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सीएम गहलोत का होम क्वारंटाइन 15 दिन में ही खत्म, राज्यपाल से मिले... मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों ने फिर पकड़ा जोर

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Published : Jul 1, 2021, 11:08 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना संक्रमित होने के बाद Post-Covid repercussions को देखते हुए एक से दो महीने व्यक्तिगत रूप से किसी से मुलाक़ात नहीं करने की डॉक्टर कि सलाह पर दो माह के लिए होम क्वारंटाइन थे, लेकिन आज राज्यपाल के जन्मदिन पर बधाई देने वह राजभवन पहुंचे जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है.

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सीएम गहलोत राज्यपाल से मिले

जयपुर. कभी मंत्रिमंडल विस्तार तो कभी पायलट गुट और सीएम गुट का जुबानी हमला यह दर्शा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस और सरकार में न पहले कुछ सामान्य था और न अब है. राजस्थान की राजनीति हर गुजरते दिन के साथ एक नया मोड़ ले रही है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सीएमआर से बाहर निकलने पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना संक्रमित होने के बाद Post-Covid repercussions को देखते हुए एक से दो महीने व्यक्तिगत रूप से किसी से मुलाक़ात नहीं करने की डॉक्टर कि सलाह पर दो माह के लिए होम क्वारंटाइन थे, लेकिन आज राज्यपाल के जन्मदिन पर बधाई देने वह राजभवन पहुंचे जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है.

पढ़ें: सीएम गहलोत के 3 महीने बाद घर से बाहर निकलने पर BJP का कटाक्ष, कहा- क्वॉरेंटाइन खत्म, अब तो कर दो मंत्रिमंडल विस्तार

राजस्थान में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आज का राजभवन दौरा चर्चा में है. हालांकि सीएम गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र को उनके जन्मदिन की बधाई देने के लिए गए थे. प्रोटोकॉल के तहत यह होता भी रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री ऐसे विशेष दिन पर व्यक्तिगत रूप से राज्यपाल से मुलाकात करे, लेकिन गहलोत की इस मुलाकात के बाद चर्चाएं इसलिए ज्यादा हो रही हैं क्योंकि मुख्यमंत्री पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे और डॉक्टर की सलाह पर Post-Covid repercussions को देखते हुए किसी मुलाक़ात नहीं कर रहे थे. आज अचानक वह सीएमआर से बाहर निकल गए.

क्या कहा था 14 जून को

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से 14 जून को बयान जारी करते हुए कहा गया था कि कोविड संक्रमित होने के बाद से Post-Covid repercussions को देखते हुए डॉक्टर्स की सलाह पर वह एहतियातन किसी से भी एक से दो महीने तक व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात नहीं कर पाएंगे. उसके बाद से सभी मीटिंग और बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंस और वीडियो कॉल से की जा रही हैं.

पढ़ें: राजस्थान की बेटियां होंगी पढ़ाई में और अव्वल, 7 जिलों की 4 हजार बेटियों को मिलेंगे टैबलेट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्माा की ओर से यह शेड्यूल ऐसे मौके पर जारी किया गया था जब प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात करने के बाद जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह रहे थे. सचिन पायलट के समर्थक विधायकों की ओर से भी मंत्रिमंडल विस्तार की मांग जोरों पर उठ रही थी. उस वक्त यह माना जा रहा था कि अब जब सीएम अशोक गहलोत अगले एक दो महीने किसी से मुलाकात नहीं करेंगे और सीएमआर से बाहर नहीं निकलेंगे तो यह मंत्रिमंडल विस्तार में भी देर होनी तय है.

जुलाई में मंत्रिमंडक विस्तार नहीं तो फिर लटकेगा 2 माह

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सीएमआर से बाहर निकलने के साथ ही अब इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि सीएम का Post-Covid repercussions (पोस्ट कोविड परिणाम) खत्म हो गया है तो जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि सरकार जुलाई के अंत तक मंत्रिमंडल विस्तार कर देती है तो हो जाएगा नहीं तो फिर यह 2 महीने आगे खिसक जाएगा. क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग 12 जिलों में पंचायत चुनाव को लेकर कार्यक्रम जारी करने की तैयारी में है.

पंचायत राज विभाग की ओर से पंचायतों की लॉटरी निकालने का कार्यक्रम खत्म होने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची प्रकाशन की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया तो फिर सरकार अगस्त और सितंबर तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर सकेगी.

जयपुर. कभी मंत्रिमंडल विस्तार तो कभी पायलट गुट और सीएम गुट का जुबानी हमला यह दर्शा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस और सरकार में न पहले कुछ सामान्य था और न अब है. राजस्थान की राजनीति हर गुजरते दिन के साथ एक नया मोड़ ले रही है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सीएमआर से बाहर निकलने पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना संक्रमित होने के बाद Post-Covid repercussions को देखते हुए एक से दो महीने व्यक्तिगत रूप से किसी से मुलाक़ात नहीं करने की डॉक्टर कि सलाह पर दो माह के लिए होम क्वारंटाइन थे, लेकिन आज राज्यपाल के जन्मदिन पर बधाई देने वह राजभवन पहुंचे जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है.

पढ़ें: सीएम गहलोत के 3 महीने बाद घर से बाहर निकलने पर BJP का कटाक्ष, कहा- क्वॉरेंटाइन खत्म, अब तो कर दो मंत्रिमंडल विस्तार

राजस्थान में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आज का राजभवन दौरा चर्चा में है. हालांकि सीएम गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र को उनके जन्मदिन की बधाई देने के लिए गए थे. प्रोटोकॉल के तहत यह होता भी रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री ऐसे विशेष दिन पर व्यक्तिगत रूप से राज्यपाल से मुलाकात करे, लेकिन गहलोत की इस मुलाकात के बाद चर्चाएं इसलिए ज्यादा हो रही हैं क्योंकि मुख्यमंत्री पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे और डॉक्टर की सलाह पर Post-Covid repercussions को देखते हुए किसी मुलाक़ात नहीं कर रहे थे. आज अचानक वह सीएमआर से बाहर निकल गए.

क्या कहा था 14 जून को

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से 14 जून को बयान जारी करते हुए कहा गया था कि कोविड संक्रमित होने के बाद से Post-Covid repercussions को देखते हुए डॉक्टर्स की सलाह पर वह एहतियातन किसी से भी एक से दो महीने तक व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात नहीं कर पाएंगे. उसके बाद से सभी मीटिंग और बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंस और वीडियो कॉल से की जा रही हैं.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्माा की ओर से यह शेड्यूल ऐसे मौके पर जारी किया गया था जब प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात करने के बाद जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह रहे थे. सचिन पायलट के समर्थक विधायकों की ओर से भी मंत्रिमंडल विस्तार की मांग जोरों पर उठ रही थी. उस वक्त यह माना जा रहा था कि अब जब सीएम अशोक गहलोत अगले एक दो महीने किसी से मुलाकात नहीं करेंगे और सीएमआर से बाहर नहीं निकलेंगे तो यह मंत्रिमंडल विस्तार में भी देर होनी तय है.

जुलाई में मंत्रिमंडक विस्तार नहीं तो फिर लटकेगा 2 माह

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सीएमआर से बाहर निकलने के साथ ही अब इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि सीएम का Post-Covid repercussions (पोस्ट कोविड परिणाम) खत्म हो गया है तो जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि सरकार जुलाई के अंत तक मंत्रिमंडल विस्तार कर देती है तो हो जाएगा नहीं तो फिर यह 2 महीने आगे खिसक जाएगा. क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग 12 जिलों में पंचायत चुनाव को लेकर कार्यक्रम जारी करने की तैयारी में है.

पंचायत राज विभाग की ओर से पंचायतों की लॉटरी निकालने का कार्यक्रम खत्म होने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची प्रकाशन की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया तो फिर सरकार अगस्त और सितंबर तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर सकेगी.

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