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बिना अधिकार पति ने निकाले खाते से रुपये, उपभोक्ता आयोग ने बैंक पर लगाया सवा पांच लाख रुपए का हर्जाना

जयपुर में राज्य उपभोक्ता आयोग ने आदेश दिया है कि बिना अनुमति बैंक खाते में सहखातेदार बनाकर एटीएम कार्ड जारी करने पर देना बैंक पर पांच लाख 25 हजार रुपए का हर्जाना अदा करे. साथ ही खाते से निकाले गए 51 लाख 20 हजार रुपए ब्याज सहित चुकाएं.

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Published : Oct 26, 2019, 8:36 PM IST

State consumer commission, जयपुर की खबर

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिना अनुमति बैंक खाते में सहखातेदार बनाकर एटीएम कार्ड जारी करने पर देना बैंक पर पांच लाख 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने खाते से निकाले गए 51 लाख 20 हजार रुपए ब्याज सहित अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश रानी मिश्रा की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी का पांच बत्ती स्थित देना बैंक में बचत खाता है. बैंक में कार्यरत परिवादी का पति परिवादी की सहमति के बिना बचत खाते में सहखातेदार बन गया और एटीएम कार्ड जारी करवा लिया.

पढ़ेंः सीकर ऑनर किलिंग मामला : पिता सहित अबतक 6 आरोपी गिरफ्तार, फरार चल रहे अन्य 6 की तलाश जारी

वहीं, कुछ दिनों में खाते से सारी राशि निकाल ली. जिसके चलते परिवादी ने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई. परिवाद में कहा गया कि बैंक ने उसकी सहमति के बिना उसके पति को सहखातेदार बनाया है. इसके अलावा लेनेदेन की जानकारी भी उसके पंजीकृत नंबर पर नहीं भेजी.

पढ़ें- जयपुर एयरपोर्ट से दिवाली से शुरू होंगी 5 नई फ्लाइट्स

परिवाद पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक को आदेश दिया कि वे खाते से निकाली गई 51 लाख बीस हजार की राशि नौ फीसदी ब्याज सहित जमा करे और मानसिक संताप के तौर पर 5 लाख 25 हजार रुपए परिवादी को अदा करे.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिना अनुमति बैंक खाते में सहखातेदार बनाकर एटीएम कार्ड जारी करने पर देना बैंक पर पांच लाख 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने खाते से निकाले गए 51 लाख 20 हजार रुपए ब्याज सहित अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश रानी मिश्रा की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी का पांच बत्ती स्थित देना बैंक में बचत खाता है. बैंक में कार्यरत परिवादी का पति परिवादी की सहमति के बिना बचत खाते में सहखातेदार बन गया और एटीएम कार्ड जारी करवा लिया.

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वहीं, कुछ दिनों में खाते से सारी राशि निकाल ली. जिसके चलते परिवादी ने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई. परिवाद में कहा गया कि बैंक ने उसकी सहमति के बिना उसके पति को सहखातेदार बनाया है. इसके अलावा लेनेदेन की जानकारी भी उसके पंजीकृत नंबर पर नहीं भेजी.

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परिवाद पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक को आदेश दिया कि वे खाते से निकाली गई 51 लाख बीस हजार की राशि नौ फीसदी ब्याज सहित जमा करे और मानसिक संताप के तौर पर 5 लाख 25 हजार रुपए परिवादी को अदा करे.

Intro:जयपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिना अनुमति बैंक खाते में सहखातेदार बनाकर एटीएम कार्ड जारी करने पर देना बैंक पर पांच लाख 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही आयोग ने खाते से निकाले गए 51 लाख 20 हजार रुपए ब्याज सहित अदा करने को कहा है। आयोग ने यह आदेश रानी मिश्रा की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:परिवाद में कहा गया कि परिवादी का पांच बत्ती स्थित देना बैंक में बचत खाता है। बैंक में कार्यरत परिवादी का पति परिवादी की सहमति के बिना बचत खाते में सहखातेदार बन गया और एटीएम कार्ड जारी करवा लिया। वहीं कुछ दिनों में खाते से सारी राशि निकाल ली। जिसके चलते परिवादी ने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई। परिवाद में कहा गया कि बैंक ने उसकी सहमति के बिना उसके पति को सहखातेदार बनाया है। इसके अलावा लेनेदेन की जानकारी भी उसके पंजीकृत नंबर पर नहीं भेजी। परिवाद पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक को आदेश दिया कि वे खाते से निकाली गई 51 लाख बीस हजार की राशि नौ फीसदी ब्याज सहित जमा करे और मानसिक संताप के तौर पर 5 पांच 25 हजार रुपए परिवादी को अदा करे। 


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