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राज्य सरकार ने जारी की टाउनशिप पॉलिसी, किए कई बड़े बदलाव

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Published : Aug 11, 2020, 11:45 AM IST

Updated : Aug 11, 2020, 12:40 PM IST

निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी लागू की है. रोजगार उपलब्ध कराने को आधार मानते हुए इस पॉलिसी में होटल, मोटल और रिसॉर्ट के साथ-साथ अन्य पर्यटन इकाई के लिए भी छूट मिलेगी.

township policy,राज्य सरकार
राज्य सरकार ने जारी की टाउनशिप पॉलिसी

जयपुर: राज्य सरकार ने राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें कई बड़े बदलाव किए गए, साथ ही नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं. 90ए की कार्यवाही, आवासीय योजना, एकल भूखंड क्षेत्रफल, व्यवसायिक संस्थागत और औद्योगिक उपयोग की योजना के लिए नियमों में बदलाव किया. नए नियमों के मुताबिक 90ए की कार्रवाई के लिए पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर होना अनिवार्य है. टाउनशिप में क्लब हाउस के निर्माण को भी अनुमति मिल सकेगी. टाउनशिप में अब पहले से ज्यादा दुकानें बनाई जा सकेंगी. इसका निर्माण भूतल और पहली मंजिल पर किया जा सकेगा. इसके साथ ही योजना में निर्धारित 6 फ़ीसदी वाणिज्य क्षेत्र में दुकानें बनाई जा सकेंगी. प्रति 100 भूखंड पर अब 20 दुकानें बनाई जा सकेंगी. इससे पहले 10 दुकानों का ही प्रावधान था. ये दुकानें योजना की आंतरिक सड़कों पर बनेगी.

township policy, राज्य सरकार
राज्य सरकार ने जारी की टाउनशिप पॉलिसी

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आवासीय योजना में मोबाइल टावर लगाने के लिए भी नियमों में संशोधन कर दिया गया है. इसी के साथ 1 हेक्टेयर तक की योजना के लिए एक टावर लग सकेगा. 5 हेक्टेयर तक दो, जबकि 10 हेक्टेयर तक चार टावर और इससे बड़ी योजनाओं में हर 5 हेक्टेयर पर दो अतिरिक्त टावर के लिए स्थान आरक्षित होगा. एक टावर के लिए 10 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित होगी. वहीं पहली बार रिसॉर्ट हाउसिंग स्कीम को भी टाउनशिप पॉलिसी में शामिल किया है. संबंधित निकाय इस भूमि के लिए पट्टा जारी कर सकेंगे. नियमों में बताया गया है कि जिन योजनाओं में सीवर लाइन नहीं डाली गई है. उनमें फेकल स्लज एंड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम रखना अनिवार्य होगा. इसके अलावा वाणिज्यिक योजनाओं में 60 फ़ीसदी हिस्सा बेचने योग्य और 40 फ़ीसदी हिस्सा सुविधा क्षेत्र के तौर पर रखा जाएगा.

township policy, राज्य सरकार
राज्य सरकार ने जारी की टाउनशिप पॉलिसी

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वहीं दो हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर नर्सरी और ऑर्चर्ड योजना शुरू की जा सकेगी. संस्थानिक योजना में 55 फ़ीसदी क्षेत्र विक्रय के योग्य होगा. वही 10 फ़ीसदी क्षेत्र का व्यवसायिक उपयोग कर सकेंगे. औद्योगिक योजना का 70 फ़ीसदी क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. इको फ्रेंडली हाउसिंग स्कीम में 55 फ़ीसदी हिस्से का बेचान किया जा सकेगा. इसके अलावा वेयरहाउस के लिए भी नई पॉलिसी में नियम बनाए गए हैं. जिसके तहत सामान्य वेयरहाउसिंग के लिए न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर भूखंड जरूरी होगा. 2 हेक्टेयर भूमि पर सामान्य वेयरहाउसिंग योजना को लाया जा सकेगा. इसके अलावा कृषि संबंधी वेयरहाउसिंग के लिए 3000 वर्ग मीटर भूखंड होना जरूरी होगा. इसके साथ ही डेयरी योजना में 1000 वर्ग मीटर भूखंड होना अनिवार्य होगा.

जयपुर: राज्य सरकार ने राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें कई बड़े बदलाव किए गए, साथ ही नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं. 90ए की कार्यवाही, आवासीय योजना, एकल भूखंड क्षेत्रफल, व्यवसायिक संस्थागत और औद्योगिक उपयोग की योजना के लिए नियमों में बदलाव किया. नए नियमों के मुताबिक 90ए की कार्रवाई के लिए पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर होना अनिवार्य है. टाउनशिप में क्लब हाउस के निर्माण को भी अनुमति मिल सकेगी. टाउनशिप में अब पहले से ज्यादा दुकानें बनाई जा सकेंगी. इसका निर्माण भूतल और पहली मंजिल पर किया जा सकेगा. इसके साथ ही योजना में निर्धारित 6 फ़ीसदी वाणिज्य क्षेत्र में दुकानें बनाई जा सकेंगी. प्रति 100 भूखंड पर अब 20 दुकानें बनाई जा सकेंगी. इससे पहले 10 दुकानों का ही प्रावधान था. ये दुकानें योजना की आंतरिक सड़कों पर बनेगी.

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आवासीय योजना में मोबाइल टावर लगाने के लिए भी नियमों में संशोधन कर दिया गया है. इसी के साथ 1 हेक्टेयर तक की योजना के लिए एक टावर लग सकेगा. 5 हेक्टेयर तक दो, जबकि 10 हेक्टेयर तक चार टावर और इससे बड़ी योजनाओं में हर 5 हेक्टेयर पर दो अतिरिक्त टावर के लिए स्थान आरक्षित होगा. एक टावर के लिए 10 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित होगी. वहीं पहली बार रिसॉर्ट हाउसिंग स्कीम को भी टाउनशिप पॉलिसी में शामिल किया है. संबंधित निकाय इस भूमि के लिए पट्टा जारी कर सकेंगे. नियमों में बताया गया है कि जिन योजनाओं में सीवर लाइन नहीं डाली गई है. उनमें फेकल स्लज एंड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम रखना अनिवार्य होगा. इसके अलावा वाणिज्यिक योजनाओं में 60 फ़ीसदी हिस्सा बेचने योग्य और 40 फ़ीसदी हिस्सा सुविधा क्षेत्र के तौर पर रखा जाएगा.

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वहीं दो हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर नर्सरी और ऑर्चर्ड योजना शुरू की जा सकेगी. संस्थानिक योजना में 55 फ़ीसदी क्षेत्र विक्रय के योग्य होगा. वही 10 फ़ीसदी क्षेत्र का व्यवसायिक उपयोग कर सकेंगे. औद्योगिक योजना का 70 फ़ीसदी क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. इको फ्रेंडली हाउसिंग स्कीम में 55 फ़ीसदी हिस्से का बेचान किया जा सकेगा. इसके अलावा वेयरहाउस के लिए भी नई पॉलिसी में नियम बनाए गए हैं. जिसके तहत सामान्य वेयरहाउसिंग के लिए न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर भूखंड जरूरी होगा. 2 हेक्टेयर भूमि पर सामान्य वेयरहाउसिंग योजना को लाया जा सकेगा. इसके अलावा कृषि संबंधी वेयरहाउसिंग के लिए 3000 वर्ग मीटर भूखंड होना जरूरी होगा. इसके साथ ही डेयरी योजना में 1000 वर्ग मीटर भूखंड होना अनिवार्य होगा.

Last Updated : Aug 11, 2020, 12:40 PM IST
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