जयपुर. ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन अजमेर पहुंच रहे हैं. जायरीनों के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी की ओर से अजमेर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर कायड़ विश्राम स्थली में ठहरने की व्यवस्था की गई है. कायड़ विश्राम स्थली को देख ऐसा लग रहा है, मानों जैसे जायरीनों की बस्ती ही बस गई हो. यहां जायरीनों के हजार से अधिक वाहन हर रोज अजमेर पहुंच रहे हैं.
कायड़ विश्राम स्थली में जायरीनों को ठहरने और खाने-पीने के अलावा सभी मूलभूत सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इतना ही नहीं कायड़ विश्राम स्थली में एक अस्थाई बाजार भी बनाया गया है, जिससे जायरीनों को उनकी पसंद का समान पास में ही उपलब्ध हो सके. राजस्थान रोडवेज द्वारा संचालित लगभग 200 बसों द्वारा जायरीनों को बेहद कम शुल्क में अजमेर लाया और ले जाया जा रहा है.
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दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने बताया कि गरीब नवाज की दरगाह में जियारत को आने वाले जायरीनों को कायड़ विश्राम स्थली में सामाजिक सद्भावना का एक अलग ही माहौल देखने को मिलता है. यहां पर कई राज्यों से आए सभी धर्मों के जायरीन बिना किसी भेदभाव के एक साथ रहते हैं.
दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम आदिल ने बताया कि जायरीनों के लिए बनाए गए इस विश्राम स्थल में सभी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था के अलावा यहां बिजली, पानी और शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था की गई है. आदिल ने बताया, कि महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में आयोजित होने वाला उर्स दुनिया में एकमात्र ऐसा उर्स है, जो 6 दिन से भी अधिक चलता है.
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बता दें कि ख्वाजा साहब की दरगाह में हर दिन लाखों की संख्या में जायरीन अजमेर पहुंच रहे हैं. उर्फ के आयोजन को बेहतर ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी की ओर से शहर से 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर कायड़ विश्राम स्थली बनाई गई. इस कायड़ विश्राम स्थली से न केवल अजमेर शहर के ट्रैफिक को अच्छे से कंट्रोल किया जा रहा है, बल्कि दूर-दराज से आने वाली जायरीनों को बहुत ही कम खर्चे में ठहरने और खाने की उत्तम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है.