जयपुर. राजस्थान में कोयले की आपूर्ति (coal supply) बढ़ने से बिजली संकट में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. लेकिन प्रदेश में दोबारा बिजली संकट पैदा न हो, इसके लिए बिजली कंपनियों और प्रदेश सरकार को अपनी गलतियों से सबक लेना होगा.
इस मसले पर ईटीवी भारत ने की ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला से बात की. इस दौरान डिस्कॉम पर करोड़ों रुपए के सरकारी बकाया भुगतान के मसले पर कल्ला ने कहा कि जब केंद्र सरकार ही राज्यों को उनके हिस्से के करों का पैसा समय पर नहीं देती, तो हम आगे कैसे भुगतान करेंगे. हमें पूरा कोयला मिले तो आज ही स्थिति सामान्य हो जाए.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान डॉ. बी.डी कल्ला ने कहा कि बिजली संकट का प्रमुख कारण कोयले का भुगतान नहीं, बल्कि राजस्थान को होने वाली कोयले की कम आपूर्ति थी. कल्ला ने कहा इस सिलसिले में जब उन्होंने दिल्ली तक दौड़ लगाई तो हालात सुधरने लगे. अब कोल इंडिया (Coal India) सहित अन्य जगह से कोयले की आपूर्ति धीरे-धीरे बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि जिस दिन हमें 11 से 12 रैक कोयला प्रतिदिन कोल इंडिया से मिलना शुरू हो जाएगा, तब स्थिति सामान्य हो जाएगी. ऊर्जा मंत्री ने कोयले का समय पर भुगतान नहीं होने के कारण बिजली के संकट की बात से भी इनकार किया और कहा कि प्रदेश सरकार ने 1785 करोड़ का भुगतान कोयले के लिए किया है. बाकी सरकारों में भुगतान आगे-पीछे होता ही है.
केंद्र सरकार समय पर नहीं करती केंद्रीय करों का भुगतान
ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला से ईटीवी भारत ने जब बिजली संकट के बाद अपनी गलतियों से सबक लेने और सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सवाल किया तो ऊर्जा मंत्री ने कहा कि डिस्कॉम की माली हालत आज से नहीं बल्कि पिछली सरकार के समय से ही खराब थी. एक लाख करोड़ से ज्यादा का घाटा और देनदारियां बिजली क्षेत्र की सरकारी कंपनियों पर थी. घाटा कम होने के बजाय बढ़ने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमने बिजली की छीजत पौने 3 प्रतिशत तक कम की है. जब केंद्र सरकार ही समय पर राज्यों को केंद्रीय करों (central tax) का हिस्सा नहीं देती तो फिर हम कैसे समय पर डिस्कॉम को सब्सिडी या अन्य चीजों का भुगतान करें.
कोरोना के कारण प्रदेश की आय 70% तक घटी
प्रदेश में जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम पर 87 हजार करोड़ की देनदारियां हैं. डिस्कॉम को राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को करीब 27000 करोड़ रुपए बिजली खरीद के एवज में चुकाना है. इसी तरह प्रदेश सरकार को विभिन्न सब्सिडी की एवज में डिस्कॉम को करीब 18000 करोड़ का भुगतान करना है. 2 हजार करोड़ का भुगतान सरकारी भवन और कार्यालयों में बिजली के बिल के एवज में करना है. प्रदेश सरकार डिस्कॉम को समय पर यह भुगतान नहीं करती, जिसके कारण डिस्कॉम का घाटा लगातार बढ़ रहा है.
ऊर्जा मंत्री कहते हैं कि इसमें सुधार करने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है. लेकिन हमारी सरकार के कार्यकाल में कोरोना का कालखंड आ गया और इस दौरान प्रदेश की आय में 70% की गिरावट हो गई. बावजूद इसके हमने डिस्कॉम का घाटा दूर करने के लिए बिजली चोरी और छीजत में पौने 3 प्रतिशत की कमी की. ऊर्जा मंत्री के अनुसार 1% बिजली छीजत में कमी से 450 करोड़ का फायदा होता है.