जयपुर. कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव के चारों चरण सुरक्षित और सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं. इन चरणों में प्रदेश के 82.78 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो जनवरी में हुए चुनाव से ज्यादा है. महामारी के दौर में हुए मतदान पूरे देश में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. संक्रमण के बीच चुनाव सम्पन्न करना राज्य निर्वाचन आयोग के सामने बड़ी चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में ETV भारत से खास बात में आयोग के सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव कराकर हमनें साहस नहीं दुस्साहस किया और हम सफल भी रहे.
राज्य निर्वाचन आयोग की मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्यामसिंह राजपुरोहित ने कहा कि यह सही है कि जब चुनाव कराने को लेकर निर्णय लिया गया, उसमें वाकई बहुत बड़ी चुनौती के रूप में हमनें स्वीकार किया. जब पूरे देश में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा था, उस समय चुनाव कराने को लेकर निर्णय लेना वाकई एक बड़ा साहस भरा काम था.
श्याम सिंह राजपुरोहित ने कहा कि ये चुनाव कराने का निर्णय लेना साहस का नहीं बल्कि दुस्साहस का काम हमनें किया था, लेकिन इसमें राज्य निर्वाचन आयोग की टीम के साथ-साथ जिला निर्वाचन की टीम ने भी पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ में काम किया और हमनें इसमें सफलता हासिल की. अब राज्य में चुनाव की घोषणा हुई तो किसी को भी यकीन नहीं था कि कोरोना संक्रमण महामारी के साए में पंचायत के चुनाव भी हो सकते हैं. लेकिन आयोग की टीम ने स्थानीय प्रशासन के लिए मतदाताओं को यह विश्वास दिलाने में कामयाब हो गई कि यदि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मतदाता सहयोग करें, तो सुरक्षित चुनाव संभव है.
निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान एक नारा दिया था कि 'कोरोना से बचाओ भी चुनाव में मतदान भी' इसी नारे के साथ हम आगे बढ़े और चारों चरणों में सफलतापूर्वक मतदान कराने में सफल रहे. श्याम सिंह राजपूत ने कहा कि जो चार लाइन की गाइडलाइन हमने जारी की थी, उससे हम इस तरीके से कवच बना पाए कि किसी भी क्षेत्र में जहां पर चुनाव हुए, वहां पर चुनाव संपन्न होने के बाद भी कोई संक्रमण फैलने जैसा खतरा सामने नहीं आया.
माइक्रो मैनेजमेंट से हारा कोरोना
श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि राज्य में पंचायत चुनाव को दो तरीकों से देखा जा सकता है. प्रथम चरण के चुनाव में 83.85 प्रतिशत मतदान हुआ. कोरोना संक्रमण के दौरान लग रहा था कि मतदाता मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकलेंगे, लेकिन आयोग द्वारा कोरोना के लिए तैयार किया गया. माइक्रो मैनेजमेंट प्लान को देखते हुए मतदाता बाहर ही नहीं निकले, बल्कि रिकॉर्ड 82.25 फीसदी मतदान कर साबित कर दिया. आयोग द्वारा संक्रमण के नियंत्रण के लिए तैयारी की गई थी.
घूंघट पर भी मास्क अनिवार्य
आयोग के सचिव श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि आयोग की मंशा थी कि कोई भी मतदाता बिना मास्क के मतदान केंद्र में प्रवेश नहीं करें. जिससे संक्रमण का प्रसार ना हो. मतदाताओं ने भी इस मंशा को बखूबी समझा और मास्क लगाकर ही मतदान केंद्रों पर पहुंचे. पहले चरण में आयोग को लगा कि पुरुष तो मास्क लगा कर आ रहे हैं, लेकिन महिलाएं बतौर मास्क अपने पल्लू या आंचल को काम में ले रही थी. इससे संक्रमण की आशंका को देख कर तीसरे चरण के लिए आयोग ने घूंघट में भी मास्क का नारा दिया. मतदाता सतर्क और सजग थे. ग्रामीणों ने आयोग के नारे को हाथों-हाथ लिया और तीसरे और चौथे चरण में मतदाताओं ने कतार में महिला मतदाताओं मास्क लगा कर नजर आई.
कोरोना संक्रिमत को चुनाव लड़ने और मतदान का दिया मौका
आयोग के सचिव श्यामसिंह राजपूत ने बताया कि इस बार पंचायत चुनाव पर पूरे देश की नजर थी. आयोग ने कोरोना संक्रिमत व्यक्ति को मतदान करने और उम्मीदवार बनने का मौका दिया. आयोग ने इसके लिए विशेष रणनीति बनाए और मेडिकल द्वारा सुझाए सभी प्रोटोकॉल की पालना के साथ सुरक्षित मतदान का मौका भी दिया. आयोग ने प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को डोर टू डोर पांच व्यक्ति से ज्यादा नहीं जाने, प्रचार के दौरान मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए 2 गज की दूरी बनाए रखने, उम्मीदवारों समर्थकों द्वारा निश्चित समय के अंतराल में हाथों को बार-बार धोने की गाइडलाइन के निर्देश दिए.
जिस पर आमजन ने स्वीकार कर सतर्कता भी दिखाई. चुनाव में खास बात यह थी कि कोई भी संक्रमित मतदाता हो या उम्मीदवार उन्हें भाग लेने का मौका दिया गया. बड़ी संख्या में संक्रमित मतदाताओं ने पीपीई किट पहनकर मतदान किया. हालांकि मतदाताओं को मतदान के सबसे आखरी में मतदान करने के लिए बुलाया गया था. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं हो.
ग्राम पंचायत से ज्यादा नगर निकाय चुनाव बड़ी चुनौती
आयोग के सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित ने कहा कि यह सही है कि ग्राम पंचायत चुनाव से ज्यादा स्थानीय नगर निकाय के चुनाव बड़ी चुनौती है. लेकिन चुनौती चुनौती होती है, चाहे फिर वह बड़ी हो या छोटी. ग्राम पंचायत के चुनाव कराने का निर्णय लिया. उस समय यह सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने थी, लेकिन जब हमने अब ग्राम पंचायत के चारों चरण के चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न करा लिए और 3 जिलों की 6 नगर निगमों के चुनाव की तारीखों का कार्यक्रम जारी कर दिया, तो अभी एक चुनौती के रूप में दिख रही है, लेकिन निर्वाचन आयोग पूरी कोशिश करेगा कि जिस तरीके से ग्राम पंचायत चुनाव में सफलता हासिल की. उसी तरीके से नगर निगम चुनाव में भी हम सफलता हासिल करेंगे.
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आयोग की अपील
आयोग की सचिव श्याम सिंह राजपुरोहित मतदाताओं से अपील की है कि वह मतदान के दौरान आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना करें. मतदाता अगर कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हैं, तो सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न करा पाएंगे.