इसमें नाक से स्वाब लिया जाता है. इससे वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है. उन्होंने कहा कि इस टेस्ट की रिपोर्ट 20 मिनट में मिल जाती है और इसकी विश्वसनीयता भी अच्छी है.

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि देश के कई राज्य इस तकनीक का फायदा उठा रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं. इसमें नाक और गले के तालू से स्वाब लिया जाता है और वायरस के आरएनए की जांच की जाती है.

पढ़ें- प्रदेश के सभी 200 विधायकों की होगी कोरोना जांच, CM गहलोत ने दिए निर्देश

भाजपा विधायक ने कहा कि RNA वायरस का जेनेटिक मैटेरियल है. इसकी रिपोर्ट आने में सामान्य तौर पर 12 से 16 घंटे लगते हैं और टेस्टिंग के इस पद्धति की विश्वसनीयता करीब 60 से 80 फीसदी ही है. कोरोना संक्रमण के बाद भी टेस्ट नेगेटिव आ सकता है. इसलिए सरकार को प्रदेश में बिना देरी किए रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू करना चाहिए ताकि लोगों को शीघ्र पहचाना जा सके और उनका उपचार शुरू हो सके.

जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच अब भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने प्रदेश सरकार से रैपिड एंटीजन टेस्ट से जांच शुरू करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इसमें नाक से स्वाब लिया जाता है. इससे वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है. उन्होंने कहा कि इस टेस्ट की रिपोर्ट 20 मिनट में मिल जाती है और इसकी विश्वसनीयता भी अच्छी है.

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि देश के कई राज्य इस तकनीक का फायदा उठा रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं. इसमें नाक और गले के तालू से स्वाब लिया जाता है और वायरस के आरएनए की जांच की जाती है.

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भाजपा विधायक ने कहा कि RNA वायरस का जेनेटिक मैटेरियल है. इसकी रिपोर्ट आने में सामान्य तौर पर 12 से 16 घंटे लगते हैं और टेस्टिंग के इस पद्धति की विश्वसनीयता करीब 60 से 80 फीसदी ही है. कोरोना संक्रमण के बाद भी टेस्ट नेगेटिव आ सकता है. इसलिए सरकार को प्रदेश में बिना देरी किए रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू करना चाहिए ताकि लोगों को शीघ्र पहचाना जा सके और उनका उपचार शुरू हो सके.

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